कई सारे आंदोलन और सालों के इंतजार के बाद बिहार मे शिक्षक नियुक्ति को लेकर काफी संतोषजनक खबर सामने आ रही है। बिहार सरकार के अंतर्गत आने वाले विद्यालयों में अब शिक्षकों की नियुक्ति के लिए आवेदन जल्द ही शुरू की जाएगी। बीते गुरुवार को पटना उच्च न्यायालय की एक बेंच ने शिक्षकों द्वारा दायर की गई एक याचिका पर सुनवाई करते हुए ये फैसला सुनाया है और बिहार मे सरकारी विद्यालयों में सवा लाख शिक्षकों की नियुक्ति को हरी झंडी दिखा दी है।
नेशनल फेडरेशन ऑफ द ब्लाइंड-बिहार ने शिक्षकों की भर्ती की प्रक्रिया को चुनौती देते हुए एक याचिका दायर कर आरोप लगाया था कि विकलांग उम्मीदवारों के लिए कोई आरक्षण नहीं दिया गया था। इसपर सुनवाई करते हुए पटना उच्च न्यायालय ने दिव्यांग अभियार्थियों को 4 प्रतिशत आरक्षण देने की भी मंजूरी दी है।
इस याचिका पर सुनवाई पिछले दो सालों से लंबित थी और अब सुनवाई करते हुए न्यायालय ने ये फैसला दिया है जो शिक्षक अभ्यर्थियों के लिए काफी संतोषजनक है। अदालत ने राज्य सरकार को विकलांग और दृष्टिहीन उम्मीदवारों के लिए चार प्रतिशत आरक्षण सुनिश्चित करने और उन्हें आवेदन करने के लिए 15 दिन का समय देने का निर्देश दिया है।
शुक्रवार को शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी ने कहा कि दिव्यांगों और दृष्टिबाधित लोगों को 4 फीसदी आरक्षण देने के हाईकोर्ट के फैसले को ध्यान में रखते हुए मेरिट लिस्ट प्रकाशित करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।
क्या कहा शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी ने?
मीडिया कर्मियों से बात करते हुए शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी ने कहा:
“हमने शारीरिक रूप से अक्षम उम्मीदवारों की भर्ती प्रक्रिया को आगे बढ़ाया है, जिन्हें पिछली बार नौकरियों के लिए आवेदन करने से छोड़ दिया गया था। हम अस्थायी रूप से 9 जून से ऑफलाइन और ऑनलाइन मोड से आवेदन प्राप्त करना शुरू कर देंगे। कोर्ट के निर्देश के बाद 15 दिन का समय दिया गया है। हम आवेदन प्राप्त करना जारी रखेंगे”
कब से कर सकेंगे आवेदन ?
मीडिया से बात करते हुए शिक्षा मंत्री विजय चौधरी ने बताया की जो भी दिव्यांग और दृष्टिबाधित उम्मीदवार, जो 2019 में आवेदन नहीं कर पाए थे, वे 9 जून से भर्ती के लिए आवेदन कर सकेंगे। इस बीच, शिक्षा मंत्री ने मीडिया को बताया कि शारीरिक रूप से अक्षम उम्मीदवारों के लिए कोविड -19 टीकों का एक नया विज्ञापन 8 जून के बाद ऑफलाइन और ऑनलाइन दोनों तरह से प्रकाशित किया जाएगा। उन्होंने यह भी आशा व्यक्त किया कि यदि राज्य में कोई अप्रत्याशित संकट नहीं आया, तो सरकार द्वारा संचालित प्राथमिक से उच्च विद्यालयों में 1.25 लाख शिक्षकों की पूरी भर्ती अगले 2 से 3 महीने में पूरी हो जाएगी.
क्या था पूरा मामला?
दरअसल नेशनल ब्लाइंड फेडरेशन द्वारा दिव्यांग अभ्यर्थियों को शिक्षक भर्ती में 4 प्रतिशत आरक्षण देने की मांग कि गई थी। इसी को लेकर पटना उच्च न्यायालय मे एक याचिका दायर की गई थी। इस वजह से शिक्षक नियुक्ति पर तत्कालीन रोक लगा दी गई थी। याचिका पर सुनवाई करते हुए उच्च न्यायालय ने रोक को हटाते हुए नेशनल ब्लाइंड फेडरेशन की मांग पर सहमति जाहीर कि और 4 प्रतिशत आरक्षण पर अपनी मंजूरी दे दी। फेडरशन के हक मे फैसला सुनाया और इसके साथ ही सवा लाख शिक्षकों की बहाली मे लगे सारी अटकलों को दूर कर दिया।
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