पटना: कोरोना संक्रमण को पूरी तरह से खत्म करने के लिए अब बिहार सरकार (Bihar Government) बड़ा कदम उठाने जा रही है। सूत्रों के अनुसार राज्य में एक बार फिर 7 दिनों के लिए लॉकडाउन की अवधि को बढ़ाया जा सकता है। सरकार आगामी 8 जून तक लॉकडाउन (Lockdown) लगाने के बारे में फैसल कर सकती है।
जानकारी के अनुसार इस बात पर अंतिम मुहर कोरोना क्राइसिस मैनेजमेंट की बैठक में लगेगी। बताया जा रहा है कि इस बार लगने वाले लॉकडाउन के नियम पूरी तरह से बदले जाएंगे और कई पाबंदियों को हटाया जाएगा। साथ ही कुछ छूट भी आम लोगों को इस दौरान दी जाएगी।
इस संबंध में सभी जिलाधिकारियों से फीडबैक लिया गया है। साथ ही मंत्रियों और प्रधान सचिवों ने भी लॉकडाउन को बढ़ाने के संबंध में अपने विचार रखे हैं। सरकार का मानना है कि लॉकडाउन की अवधि बढ़ाने से कोरोना का आंकड़ा शून्य की तरफ किया जा सकता है।
सूत्रों के मुताबिक लॉकडाउन-4 में प्रतिबंधों में ढील दी जा सकती है। अभी शहरी क्षेत्रों में आवश्यक सामान से जुड़ी दुकानों को सुबह 6 से 10 बजे तक खोलने की इजाजत है। वहीं ग्रामीण क्षेत्रों में यह समय सीमा सुबह 8 से दोपहर 12 बजे तक है।
माना जा रहा है कि इस समय सीमा को बढ़ाया जाएगा। वहीं कपड़े और दूसरी दुकानों को भी खोलने की इजाजत मिल सकती है। हालांकि बस और सार्वजनिक परिवहन से जुड़ी अन्य सेवाओं में क्षमता के 50 प्रतिशत लोगों को ही सफर की अनुमति दी जाएगी। इसमें फेरबदल की संभावना फिलहाल नहीं है।
वहीं इससे पहले कोरोना को ही लेकर बिहार में पंचायत चुनाव टल गए हैं। समय पर चुनाव नहीं हो पाने की स्थिति में पंचायत प्रतिनिधियों के अधिकार छिन जाएंगे या फिर बरकरार रहेंगे इस पर अब भी कोई फैसला नहीं हो पाया है।
हालांकि यह जानकारी सामने आ रही है कि इसको लेकर मंथन जारी है। बताया जा रहा है कि फिलहाल राज्य सरकार इससे जुड़े सभी पहलुओं और कानूनी पक्षों पर गहन विचार-विमर्श कर रही है।
बिहार में पंचायत चुनाव टल गए हैं
वहीं, एक खबर यह भी है कि सरकार जल्द ही इसको लेकर अध्यादेश लाने पर विचार कर रही है कि पंचायत प्रतिनिधियों के कार्यकाल बढ़ा दिए जाएं।
दरअसल बिहार में वैधानिक परिस्थिति उत्पन्न हो गई है इससे निबटने के लिए पंचायती राज अधिनियम में कोई ठोस प्रावधान नहीं है, ऐसे में सरकार के सामने अब एक मात्र विकल्प अध्यादेश लाने का ही बताया जा रहा है।
मिली जानकारी के अनुसार विधि विभाग से कानूनी पहलुओं पर विमर्श हो रहा है कि आगामी कदम क्या उठाए जाएं।बता दें कि कोरोना की वजह से राज्य में लॉकडाउन है और ऐसे में विधानसभा सत्र भी बुलाना मुमकिन नहीं है।
अगर ऐसा नहीं होता है तो पंचायतों के कार्यकाल को बढ़ाने से संबंधित कोई कानून भी विधानसभा से पास करवना संभव नहीं है। ऐसे में राज्य सरकार इस मसले पर अध्यायदेश ला सकती है।