पटना: बिहार में बाढ़ का कहर लगातार जारी है। प्रशासन द्वारा बाढ़ पीड़ितों की हर सम्भव मदद की कोशिश की जा रही है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी हवाई सर्वेक्षण कर रहे हैं। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि बाढ़ पीड़ितों की हर संभव मदद कि जाए। बिहार में नदियों के बढ़ते जलस्तर को देखते हुए बिहार सरकार द्वारा राहत और बचाव के लिए ओडिशा के कटक से एनडीआरएफ के तीन टीमों को बुलाया गया है।
बता दें कि वायु सेना के विशेष विमान द्वारा 100 जवानों और अधिकारियों को पटना एयरपोर्ट लाया गया। वहां से सभी सुरक्षा बलों को बसों से कटिहार, मोकामा और लखीसराय भेजा गया है। बिहटा स्थित एनडीआरएफ की 9 वीं बटालियन की टीम ने इन जवानों और अधिकारियों को एयरपोर्ट पर लैंड करने के बाद कटिहार, मोकामा, लखीसराय जाने का निर्देश दिया है। एनडीआरएफ 9 वीं बटालियन के कई अधिकारी इस मौके पर एयरपोर्ट पर मौजूद थे।
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कटक से आई तीन टीम अपने साथ रेडियो सेट, सेटेलाइट फोन के अलावा लाइफ जैकेट, मोटर बोट, गोताखोरों के सारे सामान और दूसरे आधुनिक उपकरणों के साथ पहुंची है। इन टीमों में कई ऐसे जवान हैं, जो पानी में काफी अंदर तक जा सकते हैं। बता दें कि इससे पहले बिहार में तैनात एनडीआरएफ की 19 टीम बाढ़ प्रभावित जिलों में राहत और बचाव में लगी थी और कुछ टीम अभी भी लगी है। बक्सर से लेकर कटिहार तक 30 से 40 कर्मियों और अधिकारियों की टीम बचाव और राहत कार्य में शामिल है।
एनडीआरएफ से जुड़े अधिकारियों ने इस बात की जानकारी दी है कि प्रत्येक टीम के पास लाइफ जैकेट, मोटरबोट के अलावा गोताखोरी से संबंधित सारे सामान उपलब्ध हैं। एनडीआरएफ की ये टीम लोगों को बाढ़ में डूबने से बचाने के लिए भी ट्रेंड कर रही हैं, लेकिन सवाल यह उठ रहा है कि बिहार में जब नदियां उफान पर होती है और पूरे प्रदेश में बाढ़ आ जाता है, तब सरकार की नींद खुलती है। नीतीश कुमार भी लगातार बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में दौड़ा कर रहे हैं। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को सख्त निर्देश दिया है कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में जल्द से जल्द राहत शिविर खोले जाए और लोगों कि हर संभव मदद कि जाए।
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