पटना: कोरोना संक्रमण की कमी को देखते हुए बिहार सरकार सभी स्कूलो को खोलने की तैयारी कर रही है। शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी ने बताया कि कोरोना महामारी के कारण राज्य में 6 अगस्त तक स्कूल बंद रहेंगे। इसके पहले कोरोना नियमों को लागू करते हुए, किस तरह से 10वीं तक की स्कूलों को खोला जाए इस पर बैठक कर के निर्णय लिया जाएगा।
इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च की रिपोर्ट की जिक्र करते हुए शिक्षा मंत्री ने बताया कि आईसीएमआर ने जानकारी दी है कि देश के 60 फीसदी लोगों में कोरोना संक्रमण से लड़ने के लिए एंटीबॉडी बन गया है। उन्होंने यह भी बताया कि बच्चों की तुलना में कोरोना संक्रमण से ज्यादा खतरा व्यासको को है। शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी ने कहा कि स्कूलों को खोलने पर भी आईसीएमआर ने सहमति दी है। बच्चों में कोरोना से संक्रमण बहुत कम देखा गया है। इस परिपेक्ष में शिक्षा विभाग आने वाले कुछ दिनों में कोरोना महामारी की स्थिति को देखते हुए अगस्त के दूसरे सप्ताह में स्कूलों को खोलने के लिए आपदा प्रबंधन समूह की बैठक में बच्चों के भविष्य एवं उनकी सुरक्षा के हित में फैसला करेगी।
बता दें कि 2020 में आई कोरोना संक्रमण के कारण उस वर्ष स्कूलों को बंद रखा गया। यही स्थिति इस वर्ष भी रही। इससे बच्चों की पढ़ाई पर बहुत असर पड़ा है। कोरोना संक्रमण के मामले कम होने के बाद निजी स्कूलों और कोचिंग संस्थानों को खोले जाने की मांग भी जोर शोर से हो रही है। उनका कहना था कि डेढ़ वर्ष से भी ऊपर से संस्थान बंद है। इससे जुड़े लोगों को जीविका की बड़ी समस्या झेलनी पड़ रही है।
सरकार द्वारा कुछ दिन पहले दसवीं से ऊपर की कक्षाओं को खोल दी गई है। साथ हीं सभी सरकारी तथा गैर सरकारी संस्थाओं को भी 50% उपस्थिति के साथ खोलने का आदेश दिया गया। सरकार द्वारा यह भी कहा गया कि दसवीं के ऊपर खुली जाने वाली स्कूलो में वैक्सीनेशन अनिवार्य होगा। दसवीं से ऊपर की कक्षाओं को खोले जाने के बाद से या मांग तेज हो गई है कि पाली से दसवीं कक्षा तक की विद्यालय को भी खोलने की अनुमति दी जाए। शिक्षा मंत्री ने बताया कि अगस्त दूसरी सप्ताह तक पहली से दसवीं कक्षाओं तक की सभी स्कूलों को खोल दिया जाएगा।