पटना: चारा घोटाला के डोरंडा कोषागार मामले में रांची स्थित सीबीआई की स्पेशल कोर्ट ने आज सजा का ऐलान कर दिया है। कोर्ट ने इस मामले में राजद सुप्रीमो लालू यादव को 5 साल की सजा सुनाई है। साथ ही 60 लाख रूपये जुर्माना लगाया है। सीबीआई की स्पेशल कोर्ट ने 15 फरवरी को लालू यादव समेत अन्य आरोपियों को 139.5 करोड़ रुपये के डोरंडा कोषागार से जुड़े चारा घोटाले में दोषी पाया था। कोर्ट ने उस दिन सजा का ऐलान नहीं किया था। आज इसी मामले में कोर्ट ने सजा सुनाई है।
बता दें कि चारा घोटाले के अन्य चार मामले में लालू यादव पहले ही दोषी करार दिए जा चुके हैं। वहीं, डोरंडा कोषागार के मामले में कुल 99 आरोपी थे। इसमें से 24 को बरी किया गया था, वहीं 46 को दोषी मानकर 3 साल की सजा सुनाई गई थी। आज डोरंडा ट्रेजरी से 139.35 करोड़ की अवैध निकासी के सबसे बड़े मामले में राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव समेत 41 दोषियों को आज सीबीआई कोर्ट ने सजा सुनाई है। रांची स्थित सीबीआई कोर्ट के स्पेशल जज एसके शशि की अदालत ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सभी दोषियों को बारी-बारी से सजा सुनाई है।
कानूनी विशेषज्ञों की राय में लालू यादव को तीन साल से अधिक की सजा मिलने के कारण तुरंत जमानत नहीं मिल सकेगी। इसके लिए उन्हें हाईकोर्ट का रूख करना होगा। हालांकि उनकी सेहत को देखते हुए कोर्ट राहत दे सकती है। डॉक्टर ने बताया कि सजा की सुनवाई होने से पहले लालू यादव रात से ही काफी तनाव में थे। इस कारण उनका बीपी और ब्लड शुगर अनियंत्रित हुआ। डॉक्टर विद्यापति ने कहा कि सुबह लालू यादव से जब मुलाकात हुई तो वह काफी तनाव में दिखे और तबीयत के बारे में पूछा गया तो काफी मायूस होकर उन्होंने जवाब दिया।
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बता दें कि 15 फरवरी को डोरंडा ट्रेजरी निकासी मामले में लालू यादव को दोषी करार दिया गया था। चारा घोटाला मामले में लालू यादव समेत 99 आरोपी को दोषी करार दिया गया था। 99 आरोपी में 24 लोगों को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया गया था। अदालत ने लालू प्रसाद यादव को भारतीय दंड संहिता की धारा 409, 420, 467, 468, 471 के साथ षड्यंत्र से जुड़ी धारा 120बी एवं भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 13(2) के तहत दोषी करार दिया है।
क्या है डोरंडा कोषागार मामला :
डोरंडा कोषागार से 139.35 करोड़ की अवैध निकासी हुई थी। इस मामले के लालू प्रसाद मुख्य आरोपी हैं। मामले में दीपेश चांडक और आरके दास समेत सात आरोपियों को सीबीआई ने गवाह बनाया है। वहीं दो लोग सुशील झा और पीके जायसवाल ने निर्णय से पहले ही अपना दोष स्वीकार कर लिया है। इस हाईप्रोफाइल मामले में लालू यादव के अलावा पूर्व सांसद जगदीश शर्मा, डॉक्टर आरके राणा, तत्कालीन पशुपालन सचिव बेक जूलियस, पीएसी के तत्कालीन अध्यक्ष ध्रुव भगत, पशुपालन विभाग के सहायक निदेशक डॉक्टर के एम प्रसाद सहित 99 आरोपी हैं।
99 आरोपियों पर फैसला :
वर्ष 1996 चारा घोटाले के डोरंडा कोषागार में मामले में दर्ज की गई थी। शुरुआत में इस मामले में कुल 170 आरोपी थे। इनमें से 55 आरोपियों की मौत हो चुकी है, जबकि सात आरोपियों को सीबीआई ने सरकारी गवाह बना लिया। इसके अलावा दो आरोपियों ने अदालत का फैसला आने के पहले ही अपना दोष स्वीकार कर लिया। छह आरोपी अब भी तक फरार बताया जा रहा है। बाकी 99 आरोपियों पर फैसले की सुनवाई हुई। इसमें से 24 आपोरियों को बारी कर दिया गया है। लेकिन लालू यादव को इस केस में कोर्ट ने 5 साल की सजा सुनाई है।