पटना: एमपी-एमएलए कोर्ट ने केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह को 8 साल पुराने एक मामले में जमानत दे दी है। स्पेशल कोर्ट ने इस मामले में एनडीए और भाजपा के 23 नेताओं को जमानत दे दी है। जमानत पाने वालों में गिरिराज सिंह के साथ ही बिहार में मंत्री रामसूरत राय, सांसद वीणा देवी आदि भी शामिल हैं। कोर्ट में कुल 23 नेताओं की कोर्ट में पेशी हुई थी, जिसमें सभी को बेल दे दिया गया है। स्पीडी ट्रायल के तहत 6 महीने में केस खत्म किया जाएगा।
दरअसल, वर्ष 2014 में रेल रोकने के मामले में गिरिराज सिंह, रामसूरत राय, वीणा देवी समेत 23 नेताओं को आरोपी बनाया गया है। इसी मामले में शुक्रवार को इन सभी नेताओं की स्पेशल कोर्ट में पेशी हुई। सुनवाई के बाद कोर्ट ने सभी नेताओं को जमानत दे दी। रेल रोकने के इस मामले का स्पीडी ट्रायल के तहत 6 महीने में निस्तारण करना है। जमानत मिलने के बाद गिरिराज सिंह ने कहा कि वह निर्दोष हैं और उन्हें इस मामले में फंसाया गया है।
कोर्ट से बाहर निकलने के बाद मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा कि उस समय UPA की सरकार थी। कांग्रेस ने एक सोची समझी साजिश के तहत उनलोगों को मुकदमे में फंसाया है। माननीय कोर्ट पर उन्हें पूरा भरोसा है। उन्हें न्याय मिलेगा। गिरिराज सिंह ने रेलवे पर झूठा आरोप लगाकर केस दर्ज कराने का आरोप भी लगाया है। उन्होंने कहा कि उन्होंने इस मामले में अपना बयान दर्ज करवा दिया है।
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केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने बताया कि यह मामला साल 2014 का है। यह मामला रेलवे प्रोटेक्शन एक्ट के तहत दर्ज हुआ था। पहले यह मामला रेलवे कोर्ट में चल रहा था, जिसे एमपी-एमएलए कोर्ट में ट्रांसफर किया गया है। अधिवक्ता ने बताया कि सभी आरोपियों को पहले ही जमनत मिल गई थी। इसी को आधार बनाते हुए स्पशेल कोर्ट से भी बेल देने का अनुरोध किया गया था, जिसे स्वीकार कर लिया गया है।
अधिवक्ता ने कहा कि ये मामला पहले सोनपुर रेलवे कोर्ट में चल रहा था। सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर MP MLA कोर्ट बनने के बाद वहां से केस ट्रांसफर होकर मुजफ्फरपुर में आया है। जिसमे आज पहली अपीयरेंस हुई है। पूर्व के बेल को यथावत रखा गया है। इसके बाद सभी गवाहों को सम्मन भेजा जाएगा। गवाही की प्रक्रिया होगी। जिसके बाद इसका निर्णय आएगा। स्पीडी ट्रायल के तहत 6 महीने में केस खत्म किया जाएगा।
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