दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज देश के नाम अपने संबोधन में दो बड़ी घोषणाएं की हैं। 21 जून से देश के सभी लोगों के लिए राज्यों को फ्री में कोरोना वैक्सीन दी जाएगी। इसके अलावा प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत अब दीपावली तक गरीबों को मुफ्त राशन की सुविधा मिलेगी।
उन्होंने अपने संबोधन में कहा की ‘आज सरकार ने फैसला लिया है कि प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना को अब दीपावली तक आगे बढ़ाया जाएगा। महामारी के इस समय में, सरकार गरीब की हर जरूरत के साथ, उसका साथी बनकर खड़ी है। यानी नवंबर तक 80 करोड़ से अधिक देशवासियों को, हर महीने तय मात्रा में मुफ्त अनाज उपलब्ध होगा।
इसके साथ उन्होंने यह भी कहा कि 21 जून से 18 साल से अधिक आयु के सभी लोगों को फ्री टीका लगाया जाएगा। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि राज्यों को 25 फीसदी टीकों की जो जिम्मेदारी दी गई थी, उसे भी केंद्र सरकार ही उठाएगी। उन्होंने कहा कि अब देश में 30 अप्रैल तक जो व्यवस्था लागू थी, वही फिर से शुरू होगी। हालांकि निजी अस्पतालों को 25 फीसदी टीकों की सप्लाई पहले की तरह से जारी रहेगी। निजी अस्पतालों को लेकर भी पीएम मोदी ने कहा कि वे कोरोना वैक्सीन की एक डोज की तय कीमत के अलावा 150 रुपये से अधिक सर्विस चार्ज नहीं वसूल सकेंगे।
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पीएम नरेंद्र मोदी ने तीसरी लहर में बच्चों के शिकार होने की आशंका को लेकर कहा कि 2 टीकों पर ट्रायल चल रहा है। यही नहीं पीएम मोदी ने कहा कि एक नेजल वैक्सीन पर भी काम चल रहा है, जिसका नाक में छिड़काव किया जाएगा। उन्होंने कहा कि हमने प्राथमिकता के आधार पर हेल्थ वर्कर्स और अधिक आयु के लोगों को टीके लगाए थे। यदि हेल्थ वर्कर्स को दूसरी लहर से पहले वैक्सीन न लगी होती तो क्या होता। ज्यादा से ज्यादा हेल्थ वर्कर्स को टीका लगने के चलते ही वे दूसरों की सेवा में लग पाए और लाखों लोगों का जीवन बचा पाए।
अब यह वैक्सीनेशन कार्यक्रम से जितना जल्दी सारे देशवासियों को टिका लगया जा सकेगा उससे खतरा कम होते जाएगा और इससे होने वाली मौतों को संख्या में कमी आएगी।
प्रधानमंत्री ने जब वैक्सीन की चर्चा कि तो उन्हें यह भी बताना चाहिए था कि आखिर अलग-अलग राज्यों से वैक्सीन कमी की बात क्यों आ रही है? राज्यों से लगातार चल रहे विवाद पर प्रधानमंत्री को खुल कर बोलना चाहिए था क्योंकि केंद्र और राज्य की लड़ाई में कही ना कही नुकसान आम नागरिकों का ही हो रहा है। हालांकि प्रधानमंत्री से देश की बड़ी आबादी को एक भरोसा है और हम भी चाहेंगे कि केंद्र इस भरोसे पर खरा उतरे।