हम अश्लीलता के खिलाफ कल भी बोल रहे थे, आज भी बोल रहे हैं और कल भी बोलेंगे।
जब तक हमारे पास शक्ति है तब तक हम भोजपुरी के लिए आवाज उठाते रहेंगे, बिना सोचे कि सामने पवन सिंह है या खेसारी लाल यादव या फिर गुंजन सिंह।
अश्लीलता के साथ-साथ ज़रूरत है इस बारे में भी बात करने की और यह बात ज़रूरी भी है कि क्या भोजपुरी फ़िल्म इंडस्ट्री का बिहार के अंदर कोई विकास होगा।
विकास का मतलब गाने पर आने वाले व्यूज नहीं बल्कि बिहार के अंदर फिल्म निर्माताओं को वह माहौल देना, फ़िल्म निर्माताओं के लिए वह रास्ता तैयार करना जिसकी यात्रा कर फ़िल्म निर्माता बिहार के अंदर ही किसी फिल्म की शूटिंग कर सकते हैं।
आज खेसारी लाल यादव ने छोटे कलाकारों की आवाज को उठाया है तो वहीं पवन सिंह ने बिहार के उद्योग मंत्री शाहनवाज हुसैन से मुलाकात कि है और इस बारे में बातचीत हुई है कि कैसे बिहार के अंदर भोजपुरी फिल्मों को ऐसा माहौल मिले जिससे भोजपुरी में काम करने वाले कलाकार और भोजपुरी फिल्म निर्माता बिहार के अंदर ही फिल्म की शूटिंग कर सकें। बिहार के अंदर भोजपुरी फिल्मों के विकास के लिए बात करना इसलिए भी जरूरी है क्योंकि अगर राज्य में कोई भोजपुरी फिल्म का निर्माण होगा तो पैसा हमारे राज्य में आएगा और इससे यहां के कलाकारों को काम भी मिलेगा तथा वह कलाकार जिन्हें दूसरे राज्यों में जाना पड़ता है, काम करने के लिए उन्हें अपने राज्य में ही काम मिल सकेगा।
भोजपुरी फिल्मों को मुख्य तौर पर कहां देखा जाता है?
अगर यह सवाल आप से कोई पूछे तो इसका साधारण सा जवाब है कि पूर्वी उत्तर प्रदेश और बिहार में भोजपुरी फिल्मों का सबसे बड़ा कारोबार है लेकिन क्या बिहार के अंदर भोजपुरी फिल्मों को हमारी सरकारों ने वह माहौल दिया है जिससे वह अपने राज्य में ही फ़िल्म का निर्माण कर सकें।
अगर हमारी सरकारों ने या फिर पुरानी सरकार को छोड़ दीजिए तो पिछले 15 साल से जो लोग सत्ता में हैं उन्होंने भोजपुरी फिल्म इंडस्ट्री के लिए एक माहौल बनाया होता, अगर भोजपुरी फ़िल्म इंडस्ट्री को बढ़ने का मौका बिहार में दिया होता तो निश्चित तौर पर बिहार के अंदर आज भोजपुरी फ़िल्म इंडस्ट्री के लिए एक अलग माहौल होता। कहने का मतलब है कि निर्माता बिहार के अंदर ही फिल्मों के निर्माण पर ध्यान देते हैं और अगर ऐसा होता तो बिहार के कलाकारों को उनके अपने राज्य में काम मिलता। भोजपुरी फिल्मों के सुपरस्टार पवन सिंह ने आज बिहार के उद्योग मंत्री शाहनवाज हुसैन से मुलाकात की है।
मुलाकात के बाद पवन सिंह ने तस्वीरों को अपने फेसबुक पर डाल कर लिखा कि ‘आज बड़े भईया सैयद शाहनवाज हुसैन जी से उनके पटना स्थित कार्यालय में औपचारिक मुलाकात हुई।
बिहार में भव्य स्तर पर फिल्म इंडस्ट्रीज का निर्माण और विस्तार के विषय में चर्चा हुई।
