पटना: खुले में नमाज पढ़ने को लेकर हरियाणा में जारी सियासत और बिहार में भी दस्तक दे चुकी है। भाजपा विधायक हरि भूषण ठाकुर बचौल ने खुले में नमाज पढ़ने पर रोक लगाने की मांग की। इससे पहले हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने भी खुले में नवाज पढ़ने का विरोध किया। इस मुद्दे पर जब बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से सवाल पूछे गए तो मुख्यमंत्री भड़क गए और कहा कि इन सब सवालों का क्या मतलब?
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने खुले में नमाज पढ़ने के मुद्दे पर कहा कि इन सब चीजों पर बोलने का कोई मतलब नहीं है। जिसको जहां मन आता है वह वहां पूजा-अर्चना करता है, कोई गाता है। सबका अपना-अपना विचार और पूजा करने का तरीका होता है इस पर बहस नहीं होनी चाहिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि कौन कहां क्या पड़ता है, इन सब बातों का कोई मतलब नहीं है। मेरा मानना है कि सबको अपने ढंग से पूजा पाठ करना चाहिए और जिसको जैसे पसंद आता है वे करते भी हैं।
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मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि गाइडलाइन के दौरान कोई बाहर नहीं जा रहा था। हमारे लिए सभी लोग एक समान है। सभी लोग अपने ढंग से चलते हैं इन सब को मुद्दा बनाना बिल्कुल ठीक नहीं है। मुख्यमंत्री ने कहा कि नवाज कहां पढ़ना है? इनसब को मुद्दा बनाने का कोई मतलब नहीं है। हम लोग के लिए ये सब मुद्दा मायने नहीं रखता है। बिहार का विकास आवश्यक है और हम उसके लिए प्रयास कर रहे हैं। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने साफ कर दिया कि बिहार में इस तरह के मुद्दे का कोई मतलब नहीं है।
वहीं भारतीय जनता पार्टी के विधायक इस मुद्दे को जोर शोर से उठा रहे हैं। भाजपा विधायक हरि भूषण ठाकुर बचौल दो दिनों कहां की हरियाणा की तर्ज पर बिहार में भी खुले में नमाज पढ़ने पर रोक लगाने जरूरी है। भाजपा विधायक ने मांग की थी कि खुले में नमाज पढ़ने पर राज्य में रोक लगाया जाए। उन्होंने कहा था कि खुले में नवाज पढ़ने का कोई मतलब नहीं है। इस तरह के चीजों पर रोक लगना जरूरी है। इससे लोगों को काफी परेशानी होती है। हालांकि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इसे सिरे से खारिज कर दिया है। अब देखना होगा कि भाजपा की तरफ से इस मुद्दे पर क्या बयानबाजी होती है।
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