पटना: बिहार में देश का सबसे ज्यादा स्वर्ण अयस्क भंडार है। बुधवार को संसद में केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने डाँ संजय जयसवाल के सवालों का जवाब देते हुए बताया। उन्होंने कहा कि बिहार में देश का सबसे बड़ा स्वर्ण अयस्क भंडार है, जिसमें 223 मिलीयन टन स्वर्ण धातु है। बिहार में देश का कुल 37.6 टन धातु युक्त अयस्क मौजूद है। केंद्रीय मंत्री ने सदन में बताया कि बिहार में यह भंडारण जमुई के सोनो क्षेत्र में मौजूद है। इसके अलावा केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने देश में मौजूद आया स्कोर की भी जानकारी दी। उन्होंने सदन में बताया कि देश में 1 अप्रैल 2015 के आंकड़े के अनुसार कुल 501.83 मिलियन टन संसाधन होने का अनुमान है, जिसमें 654.74 टन सोना है।
केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने बताया कि बिहार के स्वर्ण के इन संसाधनों को संयुक्त राष्ट्र फ्रेम के तहत श्रेणी बद्ध तरीके से रखा गया है। इस राष्ट्र फ्रेम वर्गीकरण का कोड 333 और 334 है। कोड फ्रेम 333 में कुल 21.6 टन सोना है और बांकी धातु 128.88 मिलियन हैं। वहीं, कोड फ्रेम 334 में कुल 16 टन सोना है और 94 मिलियन टन बांकि धातु है। मंत्री ने बताया कि बिहार के अन्य जब ऊपर भी धातु की खोज की जा रही है। पश्चिम चंपारण और गया जिले में जेएसआई ने सर्वे किया है लेकिन वहां धातु की मौजूदगी कम पाई गई है। पिछले 5 वर्षों से लगातार जेएसआई द्वारा सभी जगहों पर धातु की खोज की जा रही है।
बता दें कि हाल ही में केंद्र की मोदी सरकार ने तूने सहित अन्य धातुओं की खुदाई को लेकर नियमों को संशोधित किया है। इससे उम्मीद जताई जा रही है कि अब खनिज खनन के लिए लोगों को आसानी से लाइसेंस मुहैया कराई जाएगी और इससे खुदाई में होने वाली खर्च में भी कमी आएगी। जमीन के अंदर से धातु को निकालना बेहद मुश्किल काम है और इसमें काफी खर्च आता है। केंद्र सरकार नियमों में संशोधन कर सोने समेत सभी धातुओं के लिए G4 स्तर के लाइसेंस जारी करेगी, जिससे आसानी से नीलामी हो सके। यदि नीलामी की प्रक्रिया में आसानी होगी तो स्वर्ण समेत सभी धातुओं को खोजने में भी आसानी होगी और इससे लागत में भी कमी आएगी।
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विदित हो कि बिहार में 5 साल पहले धातुओं का खनन का कार्य शुरू हुआ था। वहीं, स्वर्ण भंडारण को लेकर डेढ़ दशक पहले कार्य को शुरू हुआ था। प्रारंभिक खनन के दौरान काफी कम मात्रा में धातु प्राप्त हुए थे लेकिन अब उम्मीद जताई जा रही है कि नए तकनीक के जरिए अधिक खनिज की खोज आसानी से की जा सकती है। केंद्र सरकार ने इस को लेकर नियमों में संशोधन भी किया है। इससे उम्मीद जताई जा रही है कि लोगों को लाइसेंस लेने में आसानी होगी और नई तकनीक के जरिए कम खर्च में खनिज की खुदाई की जा सकेगी।
देश में 50 करोड़ टन से ज्यादा सोना :
नेशनल मिलीरल एनवेंट्ररी डाटा की माने तो देश में कुल सोना का भंडारण 50.183 करोड़ टन है। हालांकि यह आंकड़ा 2015 के अनुसार है। यदि हम 2021 की बात करें तो शायद यह बढ़कर 557 करोड़ टन हो गया होगा। 2015 के आखिरी के अनुसार देश में कुल 50 दशमलव 183 का सोना है, जिसमें से 1.722 करोड़ टन सुरक्षित श्रेणी व बाकी संसाधनों की श्रेणी में है।