पटना: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि जहरीली शराब पीकर मरने वाले के प्रति किसी भी सूरत में नरमी नहीं बरती जाएगी। शराबबंदी कानून और बापू के सिद्धांतों को नहीं मानने वाला एवं शराब पीने वाला हिंदुस्तानी हो ही नहीं सकता है। वह महापापी और महा अयोग्य है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने साफ कर दिया कि शराब पीने वाले को बिहार में बख्शा नहीं जाएगा। बिहार में पूर्ण शराबबंदी लागू है। बावजूद इसके यदि कोई शराब पीता है तो उसपर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
दरअसल, राष्ट्रीय जनता दल के एमएलसी सुनील सिंह के द्वारा बिहार में शराबबंदी कानून लागू होने के बाद सूखे नशे की प्रचलन बढ़ने को लेकर चिंता जाहिर की गई थी। सुनील सिंह शराब पीने की वजह से जेल जाने वाले लोगों को छोड़ने की मांग कर रहे थे। राजद एमएलसी सुनील सिंह के सुझाव को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सिरे से खारिज कर दिया। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने साफ कर दिया कि सरकार किसी भी कीमत पर जहरीली शराब पीने की वजह से मरने वाले और शराब तस्करी में या शराब पीने की वजह से जेल जाने वाले लोगों के प्रति सहानुभूति नहीं रखती है।
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मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि सरकार जहरीली शराब बनाने वाले को किसी भी कीमत पर नहीं छोड़ेगी। जहरीली शराब निर्माण कार्य में लगे लोगों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। लेकिन, शराबबंदी कानून में कोई ढील नहीं दी जाएगी। सीएम नीतीश ने बताया कि शराबबंदी कानून आने के बाद से लगभग पौने दो करोड़ लोगों ने शराब पीना छोड़ दिया है। बिहार में शराबबंदी कानून लागू होने से महिला उत्पीड़न की घटनाओं में कमी आई है। सीएम नीतीश ने कहा कि समाज सुधार यात्रा के दौरान महिलाओं ने बताया कि शराबबंदी कानून लागू होने से उनके घर में खुशियां आई है। बचत बढ़ी है। साथ ही आर्थिक पक्ष मजबूत हुआ है।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि बिहार में शराबबंदी कानून के बावजूद लोग शराब पीते हैं। जहरीली शराब पीने की वजह से लोगों की जान गई है। लेकिन इसके लिए शराबबंदी कानून जिम्मेदार नहीं है। सीएम नीतीश ने कहा कि जिन राज्यों में शराबबंदी कानून लागू नहीं है, वहां भी जहरीली शराब पीने की वजह से लोगों की जान जाती है। सदन के सदस्यों को सुझाव देते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि निजी तौर पर गोपनीय शिकायत करें। हर हाल में कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।
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