बिहार की पहली मुस्लिम महिला DSP बनी रज़िया ने नई मिसाल कायम की है:
जहां विश्व भर में इस बात पर अक्सर विवाद छिड़ा रहता है की एक मुसलमान महिला को बुर्के में रहना चाहिए या नहीं वही इन सब बातों से आगे निकलकर बिहार के गोपालगंज में पैदा हुई रज़िया सुल्तान ने इन सारे ढकोसलों को बेबुनियाद साबित कर दिया है। रज़िया यूं तो पैदा हुई बिहार के गोपालगंज में लेकन पिताजी की नौकरी SAIL में होने की वजह से इनका पालन पोषण और शिक्षा बोकारो से हुई। इसके बाद उच्च शिक्षा के लिए ये राजस्थान के जोधपुर गई और वहाँ उन्होंने इलेक्ट्रिकल एंड इलेक्ट्रॉनिक से इंजीनियरिंग की पढ़ाई की। शिक्षा पूरी होने के बाद उन्होंने बिहार स्टेट पावर ट्रांसमिशन कंपनी में इलेक्ट्रिकल इंजीनियर के तौर पर काम करना शुरू किया. 2017 से यहां पर रज़िया नौकरी कर रही हैं, 2018 अगस्त में उन्होंने BPSC का फॉर्म भरा था, और तैयारी शुरू की थी. बिना कोचिंग के ही पढ़ाई की. क्योंकि नौकरी के कारण कोचिंग का टाइम नहीं मिलता था, दूसरा ज्यादातर कोचिंग हिंदी मीडियम से थीं और रज़िया ने इंग्लिश मीडियम में पेपर दिया है.
रज़िया सुल्तान के नाम को दोबारा चर्चे में लाया:
इतिहास में हम सबने रज़िया सुल्तान के बारे में पढ़ा तो जरूर होगा। हाँ वही रज़िया सुल्तान जो दिल्ली की सल्तनत पर राज करने वाली पहली मुगल महिला शासक थीं। ठीक इसी तरह बिहार में DSP का पद ग्रहण करने वाली ये पहली महिला हैं। बिहार पब्लिक सर्विस कमिशन (BPSC) के नतीजे हाल ही में आए. इसमें रज़िया डायरेक्ट DSP बनीं. BPSC के ज़रिए सीधे बिहार की DSP बनने वाली पहली मुस्लिम महिला रज़िया ही हैं.
एक चैनल से बात करते हुए उन्होंने कहा:-
“प्री के बाद तो मैं काफी श्योर थी कि मेन्स में हो जाएगा. उसके बाद मैंने तैयारी शुरू कर दी थी इंटरव्यू की. रिज़ल्ट आने में एक साल का टाइम लगा. प्री का एग्ज़ाम 2018 में हुआ था, जुलाई 2019 में मेन्स हुआ था, अभी फरवरी 2021 में इंटरव्यू हुआ था मेरा. मेन्स के बाद मैं काफी कॉन्फिडेंट थी कि मुझे ज़रूर कॉल आएगा. मैं औरतों को ये मैसेज देना चाहती हूं कि बहुत कठिनाइयां आएंगी, लोग रोकेंगे. समाज में लोग बहुत कुछ कहेंगे. न केवल महिलाओं से, बल्कि उनके माता-पिता से भी मेरा निवेदन है कि वो अपनी बेटियों को पढ़ाएंI”
रज़िया बताती हैं कि उनके परिवार का हमेशा से उन्हें समर्थन मिला. अपने काम को लेकर कहती हैं कि उनकी प्राथमिकता क्राइम को कंट्रोल करने की रहेगी. महिलाओं के साथ जो भी उत्पीड़न होता है, उसे कम करने की कोशिश करेंगी, और इन मामलों को रिपोर्ट किया जाए, इसे बढ़ावा देने का भी प्रयास करेंगीI
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