पटना: बिहार में जातिगत जनगणना के मसले पर राजनीतिक तल्खी बढ़ते ही जा रही है। बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव की तरफ से जातिगत जनगणना पर दबाव बनाए जाने के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और जनता दल यूनाइटेड भले ही बिहार में इसे कराने पर अपनी सहमति दे रहे हो लेकिन नीतीश सरकार के अंदर जातीय जनगणना के मसले पर एक राय नजर नहीं आ रही है। भाजपा के वरिष्ठ नेता और राज्य के कृषि मंत्री अमरेंद्र प्रताप सिंह ने जातिगत जनगणना लेकर दो टूक कहा कि सरकार नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के इशारे पर नहीं चलेगी।
कृषि मंत्री अमरेंद्र प्रताप सिंह ने कहा कि जातिगत जनगणना कोई ऐसा मुद्दा नहीं है जिसके बिना बिहार डूब रहा है या यहां की धरती हिल रही है। नेता प्रतिपक्ष के इशारे पर सरकार नहीं चल सकती है। जातिगत जनगणना पर केंद्र सरकार बहुत पहले अपना पक्ष स्पष्ट कर चुकी है। अमरेंद्र प्रताप सिंह ने कहा कि केंद्र सरकार बहुत पहले कह चुकी है कि कोई भी राज्य सरकार चाहे तो अपने स्तर पर जातिगत जनगणना करा सकती है। राज्य को जातिगत जनगणना का अधिकार है लेकिन बिहार में हम इसकी जरूरत महसूस नहीं करते हैं। एनडीए सरकार की प्राथमिकता जनता है और जनता के इशारे पर ही सरकार चल रही है।
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भारतीय जनता पार्टी के कोटे से बिहार सरकार में कृषि अमरेन्द्र प्रताप सिंह ने कहा कि जब केंद्र में मनमोहन सिंह की सरकार थी तब उस समय यह सवाल क्यों नहीं उठाई गई? अभी ही यह सवाल क्यों उठ रहा है। केंद्र सरकार ने अपनी परिस्थितियों को बता दिया है कि यह संभव नहीं है। इस बात को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी समझ रहे हैं। तेजस्वी की ऊंगली के ईशारे पर सरकार नहीं चलने वाली है। मंत्री अमरेंद्र प्रताप सिंह ने कहा कि एनडीए सरकार की प्राथमिकता जनता है और जनता के इशारे पर ही सरकार चल रही है। बिहार में हम जातिगत जनगणना की जरूरत महसूस नहीं करते हैं।
बता दें कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जाति जनगणना के मसले पर तेजस्वी यादव को बुलाकर उनसे मुलाकात की थी। दोनों बीच करीब 40 मिनट की बातचीत हुई थी। सीएम नीतीश के बुलावे पर तेजस्वी अकेले मिलने पहुंचे थे और बाहर निकले तो काफी संतुष्ट दिखे। राजद नेता तेजस्वी यादव ने सीएम नीतीश मुलाकात के बाद कहा कि मुख्यमंत्री ने भरोसा दिया है कि वह भी इसके पक्ष में हैं और जल्द ही सर्वदलीय बैठक बुलाकर इसपर फैसला लेंगे। तेजस्वी यादव ने दावा किया कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से उन्होंने जातिगत जनगणना के अलावा बिहार के ज्वलंत मुद्दों जैसे बेरोजगारी और महंगाई पर भी बात की थी।
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