पटना: बिहार की राजधानी पटना में, 25 तारीख के बाद से आज फ़िर से वैक्सीनेशन की शुरुआत की गयी। बुधवार की रात 12 बजे से स्लॉट बुकिंग शुरू हो गयी थी। करीब एक सप्ताह के बाद 10,700 लोगों ने पटना में रजिस्ट्रेशन कराया।
पटना जिला के अंतर्गत एक वैक्सीनेशन केंद्र पर जब लोग अपने निर्धारित समय से पहुँचे तो, वहाँ पर लोगो को ताला जड़ा मिला, जबकि स्लॉट बुक करते समय पता सिपारा मिडिल स्कूल का ही था। कुछ लोग को लगा कि कही वे लोग गलत जगह तो नही पहुँच गए। फ़िरआस पास के लोगो से पता करने पर पता चला कि असल मे जिन स्वास्थ्यकर्मियों की यहाँ ड्यूटी लगाई गई थी,वे लोग अपने स्वास्थ्य केंद्र पर ही बैठे हैं।
असल मे जिस जगह का पता स्लॉट बुकिंग में दिया गया था, उस जगह को छोड़ कर स्वास्थ्यकर्मी अपने प्राइमरी स्वाथ्य केंद्र पर ही टीकाकरण का संचालन कर रहे थे। इससे काफ़ी लोगो को कठिनाई का सामना करना पड़ा। कुछ लोग गूगल मैप के मदद से अपने पूर्व निर्धारित वैक्सीनेशन केंद्र पर पहुँचे थे, लेकिन पहुंचने पर उन्हें पता चला कि वहाँ तो कोई भी स्वास्थ्यकर्मी मौजूद ही नही है। शिकायत करने के लिए जब प्रभारी को फ़ोन लगाने की कोशिश की गई तो उनसे उत्तर नही मिला। उसके बाद इस मामले को पटना के जिलाधिकारी को सोशल मीडिया के माध्यम से इस बात की जानकारी वहाँ पर पहुँचे लोगो के द्वारा दे दी गयी है।
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इस तरह की कुव्यस्था से प्रतिदिन लोगो को कठिनाई का सामना करना पड़ता है, और इस समस्या की शिकायत सुनने वाला भी कोई नही है। यह सरकार की ज़िम्मेदारी होनी चाहिए कि किसी भी व्यक्ति को इस टीकाकरण अभियान में परेशानी न हो।
एक तरफ़ जहाँ गांव में लोग टीका से बचते नजर आ रहे है, और जहाँ शहर में लोगो मे उत्साह है वहाँ लोगो को प्रशासन और सरकार की कुव्यस्था से परेशानी का सामना करना पड़ रह है।
आपको बता दें कि बुधवार को सीरम इंस्टिट्यूट से चार लाख और भारत बायोटेक से एक लाख वैक्सीन की डोज़ प्राप्त हुई है । इससे 18 से 45 के उम्र वाले लोगों में टीकाकरण में तेज़ी आने की उम्मीद है।
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