पटना: एक कहावत है कि सच्चाई बेहद कड़वी होती है। नीति आयोग की रिपोर्ट जब भी आती है, बिहार को यह कड़वी घोट पीना पड़ता है और फिर राज्य सरकार सुधार के बजाय नीति आयोग की रिपोर्ट पर ही सवाल खड़ा करने में लग जाती है। हास्यास्पद तो यह है कि केंद्र और राज्य दोनों में भाजपा सत्ता में है, बावजूद इसके भाजपा के नेता नीति आयोग की रिपोर्ट पर सवाल उठाते हैं। हाल ही में नीति आयोग ने एक रिपोर्ट जारी की है इसमें बिहार को 7 सूचकांकों पर सबसे खतरनाक प्रदर्शन करने वाला बताया है। इस पर भाजपा प्रवक्ता प्रेम रंजन पटेल ने कहा कि नीति आयोग को बिहार आकर जमीनी हकीकत देखनी चाहिए। स्वास्थ्य शिक्षा में कितना सुधार हुआ है, यह राज्य में आकर देखने पर पता चलेगा।
भाजपा प्रवक्ता प्रेम रंजन पटेल नीति आयोग की रिपोर्ट पर सवाल उठाते हुए कहा कि साल 2005 में बिहार के लोगों का पर कैपिटा इनकम ₹7000 थी जो आज ₹46000 हो गई है। 2005 में योजनाओं का आकार 18000 करोड़ का होता था लेकिन अब इसे बढ़ाकर दो लाख 18000 करोड़ का कर दिया गया है। राज्य सरकार केंद्र सरकार के द्वारा दिए गए पैसे से सड़को का निर्माण कार्य कर रही है। बिहार सरकार ने सड़कों के निर्माण के लिए 54000 करोड़ रुपए आवंटित किए हैं।
यह भी पढ़े: कोरोना मैनेजमेंट में नीतीश सरकार अव्वल लेकिन स्वास्थ्य व्यवस्था है चिंताजनक : नीति आयोग
भाजपा प्रवक्ता प्रेम रंजन पटेल ने कहा कि नीति आयोग को रिपोर्ट जारी करने से पहले बिहार में आकर विकास कार्य को दिखना चाहिए। एनडीए की सरकार में बिहार तेजी से विकास कर रहा है। हर क्षेत्र में विकास कार्य हो रहा है और यह हर किसी को नजर आ रहा है। भाजपा प्रवक्ता ने सड़कों के निर्माण कार्य को लेकर कहा कि आज राज्य के किसी भी कोने से लोग सर्फ 6 घंटे में आसानी से राजधानी पटना आ सकते हैं। सरकार के द्वारा हर क्षेत्र का विकास किया जा रहा है। शिक्षक की बहाली, मिड डे मील, पोशाक योजना के अलावा अन्य अनगिनत ऐसे योजनाएं है, जिससे बिहार के लोगों का विकास हो रहा है।
बता दें कि नीति आयोग ने नेशनल मल्टीडाइमेंशन पॉवर्टी इंडेक्ट बेसलाइन रिपोर्ट जारी की है। इस रिपोर्ट में बताया गया है कि बिहार की करीब 52% जनसंख्या मल्टीडाइमेंशनली गरीब है। वही 51.88% लोग न्यूट्रीशन से वंचित हैं। नीति आयोग की रिपोर्ट नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे चार के आंकड़ों पर आधारित है। इस रिपोर्ट के अनुसार बिहार देशभर में गरीबी, न्यूट्रिशन, स्कूल अटेंडेंस, मैटेरियल हेल्थ, कुकिंग फ्यूल और इलेक्ट्रिसिटी के मामले में निचली पायदान पर है।
यह भी पढ़े: दम है तो दो पैग मार कर सड़क पर निकालिए, नीतीश के मंत्री की लोगों को धमकी !