पटना: राष्ट्रीय जनता दल के अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव आज यानी 11 जून को 75 साल के हो गए हैं। लालू यादव का जन्मदिन न केवल उनके लिए बल्कि उनके परिवार और समर्थकों के लिए भी काफी खास है। क्योंकि कई वर्ष बाद राजद सुप्रीमो अपने जन्मदिन के मौके पर समर्थकों और परिवार वालों के साथ हैं। लालू प्रसाद यादव के जन्म दिवस को राजद ‘सद्भावना दिवस’ और ‘सामाजिक न्याय दिवस’ के रूप में मनाया जा रहा है। राजधानी पटना के कई इलाके में उनकी तस्वीरें लगाकर उन्हें गरीबों का मसीहा और भगवान तक बताया गया है।
लालू प्रसाद यादव का जन्म 11 जून 1947 को गोपालगंज में हुआ था। 1 जून 1973 को लालू प्रसाद यादव की शादी राबड़ी देवी से हुई थी इस दौरान उनकी उम्र 25 वर्ष थी। बताया जाता है कि बचपन से ही लालू यादव की रुचि राजनीति में थी। उन्होंने अपनी राजनीतिक पारी की शुरुआत जेपी आंदोलन से की थी। एक छात्र के तौर पर लालू प्रसाद यादव ने अपनी पहचान बनाई और 1977 में उस वक्त के सबसे कम उम्र में चुने गए सांसद बने। इसके बाद 1990 में बिहार के मुख्यमंत्री बने और फिर केंद्रीय मंत्री भी बने।
लालू यादव के कई दिलचस्प किस्से मशहूर हैं। इनमें से आपातकाल के दौरान का एक किस्सा काफी चर्चित है। देश में तब इंदिरा गांधी की सरकार थी और उन्होंने आपातकाल घोषित कर दिया था। मीडिया से लेकर तमाम तरह की अभिव्यक्ति पर पाबंदी लगा दी गई थी। इसी दौर में लालू प्रसाद यादव भी इमरजेंसी के विरोध में आंदोलन का हिस्सा बने थे। बताया जाता है कि जब लालू प्रसाद यादव को पकड़ने पुलिस उनके ससुराल पहुंची तो उन्होंने ऐसा हाई वोल्टेज ड्रामा किया, जिससे एक अलग ही माहौल बन गया। तो आइए जानते हैं ऐसा क्या हुआ था?
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लालू यादव ने फाड़ डाला कुर्ता:
दरअसल, आपातकाल के दौरान लालू प्रसाद यादव जेपी आंदोलन से जुड़े हुए थे। पुलिस अन्य नेताओं की तरह उन पर भी नजर बनाई हुई थी। जिस वजह से लालू प्रसाद यादव को अपने ससुराल में अंदर ग्राउंड होना पड़ा था। लेकिन, उन्हें ढूंढते हुए पुलिस राबड़ी देवी के घर यानी उनके ससुराल गई। जिसके बाद पुलिस ने लालू प्रसाद यादव को गिरफ्तार करने का प्रयास किया। पुलिस जब उन्हें गिरफ्तार करने लगी तो वे खुद पुलिस के गाड़ी पर चढ़ गए और चिल्लाने लगे। लालू यादव ने पुलिस के जीप पर चढ़कर अपना कुर्ता फाड़ डाला। वहां मौजूद लोग यह देखकर काफी हैरान थे कि लालू यादव के वदन पर लाठियों के कई निशान थे।
लालू यादव सबसे कम उम्र में बन के सांसद:
आपातकाल के दौरान लालू प्रसाद यादव तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की दमनकारी नीतियों के विरोध में काम किया और यही वजह है कि उन्हें जेल भी जाना पड़ा। पुलिस ने उन्हें राबड़ी देवी के आवास यानी उनके ससुराल से पकड़ कर जेल में डाल दी। जब देश में आपातकाल का दौर समाप्त हुआ और स्थिति सामान्य हुई तो 1977 में लोकसभा चुनाव करवाया गया। इस चुनाव के वक्त लालू प्रसाद यादव 29 वर्ष के थे। उन्होंने छपरा से चुनाव लड़ने का फैसला किया और जीत भी हासिल की। उस वक्त लालू प्रसाद यादव देश में के सबसे कम के सांसद थे, जो इतनी कम उम्र में जीतकर लोकसभा पहुंचे थे।