पटना: बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री व हम पार्टी के अध्यक्ष जीतन राम मांझी ने श्रीराम और रामायण के अस्तित्व पर सवाल खड़ा किया है। जिसके बाद बिहार की सियासत को गरमा गई है। बिहार के भाजपा विधायक हरी भूषण ठाकुर बचौल ने जीतन राम मांझी पर हमला करते हुए सवाल पूछा है कि आपके नाम में राम क्यों है? आपका नाम जीतन राम मांझी की जगह जीतन राक्षस मांझी क्यों नहीं है, अगर इसका जवाब है तो दीजिए।
दरअसल पिछले दिनों जीतन राम मांझी ने बिहार के स्कूल और कॉलेज के पाठ्यक्रम में रामचरितमानस और रामायण की पढ़ाई शामिल किए जाने की बात पर जीतन कहा था कि ‘राम कोई जीवित और महापुरुष व्यक्ति थे, ऐसा मैं नही मानता हूँ। मैं रामायण की कहानी को सच नहीं मानता, लेकिन रामायण में कही गई बातों का समर्थन करता हूं।’ मांझी ने कहा कि रामायण में लोगों के लिए अच्छी बातें कही गई है, जिससे बेहतर व्यक्तित्व का निर्माण होता है। रामायण की बातों को शिक्षा में शामिल करना चाहिए और मैं इसे पढ़ाई में शामिल करने का पक्षधर हूं।
यह भी पढ़े: लेसी सिंह का बयान, भोला पासवान के नाम पर राजनीतिक रोटी सेंकना चाहते हैं चिराग!
जीतन राम मांझी के इस बयान के बाद भाजपा हमलावर हो गई है। भाजपा नेता और विधायक हरी भूषण ठाकुर ने मांझी को निशाने पर ले लिया और सवालिया लहजे में कहा कि जीतन राम मांझी के माता-पिता ने उनका नाम जीतन राम मांझी की बजाय जीतन राक्षस मांझी क्यों नहीं रखा? नाम को जीतन राम मांझी रखने का मतलब है कि उनके माता-पिता को राम के अस्तित्व में यकीन था। हरी भूषण ठाकुर ने कहा कि जीतन राम मांझी चंद वोट की खातिर सेकयूलर बनने की कोशिश कर रहे हैं । क्या मांझी जी सबरी मैया के अस्तित्व पर भी सवाल खड़ा करेंगे, जो श्री राम की बड़ी भक्त थी। जीतन राम मांझी को अपने बयान पर माफी माँगनी चाहिए।
एक तरफ जहां जीतन राम मांझी पर भाजपा हमलावर है तो वहीं महागठबंधन के नेता इशारे-इशारे में मांझी के समर्थन में उतरते दिखाई दे रही है। राजद विधायक भाई वीरेंद्र ने कहा कि श्रीराम और रामायण पर हमारा विश्वास है, लेकिन राम के नाम पर जो लोग राजनीति कर रहे हैं। उनके साथ मांझी जी क्यों हैं,? जीतन राम मांझी को राम के नाम पर राजनीति करने वाले लोगों का साथ छोड़ देना चाहिए।
यह भी पढ़े: बिहार में कोरोना का कहर जारी, गोपालगंज में तीन लोगों की मौत से कोहराम!