पटना: मुंगेर की पहचान गन फैक्ट्री फिर से वापस लौटने की उम्मीद जगी है। उद्योग मंत्री सैयद शाहनवाज हुसैन पहली बार मुंगेर के दौरे पर पहुंचे हैं। जहां उन्होंने कारोबारियों से मुलाकात की। मुंगेर जिले में बंदूक कारखाना, जमालपुर रेल कारखाना और बरियारपुर के खादी ग्राम उद्योग, धरहरा का कंबल उद्योग समेत कई संख्या में लघु उद्योग थे। जिनमें से कई बंद हो गए हैं, जिनका जमीन खाली पड़ा हुआ है। यहां फिर से उद्योग लगाए जाने और जिले को उद्योग हब बनाए जाने की बात उद्योग मंत्री द्वारा की गई है। कई नए टेक्सटाइल और फूड प्रोसेसिंग उद्योग लगाए जाने की तैयारी की जा रही है।
मुंगेर दौरे के दौरान शाहनवाज हुसैन ने गन फैक्ट्री का जायजा लिया। साथ हीं बंदूक निर्माताओं से फैक्ट्री में बनने वाली बंदूक की जानकारी ली। फैक्ट्री में कार्यरत बीएसए कॉरपोरेशन के कई अधिकारियों और 37 कंपनियों के संचालको से बात कर फैक्ट्री को फिर से शुरू करने की बात कही है। गन फैक्ट्री के संचालकों ने पंप एक्शन शॉट दिखाते हुए बताया कि सरकार यदि लाइसेंस जारी करती है तो बाजार में इस गन की सप्लाई की जा सकती है। यह गन बहुत अच्छा क्वालिटी का है जिससे इसका डिमांड मार्केट में ज्यादा रहेगा। कई संचालकों ने बताया कि वह बंदूक बना रहे हैं लेकिन रजिस्टर्ड डीलर उन्हें खरीदने के लिए तैयार नहीं है। इसका एकमात्र कारण प्रशासन द्वारा बंदूकों के लिए लाइसेंस नहीं जारी करना है। इसके बाद शाहनवाज हुसैन ने निर्देश देते हुए कहा कि संचालक प्रतिमंडल को पटना आ कर समस्या की जानकारी देनी चाहिए थी। मैं समस्या से अवगत हो गया हूं। अब मैं बंदूक कारखाने की पहचान को वापस दिलाने के लिए हर संभव प्रयास करूंगा।
बता दें कि 1962 के चीन युद्ध और 1965 के पाकिस्तान युद्ध में मुंगेर की भूमिका अहम रही है। कई रिपोर्ट बताते हैं कि मुंगेर में गन फैक्ट्री का इतिहास 300 साल से भी पुराना रहा है। बिहार के पहले मुख्यमंत्री डॉक्टर श्री कृष्ण सिंह ने इस उद्योग को सरकार के नियंत्रण में लेने के साथ ही इसे मीर कासिम के समय के जेल वाले भवन में शिफ्ट कराया था। आजादी के बाद मुंगेर की 37 बंदूक कंपनियों को लाइसेंस मुहैया कराई गई थी।
उद्योग मंत्री शाहनवाज हुसैन के दौरे के बाद एक बार फिर मुंगेर बंदूक कारखानों को शुरू करने की बात तेज हो गई है। उद्योग मंत्री मुंगेर में 37 बंदूक संचालकों से मुलाकात किया और आश्वासन दिया है कि बंदूक फैक्ट्री को फिर से शुरू की जाएगी। संचालकों ने बताया कि उनके द्वारा कई ऐसे बंदूक बनाए जाते हैं लेकिन सरकार से लाइसेंस नहीं मिलने के कारण दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। शाहनवाज हुसैन ने आश्वासन दिया है कि वह अपने संज्ञान में लेकर सभी दिक्कतों को मिटाने का प्रयास करेंगे।