पटना: अब लगता तो ऐसा है कि यहां गलत को गलत कहना ही ‘गलत’ है। अगर गलत हो रहा है तो चुपचाप देखिए और अगर देखने की शक्ति नहीं है तो आंख बंद कर चुपचाप सो जाइए लेकिन अगर उसके खिलाफ आपने मुंह खोला तो सवाल आपसे पूछा जाएगा और जवाब आपसे ही मांगा जाएगा।
वैसे भी भारतीय जनता पार्टी के अंदर अनुशासन बड़ा तेजी से टूट जाता है लेकिन अनुशासन टूटने का भी कुछ क्राइटेरिया तय किया गया है। जैसे कि अगर आप पार्टी के फैसले के विरोध में या फिर पार्टी जिसे समर्थन कर रही है उसके बारे में गलत बोल देंगे या फिर सवाल उठा देंगे तो आपके उपर कार्रवाई निश्चित है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के करीबी माने जाने वाले पूर्व मंत्री विक्रम कुंवर ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर एंबुलेंस घोटाले के बारे में जानकारी दी जिसके बाद से भारतीय जनता पार्टी के एमएलसी टुन्ना पांडे सक्रिय हो गए और अब उनके बयान को लेकर बवाल मचा हुआ है। एक तरफ खुद उनकी अपनी पार्टी उनसे जवाब चाहती है तो दूसरी तरफ जदयू के नेता उनकी उंगली काटने की धमकी दे रहे हैं।
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मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के खिलाफ किसी ने एक शब्द भी बोला तो उसका उंगली काट दिया जाएगा। जनता दल यूनाइटेड के प्रवक्ता संजय सिंह ने कहा है कि अगर हमारे नेता नीतीश कुमार पर किसी ने सवाल उठाया तो उसका उंगली काट लेंगे। चलिए सर, स्वागत रहेगा लेकिन याद रखिएगा कि सवाल उठता रहेगा और जहां लगेगा की आप के नेता और हमारे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कोई गलत फैसला लिया है या फिर उन्होंने कुछ गलत किया है तो वहां सवाल जरूर पूछा जाएगा। हम सब एक लोकतांत्रिक देश में रहते हैं, हम सब एक लोकतांत्रिक देश के नागरिक है और हमें लगता है कि उस लिहाज से किसी का भी अधिकार है कि अपने नेता और अपने मुख्यमंत्री से सवाल पूछ सकता है और उनके फैसलों पर सवाल भी उठा सकता है।
अब मामला यह है कि भारतीय जनता पार्टी के विधान परिषद सदस्य टुन्ना पांडेय ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के खिलाफ कुछ बोल दिया है। एंबुलेंस घोटाले का भूत जब सिवान जिले से निकलकर राजधानी पटना पहुंचा तब भारतीय जनता पार्टी के एमलसी टुन्ना पांडेय ने कहा कि मैं नीतीश कुमार जिंदाबाद नहीं कहूंगा। उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को परिस्थितियों का मुख्यमंत्री बता दिया। वे यहीं नहीं रुके बल्कि उन्होंने यहां तक कहा कि नीतीश कुमार हमारे नेता नहीं है बल्कि वे एनडीए का हिस्सा है और बिहार के मुख्यमंत्री हैं। भारतीय जनता पार्टी के नेता टुन्ना पांडे ने तो तेजस्वी यादव को लेकर कहा कि जनता ने सबसे अधिक मत उन्हें दिया था लेकिन नीतीश कुमार ने तो सरकार तंत्र का प्रयोग कर सत्ता में वापसी कर ली। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार 2009 के शराब घोटालेबाज है और वे उन्हें बहुत जल्द जेल भी भिजवाएंगे।
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उन्होंने पूर्व सांसद शहाबुद्दीन का भी नाम लिया और कहा कि वे कहा करते थे कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार परिस्थितियों के मुख्यमंत्री हैं और मैं भी आज इसी बात को दोहराता हूं। उन्होंने कहा कि मैं नीतीश कुमार का बहुत जल्द ऐसा पोल खोलने वाला हूं जिससे उनके पैरों तले जमीन ही खिसक जाएगी। भारतीय जनता पार्टी के एमएलसी टुन्ना पांडे से जब पूछा गया कि क्या उन्हें अपनी पार्टी के बड़े नेताओं के नाराज होने का डर नहीं है तो उन्होंने कहा कि मैं किसी से नहीं डरता। मैं गलत होने पर किसी के भी खिलाफ बोल सकता हूं। लगातार ऐसे बयान देने के कारण अब भारतीय जनता पार्टी और जदयू के नेता आमने सामने खड़े हैं तो भारतीय जनता पार्टी की तरफ से भी स्थिति को संभालने की कोशिश करते हुए अपने एमलसी टुन्ना पांडेय के खिलाफ नोटिस जारी कर दिया गया है। भारतीय जनता पार्टी के अनुशासन कमेटी द्वारा एमएलसी टुन्ना पांडे के खिलाफ नोटिस जारी किया गया है। भारतीय जनता पार्टी की तरफ से उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है और पूछा गया है कि आखिरकार ऐसे बयान देकर वे क्या बताना चाहते हैं और इसका क्या कारण है।
भारतीय जनता पार्टी के बिहार प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल का कहना है कि अनुशासन कमेटी द्वारा नोटिस भेजा गया है। अगर एमएलसी टुन्ना पांडे के जवाब से पार्टी संतुष्ट नहीं होती है तब उनके ऊपर आगे की कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी। भारतीय जनता पार्टी के एमएलसी की तरफ से शहाबुद्दीन को लेकर भी कहा गया कि उन्हें सच बोलने की सजा मिली। अब उनके इस शहाबुद्दीन प्रेम का क्या कारण है उसके बारे में कई तरह के कयास लगाए जा रहे हैं। अब आपको सिवान जिले से एंबुलेंस घोटाले का जो मामला है उसके बारे में बता दूं। पूर्व मंत्री विक्रम कुंवर ने पत्र लिखकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को इसके बारे में जानकारी दी और बताया कि एमएलए और एमएलसी फण्ड से खरीदे गए एम्बुलेंसो में घोटाला हुआ है। बताया गया कि एंबुलेंस जितने में खरीदा गया है उससे 3 गुना ज़्यादा दाम बता कर सरकार से पैसा लिया गया है और बकायदा उनका पेमेंट भी हुआ है। उनके इस पत्र के बाद चर्चा शुरू हुई और फिर जिलाधिकारी की तरफ से एक टीम का गठन भी किया गया जो इस मामले की जांच कर रही है।