पटना: बिहार सरकार के मंत्री शाहनवाज हुसैन ने कहा कि लेदर, टेक्सटाइल, एथनॉल उत्पादन, फ़ूड पार्क इंडस्ट्रीज की फलने फूलने की अपार संभावना है बिहार में।
उन्होंने यह भी कहा कि केंद्र और राज्य सरकार के बीच तालमेल से ऐसा माहौल बन रहा है कि बिहार में उद्यमियों की दिलचस्पी तेजी से बढ़ी है। सोमवार को “बिहार में कृषि आधारित उद्योग की संभावनाएं” विषय पर सूचना प्रसारण मंत्रालय, भारत सरकार के रीजनल आउटरीच ब्यूरो द्वारा आयोजित वेबिनार में उद्योग मंत्री ने कहा कि उनका विभाग इथेनॉल और ऑक्सीजन उत्पादन पॉलिसी के बाद बहुत जल्द टेक्सटाइल और लेदर पॉलिसी लाने की तैयारी में है। किशनगंज का पांजीपाड़ा चमड़ा उद्योग का गढ़ है। यहां से बेहतरीन चमड़ा देश विदेश तक जाता है। उसी के पास लेदर प्रोसेसिंग यूनिटों का हब बनाने की कार्य योजना पर तेजी से काम चल रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि कई बड़ी कंपनियां बिहार आने के लिए प्रस्ताव दे चुकी हैं और कई कंपनियों के प्रस्ताव आ रहे हैं।
और पढ़े: सुपौल के लोगों की बदलने वाली है किस्मत, जिंदल ग्रुप करने जा रहा 500 करोड़ का निवेश
उद्योग मंत्री ने एक और अहम जानकारी दी कि बिहार के मुज्जफरपुर के मोतीपुर में 400 करोड़ के मेगा फूड पार्क के बाद अब पाँच मिनी फूड पार्क भी बिहार को मिलना तय हो गया है। केंद्रीय कृषि और खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर जी से उनके आग्रह के बाद बिहार को कम से कम पाँच मिनी फूड पार्क मिलना तय हो गया है। बिहार के विभिन्न प्रमंडलों के लिए प्रस्तावित प्रत्येक मिनी फूड पार्क में कम से कम पाँच औद्योगिक इकाइयां खुलेंगी।
शाहनवाज हुसैन ने यह भी कहा कि बिहार में कृषि आधारित उद्योगों की अपार संभावनाएं हैं। राज्य निवेश प्रोत्साहन पर्षद को बिहार में 6199 करोड़ के जो निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं, उनमें से 4616 करोड़ के यानी 74% निवेश प्रस्ताव फूड प्रोसेसिंग सेक्टर से जुड़े हैं। फूड प्रोसेसिंग सेक्टर के निवेश प्रस्तावों का भी ब्रेकअप देखें तो उसमें 3071 करोड़ रुपये यानी 67 फीसदी निवेश प्रस्ताव इथेनॉल उत्पादन से जुड़े हैं।
इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि अब राज्य में सुविधाएं बढ़ गयी है और औधोगिक विकास के लिए जरूरी रोड, वायु और जल मार्ग भी विकसित हो गए हैं और बहुत सारे जगह पर कंटेनर डिपो भी बनाये जा रहे है।
और पढ़े: मीठापुर बस स्टैंड के बंद होने पर लोगों कि क्या प्रतिक्रिया है, जानिए!