पटना: बिहार के किशनगंज के थानेदार अश्वनी कुमार की बंगाल में भीड़ ने पीट-पीटकर हत्या कर दी. अश्वनी कुमार एक अपराधी को पकड़ने गए थे, लेकिन तभी वहां उन पर हमला किया गया और सीमांचल के बदमाशों ने पीट पीट कर हत्या कर दी। सीमांचल के इलाके पूरी तरह से पुलिसिया कण्ट्रोल से बाहर हैं, एक आंकड़े के मुताबिक लगभग 350 मामले के आरोपी पुलिस की गिरफ्त से बाहर हैं उनमें से अधिकतर हत्या के आरोपी हैं। इसकी वजह क्या है, कि बिहार का एक बहुत बड़ा इलाका आज भी सामान्य कानून व्यवस्था से ऊपर है, उसकी वजह है बंगाल, बांग्लादेश, नेपाल की सीमाओं से होने वाली घुसपैठों पर रोक टोक न होना, इस घुसपैठ पर नितीश कुमार जी कहते हैं कि किसमें दम है कि हमारे लोगों को बाहर निकालेगा जबकि भाजपा समेत कई दल वहां एनआरसी के पक्षधर हैं, कारण है कि वहां पर एक बहुत बड़ी मुस्लिम आबादी है जो यहाँ के मूल नागरिक नहीं है, बल्कि वो नेपाली और बांग्लादेशी घुसपैठिये हैं और ये अपराधी बस बिहार तक सीमित नहीं रहते बल्कि ये सीमांचल से तराई क्षेत्र और नेपाल के रास्ते उत्तराखंड तक पहुंच रहे हैं, और वहां भी अपराध को बढ़ावा दे रहे हैं, उत्तर प्रदेश में आने जाने वाले अपराधियों के कॉरिडोर के तौर पर ये इलाका काम करता है।
एक नजर डालते हैं सीमांचल की आबादी पर, तो सीमांचल की आबादी लगभग 1 करोड़ है जिसमें मुख्यतः चार जिले शामिल हैं- पूर्णिया, कटिहार, किशनगंज और अररिया। अकेले किशनगंज में, मुसलमानों की आबादी 67.70%, कटिहार में 43%, अररिया में 40% और पूर्णिया में 38% है।हालाँकि, 2011 की जनगणना के अनुसार, बिहार की दस करोड़ आबादी में मुसलमान केवल 16.5% हैं। तो एक तरह से ये इलाका पूरी तरह से मुस्लिम प्रभाव का इलाका है, अब सवाल है मुसलमान आबादी ज्यादा होने का घुसपैठ से क्या सम्बन्ध है। तो सम्बन्ध है, सम्बन्ध ऐसे है कि जिस तरह से बंगाल में घुसपैठिये कुछ दिनों के बाद वोट बैंक बन जाते हैं, क्यूंकि जाहिर है वहां उनको सेट होने में ज्यादा समय नहीं लगता है, उनके लिए वहां के हालातों को अडॉप्ट करना आसान होता है, और राजनितिक संरक्षण उस इलाके को बाकायदा मिलता है तो कानूनी कार्यवाही का डर भी नहीं रहता, क्यूंकि कोई भी नेता कार्यवाही करके अपना वोट बैंक नहीं गंवाना चाहेगा, चाहे उसके लिए थोड़ा अनैतिक ही होना पड़े, वैसे भी नेताओं की नैतिकता से हम सभी वाकिफ हैं।
अब वोट बैंक समझते हैं, बिहार का सीमांचल इलाके में पुर्णिया, कठिहार, किशनगंज, और अरैया जिले शामिल हैं जिसमें कुल 24 विधानसभा सीट आती हैं,. इस इलाके में ज्यादातर पिछड़ी जाति के लोग आते हैं. इसमें 47 प्रतिशत आबादी मुस्लिमों की है. इस लिहाज से मुस्लिम वोट इस क्षेत्र में अहम माना जाता है. कई इलाकों में तो सत्तर प्रतिशत से भी ज्यादा मुस्लिम आबादी है, जो एकमुश्त वोट बैंक बनता है। पिछले चुनाव में इस वोट बैंक को कैश होते हमने देखा, बिहार या हिंदी पट्टी में खास कोई राजनीतिक दखल रखने वाली असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी AIMIM ने पांच सीटें इसी इलाके से जीतीं, बाकी बिहार में AIMIM का कोई खास दखल नहीं रहा। तो कैसे इंकार किया जा सकता है कि ये 24 सीटें मुस्लिम बाहुल्यता वाली हैं, और इनके सारे वोट बस धर्म के नाम पर जाते हैं। AIMIM का पांच सीटें जीतना इस बात का सबसे स्पष्ट सुबूत है। इसलिए कोई भी राजनितिक पार्टी इस वोट बैंक को डिस्टर्ब नहीं करना चाहती है, एनआरसी या घुसपैठ को रोकने की बात करके, क्यूंकि आज का घुसपैठिया, हत्यारा, अपराधी कल को उनका वोटर है।
खैर लौटकर आते हैं घुसपैठ पर, बिहार सरकार के मंत्री और बीजेपी नेता रामसूरत राय ने दावा किया है कि सीमांचल के इलाके स्थानीय लोगों की मदद से घुसपैठ हो रही है। नीतीश के मंत्री का यह भी कहना है कि इसके लिए घुसपैठिए विदेशों से मिलने वाले पैसे से सीमांचल के इलाके में जमीन खरीद रहे हैं। जो आने वाले समय में बिहार के साथ देश के लिए खतरा बन सकते हैं। पूर्णिया, अररिया और भागलपुर दौरा के दौरान स्थानीय लोगों ने उन्हें जानकारी दी है कि उनके इलाके में एक विशेष समुदाय के स्थानीय लोगों द्वारा बाहरी लोगों का घुसपैठ कराया जा रहा है। साथ ही ये भी कहा कि वहां दलालों द्वारा फर्जी कागजात के आधार पर घुसपैठियों को जमीन उपलब्ध कराई जा रही है। लेकिन वही जो ऊपर कहा राजनितिक वोट बैंक को कोई डिस्टर्ब नहीं करना चाहता इसलिए बाकी सभी पार्टियां इस बयान को फालतू और बेकार का बता रही हैं, जबकि आंकडे चीख चीख कर कह रहे हैं, सीमांचल में सबकुछ ठीक नहीं है, चंद पैसे और धर्म के नाम पर लोगों को बरगलाया जा रहा है, वहां जिन लोगों को अवैध तरीके से घुसाया जा रहा है यकीन जानिए आज नहीं तो कल वो फूटेंगे और पूरे बिहार और उसके आसपास में तबाही मचाएंगे । ये अगर आज अड्रेस नहीं किया गया तो जिस जंगल राज के इतिहास की बात तमाम नेता करते हैं करते हैं, वो कल फिरसे सीमांचल बिहार के जरिये उठेगा और तबाही मचाएगा।