पटना: जिस राज्य में शराबबंदी हो उस राज्य में शराब के साथ नशे का कारोबार अब धड़ल्ले से चल रहा है। हाल की घटना भागलपुर ज़िले के जोगसर थाना से सामने आ रही है, जिसमें 3 युवकों को स्मैक के साथ गिरफ्तार किया गया। हालांकि मामले को काफ़ी हद तक छुपाने की कोशिश की गई लेकिन मामला तब सामने आ गया जब उन 3 में से एक अपराधी पुलिस वालों को चकमा देकर हाजत से फरार हो गया।:
क्या है मामला ?
दरअसल मामला 5 जून की शाम का है जब भागलपुर एएसपी ने जोगसर थाना के साथ मिलकर 3 युवकों को स्मैक की तस्करी करते रंगे हाथ गिरफ्तार किया। 3 अभियुक्तों में से एक युवक हाजत से पुलिस वालों को चकमा देकर भाग निकला। बताया जा रहा है की युवक शौचालय जाने के बहाने से एक सिपाही के साथ हाजत से बाहर निकला, और जब सिपाही हाजत की सुरक्षा नियमों के तहत बाहर से ताला लगा रहे थे, तब युवक सिपाही को धक्का देकर भाग निकला। हालांकि अधिकारियों ने सिपाही और दूसरे कर्मियों को फटकार लगाने की लीपा-पोती कर दी।
कौन है ये युवक जो भाग निकला और पुलिस हाथ पर हाथ धरे देखती रही?
कहा गया है “ जब सैयाँ भए कोतवाल तो डर काहे का ?“ यहाँ भी मामला ऐसा ही है। दरअसल जो युवक स्मैक के साथ पकड़ा गया और भागने में सफ़ल भी रहा वो कोई आम शक्स नहीं बल्कि भागलपुर के एक जन प्रतिनिधि का वाहन चालक है। बताया जा रहा है की उसकी गिरफ़्तारी के बाद से ही थाने में जन प्रतिनिधि के लोग उस युवक की सिफ़ारिश लेकर लगातार आ रहे थे। साथ ही साथ उच्च अधिकारियों के फ़ोन की घंटियाँ भी लगातार बजती जा रही थी। बताया दें की जिस जन प्रतिनिधि का वो वाहन चालक था वो कोई और नहीं बल्कि भागलपुर के डेप्टी मेयर राजेश वर्मा हैं जो पिछले विधान सभा चुनाव में लोजपा के टिकट से विधान सभा चुनाव भी लड़ चुके हैं।
क्या पुलिस ने दवाब में आकर जान बूझकर भगा दिया अपराधी को ?
इस मामले में जिस तरह से जन प्रतिनिधि और उनके सहयोगियों की तरफ से सिफारिश की जा रही थी और पुलिस इस मामले को मीडिया से छुपा रही थी, ये देखकर कयास ये भी लगाया जा रहा है की पुलिस वालों ने जानबूझकर कैदी को भागा दिया। स्थानीय सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार पत्रकारों को थाने के अंदर जाने की अनुमति नहीं थी और पुलिस वालों के तरफ़ से इस मामले को छुपाने की काफी कोशिश भी की गई पर कैदी के भाग जाने के बाद कई अटकले लगाई जा रही हैं।
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कई हथियारों के साथ युवक की तस्वीर आई सामने :
सोशल मीडिया पर युवक की काफ़ी तस्वीरें शेयर की जा रही हैं जिसमे उसके हाथ में अलग अलग तरह के हथियार हैं। वहीं एक तस्वीर में वो राजेश वर्मा की गाड़ी के सामने खड़े होकर तस्वीर खिचा रहा है तो एक तस्वीर में वो उनके ही निजी हथियार के साथ तस्वीर में दिखाई दे रहा है।
क्या पुलिस वाले हटा पाएंगे वर्दी पर लगे इस दाग को?
हाजत से एक कैदी का भाग जाना कहीं न कहीं ये दर्शाता है की पुलिस महकमे में राजनीति और सिफारिश का दौर अभी खत्म नहीं हुआ है और ऐसे मामलों में वो कमजोर पर जाते हैं। हालांकि पुलिस वालों को उन 3 युवकों को रंगे हाथों पकड़ने का श्रेय दिया जाना चाहिए पर हाजत से एक कैदी का भाग जाना भी उनकी विफलता दर्शाता है। अब इस मामले में देखना ये है की ये मामला भी ठंडे बस्ते में चला जाएगा या तीसरे अपराधी को पकड़कर पुलिस वाले एक उदाहरण पेश करेंगे।