पटना: बिहार में चर्चा भले ही कोरोना की तीसरी लहर की हो रही हो, लेकिन विधान परिषद के आगामी चुनाव में सियासी सरगर्मी को बढ़ा रखा है। एक तरफ पूरे देश की नजर जहां उत्तर प्रदेश समेत अन्य विधानसभा चुनावों पर हैं तो वहीं बिहार में सबकी नजर स्थानीय कोटे से होने वाले विधान परिषद की 24 सीटों के चुनाव पर जा टिकी है। जानकारी के अनुसार नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने कांग्रेस की परवाह किए बिना अपने स्तर से नौ प्रत्याशियों के नाम लगभग तय कर लिया है। हालांकि इसपर राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव की सहमति और घोषणा बाकी है।
दो सीटों पर होने वाली उपचुनाव के बाद कांग्रेस को विधान परिषद चुनाव में सम्मान जनक सीटें न मिलने से पार्टी में नाराजगी है। कांग्रेस पश्चमी चंपारण सीट पर अपनी उम्मीदवारी पक्की मान रहा थी, लेकिन राजद द्वारा प्रत्याशी फाइनल करने के बाद कांग्रेस के प्रत्याशी को दरकिनार कर दिया गया है। इसपर कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष मदन मोहन झा ने कहा कि राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने 6 से 7 सीटे देने की बात कही थी, लेकिन राजद बात से मुकर रहा है। राजद सहयोगी कांग्रेस को 4 सीट देने पर ही राजी है। प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि कांग्रेस विधान परिषद चुनाव में सम्मान जनक सीटें चाहती है।
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सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार राजद ने जिन सीटों पर प्रत्याशियों के नाम तय किए हैं, उनमें पश्चिमी चंपारण से इंजीनियर सौरभ कुमार, रोहतास से कृष्ण कुमार सिंह, वैशाली से सुबोध कुमार, औरंगाबाद से अनुज कुमार सिंह, गया से ङ्क्षरकू यादव, मुंगेर से अजय सिंह, भोजपुर से अनिल सम्राट, दरभंगा से उदय शंकर यादव एवं सीतामढ़ी से खब्बू खिरहर का नाम शामिल है। सूत्रों के मुताबिक इन सीटों के लिए प्रत्याशियों के नाम पर अब कोई किंतु-परंतु नहीं है। साथ ही बांकी बचे सीटों पर जीत की संभावना वाले प्रत्याशियों के नाम तय करने की प्रक्रिया जारी है।
वहीं, सोमवार को तेज प्रताप यादव के संगठन छात्र जनशक्ति परिषद की तरफ से बयान दिए गए हैं। तेज प्रताप के संगठन ने राजद से विधान परिषद की छह सीटों की मांग की है। छात्र जनशक्ति परिषद बिहार के प्रदेश अध्यक्ष प्रशांत प्रताप यादव ने विधानसभा उप चुनाव का हवाला देते हुए कहा कि श्रीकृष्ण के बिना जीत संभव नहीं है। समाज के संघर्ष व विकास में छात्र और युवाओं की मुख्य भूमिका होती है। प्रदेश के अधिकतम छात्र-युवा छात्र जनशक्ति परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष तेज प्रताप यादव के साथ हैं। इसलिए राजद द्वारा कम से कम 25 प्रतिशत सीटों पर उम्मीदवार के चयन के लिए तेज प्रताप यादव को अधिकृत करना चाहिए।
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