पटना: बिहार में गया शहर से 60 किमी दूर शेरघाटी अनुमंडल के श्रीरामपुर पंचायत में 80 घरों की बस्ती का गांव शेरपुर है। इस गांव में कोरोना वायरस को लेकर ग्रामीणों में डर नहीं है। गांव के ग्रामीण गांव में बेपरवाह और बिना मास्क के गांव में घूमते, टहलते और एक जगह सभी बैठ कर बात करते नजर आते हैं। वहीं, गांव के छोटे-छोटे बच्चे भी गांव में बिना मास्क के खुले में खेलते दिख रहे हैं।
इस गांव में रहने वाले ग्रामीणों ने बताया कि वे लोग कोरोना को नहीं मानते हैं और न ही गांव में मास्क लगा कर रहते हैं। यहां कोरोना वैक्सीन के प्रति लोगों में ऐसी अफवाह फैली है कि जिसे शायद ही कोई दूर कर सके।
ग्रामीण बताते हैं कि बुखार या कोरोना होगा, तभी न वैक्सीन लेंगे। आज तक कभी कोई वैक्सीन नहीं लिया है और जिन लोगों ने वैक्सीन का दूसरा डोज लिया है, उन लोगों की भी तो मौत हो रही है। ऐसे में वैक्सीन लेने से क्या फ़ायदा होगा, जो भी हो जाये, मगर कोरोना वैक्सीन नहीं लेंगे।
वहीं, गांव के कुछ ग्रामीणों ने बताया कि सरकार ने अभी नकली वैक्सीन निकाली है, जिससे लोग मर रहे हैं तो कुछ ने नपुंसक होने का खतरा भी बताया है। कुछ भी हो जाए लेकिन वैक्सीन नहीं लेंगे। बता दें कि इस गांव के लोगों में कोरोना वैक्सीन के प्रति इतना अंधविश्वास व भ्रांति फैली है कि वे कोरोना वैक्सीन किसी भी हालत में नहीं लेने की बात कर रहे हैं।
वहीं, इसी गांव की महादलित बस्तियों में किसी अनजान को देख यह समझ रहे हैं कि कोरोना वैक्सीन देने वाला आया है। उससे महिलाएं भागती दिखीं। लाख समझाने की कोशिश की गई लेकिन कुछ भी समझने को तैयार नहीं हैं।
गांव में ग्रामीण जीविका की सचिव सविता देवी ने बताया कि गांव के लोग वैक्सीन लेने के लिए तैयार नहीं है और गांव से हॉस्पिटल भी दूर है। यहां लॉकडाउन भी लगा हुआ है। जब लॉकडाउन नहीं था तो गांव से ऑटो चलता था मगर वह भी बंद है। गांव में अभी तक किसी ने भी कोरोना वैक्सीन नहीं ली है, हमने भी अभी तक कोरोना वैक्सीन नहीं ली है मगर गांव वालों को वैक्सीन लेने के लिए समझा रहे हैं।