पटना: शराबबंदी कानून पर बिहार की सत्तारूढ़ गठबंधन आमने सामने आ गई है। एक तरफ मुख्यमंत्री नीतीश कुमार एलान कर चुके हैं कि शराबबंदी कानून किसी भी कीमत पर वापस नहीं लिया जाएगा तो वही, भारतीय जनता दल के विधायक हरीभूषण ठाकुर बेचौल ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से शराबबंदी कानून वापस लेने की मांग की है। उन्होंने कहा कि राज्य में शराबबंदी से अराजक स्थितियां उत्पन्न हो गई है। भाजपा नेता हरीभूषण ठाकुर बचौल ने कहा कि अगर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी प्रगति शील कृषि कानून वापस ले सकते हैं तो मुख्यमंत्री नीतीश कुमार शराबबंदी कानून को वापस क्यों नहीं ले सकते? मुख्यमंत्री को इस मुद्दे पर जीत नहीं करनी चाहिए।
भाजपा विधायक ने कहा कि राज्य में शराबबंदी अच्छी नियत से बनाई गई थी, लेकिन इसे लागू करने में गड़बड़ी हो रही है। राज्य में शराब माफिया और सरकारी तंत्र के गठजोड़ से कानून के उद्देश्य को विफल बनाया जा रहा है। हरीभूषण ठाकुर ने कहा कि कानून की आर में पहले राजधानी पटना में एक विवाह समारोह में जिस तरह से पुलिस प्रशासन ने छापेमारी की वह काफी शर्मनाक और डरावना है। पुलिस को किसी के घर में शादी के दिन ऐसे घुसकर छापेमारी नहीं करनी चाहिए। इससे लोगों में भाई का माहौल उत्पन्न होता है।
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भाजपा विधायक हरीभूषण ठाकुर बेचौल ने कहा कि राज्य का युवा बेरोजगार है। शराबबंदी कानून लागू होने के बाद बड़ी संख्या में युवा शराब तस्करी में संलग्न हो गए हैं। सच्चाई यह है कि इस कानून ने नई पीढ़ी को बचाने के बजाय बर्बाद करने का काम क्या है। हरीभूषण ठाकुर ने कहा कि बिहार में शराब तस्करों से पुलिस मिली हुई है और पुलिस की मर्जी से ही राज्य में शराब की खरीद बिक्री की जा रही है। पुलिस प्रशासन बेचने वाले को पकड़ने के बजाय, जो इस काम से नहीं जुड़ा हुआ है उसको धमकी दे रही है। पुलिस की इस रवैया से राज्य में अराजकता का माहौल उत्पन्न हो सकता है।
भाजपा विधायक हरिभूषण ठाकुर बेचौल ने कहा कि जिस तरह से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तीनों कृषि कानून वापस लिया उसी प्रकार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को शराबबंदी कानून वापस ले लेना चाहिए। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार विकास पुरुष है लेकिन यह तंत्र उन्हें फील कर रहा है। हरीभूषण ठाकुर के इस बयान के बाद अप पुलिस प्रशासन पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं। पिछले दिनों जिस प्रकार पुलिस ने शादी के दिन पटना के एक होटल में छापेमारी की उसके बाद विपक्ष लगातार सरकार और पुलिस प्रशासन पर हमलावर है। अब एनडीए के विधायक ने भी पुलिस प्रशासन पर सवाल खड़े किए हैं और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से शराब बंदी कानून वापस लेने की मांग की है।
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