पटना: जन अधिकार पार्टी के मुखिया पप्पू यादव को मिल चुकी है ज़मानत। उनके जेल में रहते हुए ही बाहर उनकी पार्टी उनके चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही थी। मतलब कि पप्पू यादव भले ही जेल में थे लेकिन जो उपचुनाव होना है उसमें उनकी उम्मीदवारी को लेकर खूब चर्चा हो रही थी। लोक जनशक्ति पार्टी की कोर कमेटी की बैठक हुई जिसमें एक प्रस्ताव पारित किया गया है और उस प्रस्ताव के मुताबिक पप्पू यादव को तारापुर विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ाया जाएगा।
यह खबर अपने आप में कई लोगों के लिए चौंकाने वाली भी हो सकती है क्योंकि पप्पू यादव उपचुनाव में खुद मैदान में उतरेंगे इसकी उम्मीद किसी को नहीं थी। आज पप्पू यादव की रिहाई को लेकर सुनवाई भी थी और बड़ी खबर यह है कि उन्हे रिहाई मिल चुकी है, उनके समर्थकों के लिए कोई अच्छी खबर आई है। अच्छी खबर यह भी है कि जन अधिकार पार्टी की कोर कमेटी द्वारा यह प्रस्ताव पास किया गया है कि पप्पू यादव उपचुनाव में तारापुर विधानसभा क्षेत्र से चुनावी मैदान में उतरेंगे। इधर इसके पहले पप्पू यादव की तरफ से कांग्रेस पार्टी को यह सलाह दी गई थी कि वह उपचुनाव में राष्ट्रीय जनता दल का साथ ना दे क्योंकि राष्ट्रीय जनता दल और भारतीय जनता पार्टी के बीच दाल पक रही है। पप्पू यादव अगर उम्मीदवार बनते हैं तो यह तेजस्वी यादव की पार्टी राष्ट्रीय जनता दल के लिए एक बुरा फैसला होगा। अब जब पप्पू यादव चुनावी मैदान में उतरते हैं तो कहीं ना कहीं यादव मत का बंटवारा होगा और इसका फायदा नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल यूनाइटेड को मिलेगा।
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32 साल पुराने अपहरण के मामले में पप्पू यादव पिछले कुछ समय से जेल में बंद हैं और उनके कार्यकर्ता लगातार इस बात को लेकर आंदोलन कर रहे हैं कि उनके नेता पप्पू यादव को रिहा किया जाए। फिलहाल राज्य में उपचुनाव को लेकर सरगर्मी तेज है और इसी बीच खबर आई है कि पप्पू यादव भी उपचुनाव में अपनी पार्टी की तरफ से उम्मीदवार बन सकते हैं। यह चर्चा इसलिए तेज हो गई है क्योंकि जन अधिकार पार्टी के कोर कमेटी की बैठक में एक प्रस्ताव पास किया गया जिसमें इस बात को कहा गया कि उपचुनाव में तारापुर विधानसभा क्षेत्र से पप्पू यादव खुद उम्मीदवार बनें। जब प्रस्ताव पास किए जाने की बात सामने आई तब से इस बात पर चर्चा होने लगी कि पप्पू यादव उपचुनाव लड़ेंगे लेकिन पप्पू यादव की तरफ से अभी तक कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है। अब अगर बात करें कि पप्पू यादव चुनाव लड़ते हैं तो किसका नुकसान होगा तो सबसे पहले मन में नाम राष्ट्रीय जनता दल का ही आएगा। आपको भी याद होगा कि जब पप्पू यादव को गिरफ्तार किया गया तब राष्ट्रीय जनता दल की तरफ से बार-बार कहा गया कि पप्पू यादव भारतीय जनता पार्टी के ही एजेंट हैं। राष्ट्रीय जनता दल की तरफ से हमेशा पप्पू यादव का विरोध किया गया। इसका भी एक बहुत बड़ा राजनीतिक कारण है। राष्ट्रीय जनता दल को लगता है कि अगर पप्पू यादव राज्य के अंदर एक बड़े राजनीतिक चेहरे के तौर पर उभरते हैं तो इसका सीधा नुकसान राष्ट्रीय जनता दल को होगा क्योंकि पप्पू यादव राष्ट्रीय जनता दल के कोर वोटर यादव मतदाताओं का वोट काटेंगे।
अब पप्पू यादव तारापुर विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ जाते हैं तब भी इसका सीधा नुकसान राष्ट्रीय जनता दल को होगा और यह बात राष्ट्रीय जनता दल बखूबी जानती भी है। पप्पू यादव की तरफ से राष्ट्रीय जनता दल का नाम तो नहीं लिया गया लेकिन यह जरूर कहा गया है कि कांग्रेस पार्टी को अब कठोर फैसला लेना चाहिए और टिकट बेचने वाले दल से छुटकारा पा लेना चाहिए। यह सब कुछ पप्पू यादव ने तब कहा है जब कांग्रेस पार्टी और राष्ट्रीय जनता दल का रास्ता अलग हो रहा है। पप्पू यादव ने इशारे-इशारे में ही राष्ट्रीय जनता दल पर कहा कि यह प्रधानमंत्री का पालतू बना हुआ है क्योंकि इसे सीबीआई का डर है। जीतन राम मांझी जो पूर्व मुख्यमंत्री हैं उन्होंने भी उपचुनाव को लेकर कहा कि राष्ट्रीय जनता दल ने कांग्रेस पार्टी को उसकी हैसियत बता दी है। पप्पू यादव भी इन्हीं बातों को एक प्रकार से दोहरा रहे हैं। जब पप्पू यादव के चुनाव लड़े जाने पर प्रस्ताव पारित किया जा रहा था तब वहां 7 ऐसे भी सदस्य थे जिन्होंने कहा कि अगर पप्पू यादव चुनाव नहीं लड़ते हैं तब उन्हें टिकट दिया जाए। भारतीय जनता पार्टी और जनता दल यूनाइटेड के लिए यह खुशी की बात हो सकती है कि अगर पप्पू यादव तारापुर विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ते हैं। अगर पप्पू यादव चुनाव नहीं लड़ते हैं तो वैसी स्थिति में भी जन अधिकार पार्टी की तरफ से अपना उम्मीदवार उपचुनाव के लिए उतारा जाएगा यह साफ किया जा चुका है। बताया जा रहा है कि अंतिम फैसला खुद जाप सुप्रीमो पप्पू यादव को लेना है और पप्पू यादव जो फैसला लेंगे पार्टी वैसा ही निर्देश कार्यकर्ताओं को देगी। इधर आज पप्पू यादव को कोर्ट में पेश करने के लिए मधेपुरा ले जाया गया गया। अदालत की तरफ से यह निर्देश दिया गया था कि 6 महीने में सुनवाई खत्म कर लिया जाए और अभी तक हर पक्षों की गवाही भी हो चुकी है जिसके बाद पप्पू यादव को मिल गई है रिहाई और समर्थकों में खुशी कि लहर दौर चुकी है।
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