पटना: बिहार सरकार द्वारा बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में टीका नाव की व्यवस्था की गई है। इससे बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में वैक्सीनेशन शुरू जाएगा। बिहार में कई जिला बाढ़ से प्रभावित है। टीका नाव का उद्देश्य बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में वैक्सीनेशन फिर से शुरू करना है। तत्काल में मुजफ्फरपुर, मोतिहारी और गोपालगंज जैसे जिलों में यह व्यवस्था की गई है।
बिहार में कई जिला बाढ़ से प्रभावित है इस वजह से वैक्सीनेशन की रफ्तार धीमी हुई है। बिहार के हजारों गांवों में पानी भर जाने से लोगों का जीवन अस्त व्यस्त हो गया है। कई गांव ऐसे गांव है जहां खाने की व्यवस्था भी ठीक ढंग से नहीं है। वहीं सरकार द्वारा टीका नाव का आयोजन किया गया है। कोरोना महामारी की तीसरी लहर से बचाव के लिए वैक्सीनेशन आवश्यक है। इसी के मद्देनजर बाढ़ प्रभावित गांव के लिए टीका नाव की व्यवस्था की गई है।
बिहार कि गांव अभी दोहरी मार से जूझ रहा है। एक तरफ कोरोना महामारी वहीं दूसरी तरफ बाढ़ की वजह से भुखमरी जैसी समस्या उत्पन्न हो गई है। दरभंगा, चंपारण और मुजफ्फरपुर के कई गांव पानी में विलुप्त हो गए हैं। गांव में कई लोगों का घर बाढ़ की वजह से तबाह हो गया है। गांव के लोग गांव छोड़कर स्थानों पर जाने के लिए मजबूर हैं।
टीका नाव के चलने से गांव वालों को वैक्सीन लगाई जा रही है। नाव में एक डॉक्टर 2 नर्स और कुछ एनजीओ के लोग रहते हैं। इनका उद्देश्य हर रोज 200 से अधिक टीके लगाने का है। बाढ़ की वजह से लोग टिका केंद्रों पर नहीं पहुंच पा रहे थे। इस वजह से टीका नाव की व्यवस्था की गई है। जब लोगों ने टीका नाव को देखा तो नाव के पास लोगों का भीड़ लग गया। इसके बाद स्वास्थ्य कर्मी ने लोगों को कोरोना गाइडलाइन का पालन करने का सलाह दिया। फिर कैंप लगाकर जिन लोगों ने टीका के लिए रजिस्ट्रेशन कराया था उनको वैक्सीनेशन लगाई।
गांव के लोगों ने टीका नाव की कदम को सराहनीय बताते हुए कहा कि टीका नाव पहुंचने से लोगों को वैक्सीनेशन में सुविधा हुई है। बाढ़ की वजह से स्वास्थ्य केंद्र पर नहीं पहुंच पा रहे थे और टीका लेने से वंचित हो गए थे। मगर इस कदम से सभी गांव वाले आसानी से टीका ले सकते हैं। टीका नाव पहुंचने से एक फायदा यह भी है कि जो लोग अफवाह की वजह से टीका नहीं लगवा रहे थे। वह लोग भी टीका लगवा रहे हैं।