पटना: हमारी उपमुख्यमंत्री रेणु देवी जी दुनिया की सबसे भोली नेता हैं। उन्हें यह नहीं पता कि कौन सा शब्द, कहां और किसके लिए इस्तेमाल करना चाहिए। हम दावा कर सकते हैं कि जिन शब्दों का उपयोग उपमुख्यमंत्री रेणु देवी ने छात्र और छात्र नेताओं के लिए किया है, अगर वैसे शब्द का उपयोग कोई उनके लिए कर दे तो उनके कार्यकर्ता और समर्थक बवाल मचा देंगे। राज्य की पुलिस अपमान का आरोप लगाकर उस पर एफआईआर दर्ज कर चुकी होती और पूरे राज्य में उसकी गिरफ्तारी के लिए प्रदर्शन हो रहा होता लेकिन हमारी उपमुख्यमंत्री साहिबा को पता है कि जब सत्ता अपने हाथ में हो तो हर विरोध करने वाला, हराम का खाने वाला बन जाता है। अगर कोई छात्र या फिर छात्र नेता छात्रों की मांग को लेकर उपमुख्यमंत्री का घेराव कर देता है तो वे उन्हें जिस शब्द के साथ संबोधित करती हैं, उसको हम यहां बोलना भी नहीं चाहते हैं।
वैसे राज्य के मुख्यमंत्री से लेकर उपमुख्यमंत्री तक यह कहां देख पाते हैं कि बिहार में छात्रों की क्या समस्या है। मुख्यमंत्री जी तो अभी आराम फरमा रहे हैं, कभी अचानक आएंगे और उनसे शिक्षा को लेकर सवाल पूछ दिया जाएगा तो वे बोल देंगे कि बिहार के सरकारी विश्वविद्यालय में आइएगा, तो चले जाइएगा। यहां इसका मतलब होगा कि बिहार के सरकारी विश्वविद्यालय में पढ़ने का मतलब अपने कैरियर से चले जाना क्योंकि यहां 3 साल का डिग्री 6 साल में दिया जाता है और हो सकता है कि इस बात के लिए भी जब कल किसी मंत्री जी का विरोध किया जाए तो वह एहसास करा दे कि सरकारी विश्वविद्यालय में सरकार के पैसे से पढ़ाई होती है तो जितना मिल रहा है, वह बहुत है।
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बिहार की उपमुख्यमंत्री रेणु देवी का एक वीडियो वायरल हो रहा है और उस वीडियो में सबसे खास बात है कि उपमुख्यमंत्री साहिबा छात्र नेताओं को अपशब्द बोलती हुई नजर आ रही हैं। जो अब तक जानकारी आई है, उसके मुताबिक यह वीडियो बेतिया का है जहां उपमुख्यमंत्री रेनू देवी अपने गृह विधानसभा क्षेत्र में दौरे पर गई थी। अपने गृह विधानसभा क्षेत्र का दौरा करते समय अचानक कुछ छात्रों ने उनका घेराव कर दिया और छात्रों के घेराव से उपमुख्यमंत्री साहिबा का दिमाग खराब हो गया। वे वहां छात्र और छात्र नेताओं पर टिप्पणी करने लगी लेकिन इसी दौरान उन्होंने ऐसे शब्दों का इस्तेमाल कर दिया जिसे लेकर अब कई प्रकार के सवाल उठ रहे हैं। उन्होंने वहां मौजूद छात्र नेता को हरामजादा कह कर संबोधित कर दिया और अब उनका एक छोटा सा वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।
अब आप सोचिये की किसी भी राज्य के संविधानिक पदों पर बैठे व्यक्तियों की भाषा कैसी होनी चाहिए? क्या इसी शब्द का इस्तेमाल कोई उपमुख्यमंत्री साहिबा के लिए कर दें तो वो बर्दाश्त कर पाएंगी? हमारे नेता अपने लिए सम्मान खोजते हैं और आदेश दिलवाते हैं कि वे जहां जाएंगे, वहां उनके सम्मान में बड़े-बड़े अधिकारी खड़े हो जाएंगे। वे आदेश दिलवाते हैं कि किसी भी कार्यक्रम में उनके लिए अलग से एक विशेष कुर्सी की व्यवस्था की जाएगी लेकिन वे खुद किसी दूसरे का सम्मान करना नहीं जानते हैं। जिन छात्रों ने उपमुख्यमंत्री का घेराव किया था, उनकी मांग सिर्फ इतनी थी कि उनके कॉलेज द्वारा परीक्षा केंद्र जिले से बाहर भेजा गया था और वे चाहते थे कि परीक्षा केंद्र को चंपारण में ही रखा जाए। वे पहले से ही कॉलेज के सामने धरना-प्रदर्शन कर रहे थे लेकिन उपमुख्यमंत्री के आने की खबर पाकर वे उनका घेराव करने चले गए।
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अब वे अपनी मांग को लेकर उनका घेराव करते हैं लेकिन अचानक उपमुख्यमंत्री का गुस्सा फूट पड़ता है और फिर वे जिन शब्दों का इस्तेमाल करती हैं, अगर उस शब्द का उपयोग उनके लिए कर दिया जाए तो उनके समर्थक और उनकी पार्टी पूरे राज्य में बवाल करेगी लेकिन उपमुख्यमंत्री महोदया को किसी भी छात्र या छात्र नेता को हरामजादा बोलने में कोई आपत्ति नहीं है। एक बार महोदया को बिहार की शिक्षा व्यवस्था को देखना चाहिए और फिर इसका भी जवाब देना चाहिए कि जो छात्र 3 साल के कोर्स में एडमिशन लेता है और उसे अपनी डिग्री 6 साल के बाद मिलती है, इसका दोषी कौन है और जो भी संस्था या जो भी लोग इसके जिम्मेदार हैं, उनको महोदया क्या बोलेंगी? क्या महोदया उन लोगों के लिए भी इस शब्द का उपयोग करेंगी या फिर यह शब्द सिर्फ छात्रों के लिए और आम जनता के लिए था।
बताया जा रहा है कि यह वीडियो 12 नवंबर का है जो अब सोशल मीडिया पर खूब तेजी से वायरल हो रहा है। बाकी बवाल ज्यादा बढ़ेगा तो इनके समर्थन में पार्टी के नेता आकर इसका तर्क भी देंगे कि हरामजादा कोई बुरा शब्द नहीं होता है लेकिन अगर उन्ही नेताओं के लिए हरामजादा शब्द का उपयोग कर दिया जाएगा तब वे बवाल भी करने के लिए तैयार रहेंगे। हमें लगता है कि एक बार किसी भी मंत्री को और विधायक को या किसी भी जनप्रतिनिधि को अपने लिए इज्जत मांगने से पहले दूसरों को इज्जत देना सीखना चाहिए और अगर ऐसा नहीं होता है तो अगर खुद के लिए भी कोई इन शब्दों का उपयोग करें तो बुरा नहीं मानना चाहिए। वीडियो समाप्त करते हैं लेकिन उपमुख्यमंत्री रेणु देवी जी से यह आग्रह रहेगा कि एक बार ध्यान से सोचियेगा कि आपने कुछ गलत बोला है या नहीं। बाकी वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल है। अभी उनकी तरफ से कुछ सफाई नहीं आई है तो हम वीडियो की पुष्टि नहीं करते हैं।
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