पटना: नरेंद्र मोदी के अंदर भी वही जज्बा है जो पिताजी रामविलास पासवान के अंदर लोगों और उनके हितों से जुड़े रहने का जज्बा था। यह बात चिराग पासवान ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात के बाद कही है और चिराग पासवान की इस मुलाकात के बाद अब चिराग पासवान के एनडीए में वापसी की चर्चा भी जोर-शोर से चलने लगी है। 2 दिन पहले चिराग पासवान की तरफ से एक प्रेस कॉन्फ्रेंस किया गया था जिसमें उन्होंने कहा था कि चुनाव आने पर पार्टी का किसके साथ गठबंधन होगा, इस पर फैसला लिया जाएगा।
चिराग पासवान के इस बयान से यह तो साफ हो गया था कि चिराग पासवान की पार्टी अब आगे आने वाले चुनाव में दूसरी पार्टियों के साथ गठबंधन करके ही चुनावी मैदान में उतरेगी कल तक गठबंधन किसके साथ होगा यह सबसे बड़ा सवाल था लेकिन आज फिर से एनडीए में चिराग पासवान की वापसी के द्वार खुलने की चर्चा चल रही है। चर्चा चल रही है कि चिराग पासवान जनता दल यूनाइटेड और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के ना चाहते हुए भी भारतीय जनता पार्टी के साथ एनडीए में वापस आ सकते हैं और आगे आने वाले लोकसभा चुनाव में भी चिराग पासवान एनडीए का हिस्सा रह सकते हैं। एक तरफ चिराग पासवान मीडिया के सामने यह बात बोलते हैं कि आगे आने वाले चुनाव में उनकी पार्टी गठबंधन पर फैसला लेगी तो इसके बाद उनकी मुलाकात प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से होती है और मुलाकात के बाद भी प्रधानमंत्री के लिए चिराग पासवान तारीफों के पुल बांधते हैं।
चिराग पासवान और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मुलाकात होती है और मुलाकात के बाद चिराग पासवान नरेंद्र मोदी के बारे में लिखते हैं कि ‘आत्मीयता और आजीवन संबंधों में बढ़चढ़ कर निवेश करने के प्रयासों की वजह से पिताजी के सभी संबंध व्यक्तिगत थे। लोगों और उनके हितों से जुड़े रहने और अपनत्व का वही जज़्बा आदरणीय नरेंद्र मोदी जी में भी देखा है। हाल की संक्षिप्त मुलाकात में उन्होंने कुशलक्षेम पूछा’। अब यहां चिराग पासवान की इस बात के कई मतलब निकाले जा रहे हैं। राज्य में नीतीश कुमार और जनता दल यूनाइटेड के नेता चिराग पासवान को देखना भी पसंद नहीं करते हैं और यह बात किसी से छिपी नहीं है लेकिन दिल्ली में चिराग पासवान और नरेंद्र मोदी की मुलाकात होती है और इसके बाद भारतीय जनता पार्टी के नेता चिराग पासवान के बारे में कुछ भी बोलने से बच रहे हैं।
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वैसे भारतीय जनता पार्टी के नेता पहले भी समय-समय पर चिराग पासवान की पैरवी करते रहे हैं लेकिन उपचुनाव के समय जब मंच से पशुपति पारस चिराग पासवान पर कई प्रकार के आरोप लगा रहे थे तब वहां भारतीय जनता पार्टी के भी कई बड़े नेता मौजूद थे। इसके बाद से इस बात की चर्चा होने लगी कि क्या चिराग पासवान और तेजस्वी यादव अब एक साथ आएंगे लेकिन यह चर्चा चल ही रही थी कि चिराग पासवान और नरेंद्र मोदी की मुलाकात होती है और मुलाकात के बाद से यह चर्चा चिराग पासवान की एनडीए में वापसी की होने लगती है। कहा जा रहा है कि जिस प्रकार से चिराग पासवान ने नरेंद्र मोदी के बारे में लिखा है, उससे भारतीय जनता पार्टी के अंदर चिराग पासवान को लेकर एक अलग धारणा बनेगी। हालांकि इससे पहले चिराग पासवान लगातार भारतीय जनता पार्टी और नरेंद्र मोदी की तारीफ करते रहे हैं लेकिन पिछले कुछ समय में चिराग पासवान इन सब बातों से बच रहे थे और इसी के बाद से माना जाने लगा की चिराग पासवान और भारतीय जनता पार्टी के बीच की दूरियां बढ़ रही है लेकिन अचानक से चिराग पासवान की प्रधानमंत्री से मुलाकात और उनकी फिर से एनडीए में वापसी की चर्चा कहीं ना कहीं राष्ट्रीय जनता दल के लिए थोड़ा निराश करने वाला हो सकता है।
पिछले कुछ समय से ऐसा लग रहा था कि राष्ट्रीय जनता दल और चिराग पासवान अब आने वाले समय में एक साथ आ सकते हैं और चिराग पासवान तथा तेजस्वी यादव इन दोनों युवाओं को लेकर काफी तरह की चर्चा भी चल रही थी लेकिन अब फिर से ऐसा लग रहा है कि जदयू के न चाहते हुए भी चिराग पासवान की एनडीए में वापसी होगी और भारतीय जनता पार्टी के कई मंत्री तो यह भी बोलते हैं कि चिराग पासवान अभी भी एनडीए का हिस्सा है और वे एनडीए से अलग हुए ही नहीं है। 3 दिन पहले भारतीय जनता पार्टी ने मणिपुर में चिराग पासवान की पार्टी के इकलौते विधायक को अपनी पार्टी में शामिल करा लिया था और मणिपुर विधानसभा से भी लोक जनशक्ति पार्टी रामविलास का पत्ता साफ कर दिया था। इसके बाद से चिराग पासवान की पार्टी की तरफ से इस बात को लेकर नाराजगी भी जताई गई थी और कहा गया था कि यह गठबंधन धर्म का नियम नहीं है। चिराग पासवान की पार्टी के प्रवक्ता की तरफ से इसे बेहद दुर्भाग्यपूर्ण बताया गया था। हालांकि इससे पहले अरुणाचल प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी ने नीतीश कुमार की पार्टी के 3 विधायकों को भी अपने पार्टी में शामिल करा लिया था। मतलब कि भाजपा को किसी भी प्रकार से अपने सहयोगियों से नाराज होने का डर नहीं है। बाकी अब आगे देखना होगा कि चिराग पासवान ने नरेंद्र मोदी के लिए जो तारीफ वाले शब्द लिखे हैं, उसका क्या असर होता है।
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