पटना: राष्ट्रीय जनता दल के स्थापना काल से राष्ट्रीय अध्यक्ष रहे लालू प्रसाद यादव के राजनीतिक उत्तराधिकारी तेजस्वी यादव हैं, ये तो सब जानते हैं। लेकिन स्वास्थ्य बिगड़ने के बाद अब धीरे-धीरे लालू महत्वपूर्ण कामकाज का जिम्मा भी उन्हें सार्वजनिक रूप से देते जा रहे हैं। मंगलवार की शाम पार्टी विधायक दल की लालू यादव के पटना स्थित आवास पर बैठक आयोजित की गई थी, जिसमें नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव पार्टी के सभी नीतिगत फैसले लेंगे’ के संबंध में पेश किए गए प्रस्ताव को सर्वसम्मति से पारित किया गया।
राष्ट्रीय जनता दल में अब लालू प्रसाद यादव की जगह तेजस्वी यादव पार्टी का हर फैसला लेंगे। यानी राजद में अब जो भी फैसला तेजस्वी लेंगे वो सबको मंजूर होगा। सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव द्वारा बुलाई गई बैठक में इस बात पर चर्चा हुई कि तेजस्वी यादव को राजद की बागडोर दी जाएगी। इसके बाद यह निष्कर्ष निकला कि लालू यादव पार्टी के प्रमुख पद पर बने रहेंगे, लेकिन अब से संसद के उच्च सदन में पार्टी के सदस्यों के नामांकन सहित सभी निर्णयों पर उनके छोटे बेटे तेजस्वी यादव की मुहर होगी। उदय नारायण चौधरी ने बताया कि तेजस्वी प्रसाद यादव को सर्वसम्मति से पार्टी के संघर्ष से जुड़े सभी फैसले लेने के लिए फ्री हैंड दे दिया गया है।
ये भी पढ़े: जातीय जनगणना को लेकर कल सर्वदलीय बैठक, मंत्री विजय चौधरी ने कह दी बड़ी बात!
राजद विधायक आलोक मेहता ने लाया था प्रस्ताव:
मंगलवार की शाम राजद विधायक दल की लालू यादव के पटना स्थित आवास पर बैठक आयोजित की गई थी, जिसमें पार्टी के वरिष्ठ नेता जैसे शिवानंद तिवारी, अब्दुल बारी सिद्दीक़ी, उदय नारायण चौधरी, बिहार इकाई के अध्यक्ष जगदानंद सिंह, लालू यादव की बेटी और राज्यसभा सांसद मीसा भारती, राबड़ी देवी और तेज प्रताप यादव उपस्थित थे। जानकारी के मुताबिक, बैठक में राजद के राष्ट्रीय प्रधान महासचिव और विधायक आलोक मेहता की ओर से यह प्रस्ताव लाया गया कि तेजस्वी यादव पार्टी से संबंधित जो भी नीतिगत फैसला लेंगे। इस पर सभी नेताओं ने अपनी सहमति जताई।
तेजस्वी को राजद अध्यक्ष बनाने का आह्वान:
कुछ दिन पहले राजद के उपाध्यक्ष शिवानंद तिवारी ने लालू यादव को पार्टी की जिम्मेदारी तेजस्वी यादव की हाथों में सौंपने की सलाह दी थी। राजद नेता ने एक फेसबुक पोस्ट में कहा था कि बिहार की पूरी आबादी में 58 फीसद आबादी 25 बरस से नीचे वालों की है। इसके सपनों और आकांक्षाओं को लालू यादव सहित हम पुरानी पीढ़ी के लोग नहीं समझते हैं, वक्त बदला है। यह आबादी गांवों के उन पुराने मुहावरों और कहावतों को नहीं समझती है जिसके महारथी लालू जी हैं। लेकिन, इस युवा आबादी ने तेजस्वी यादव को स्वीकार किया है।
ये भी पढ़े: राजद ने कपड़ा धोने वाली मुन्नी को दिया टिकट, भावुक होकर बोलीं- लालू गरीब के मसीहा