जल्द ही हम सबका प्रयास रंग लायेगा। जय भोजपुरी। जय बिहार, जय हिंद।’ पवन सिंह ने लिखा है कि बिहार के उद्योग मंत्री शाहनवाज हुसैन से भोजपुरी फिल्म इंडस्ट्री को लेकर चर्चा हुई। अगर वाकई में सरकार फिल्मों को लेकर गंभीर है, अगर सरकार चाहती है कि बिहार के अंदर इंटरटेनमेंट इंडस्ट्री को स्थापित किया जाए तो फिर उसे गंभीरता पूर्वक विचार करना होगा और सुनिश्चित करना होगा कि बिहार सरकार फिल्म निर्माताओं को हर वह सुविधा और माहौल दे जो अन्य राज्यअपने यहां दे रहे हैं।
बिहार में सरकार फिल्म इंडस्ट्री को लेकर कितनी गंभीर है उसका अंदाजा आप इसी से लगा सकते हैं कि बिहार का फिल्म विकास निगम सालों से बेकार पड़ा हुआ है।
बिहार में फ़िल्म विकास निगम सिर्फ नाम का है। भोजपुरी फिल्म इंडस्ट्री दो हजार करोड़ से ज्यादा की है जिसके बारे में बिहार सरकार कभी गंभीरता से विचार नहीं करती लेकिन अभी मंच से भाषण देना हो तो बिहार सरकार के मंत्री और मुखिया मंच से कहेंगे कि हम बाहर से इन्वेस्टमेंट लाने के लिए प्रयासरत हैं।
जो हमारा अपना है हम उसे अपने राज्य में नहीं रख पा रहे हैं और हमारा प्रयास है कि हम बाहर से इन्वेस्टमेंट लाकर बिहार को बदल देंगे। उत्तर प्रदेश सरकार ने पिछले कुछ सालों से इस क्षेत्र में शानदार काम किया है। इसका परिणाम है कि आज भोजपुरी की अधिकतर फिल्मों की शूटिंग उत्तर प्रदेश के अलग-अलग शहरों और प्राकृतिक रूप से समृद्ध जगहों पर किया जा रहा है। उत्तर प्रदेश सरकार फिल्मों की शूटिंग के लिए निर्माताओं को सब्सिडी प्रदान भी करती है लेकिन बिहार में सरकार की तरफ से ऐसी कोई योजना नहीं है।
उत्तर प्रदेश सरकार ने पिछले कुछ समय के दौरान बड़े पैमाने पर फिल्म निर्माताओं को अपने यहां लुभाया है और उसका कारण सिर्फ यही है कि वह वह फिल्मों के लिए एक माहौल स्थापित कर पाने में सफल हुई है तथा वह कलाकारों को वो सारी सुविधाएं प्रदान कर रही है जिसकी उन्हें ज़रूरत है।
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वहीं बिहार सरकार ना निर्माताओं को किसी प्रकार की सब्सिडी देती है और नाही किसी प्रकार के फाइनेंस की व्यवस्था है। कई राज्यों में जब फिल्में बनाई जाती है तो वहां की सरकार प्रोत्साहन राशि देती है लेकिन बिहार सरकार के पास ऐसी कोई योजना ही नहीं है।
हमेशा से बिहार फिल्म विकास निगम की तरफ से कहा जाता रहा है कि फिल्म प्रोत्साहन नीति बनाने की दिशा में काम हो रहा है और बहुत जल्द यह नीति लागू भी हो जाएगी लेकिन यह नीति कब तक बनकर तैयार होगा और कब तक लागू होगा इसके बारे में हमें कोई जानकारी नहीं है।
दूसरी तरफ अगर बात करें तो कोरोना के इस काल में छोटे कलाकारों पर बहुत बड़ा असर पड़ा है।
खेसारी लाल यादव ने अपने फेसबुक के माध्यम से सरकार से अपील किया है कि सरकार छोटे कलाकारों पर ध्यान दें क्योंकि उन्हें अपनी जीविका चलाने के लिए भी इस समय काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।
बाकी आखिरी में हम फिर कहेंगे कि भोजपुरी में गलत के खिलाफ हम बोलते रहेंगे लेकिन जहां हमें लगेगा कि यहां सकारात्मकता होनी चाहिए वहां हम बिल्कुल भोजपुरी के लिए हर संभव आवाज भी उठाएंगे।
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