पटना: बजट सत्र सुचारू रूप से चलाने के लिए शुक्रवार को एनडीए विधायक दल की बैठक बुलाई गई थी। इस बैठक में बजट सत्र पर चर्चा होनी थी लेकिन चर्चा विधायकों की समस्याओं पर होने लगी। विकासशील इंसान पार्टी के नेता और बिहार सरकार में मंत्री मुकेश सहनी ने कहा कि सरकार में अफसरशाही इतनी हावी है कि उनकी बात दरोगा तक नहीं मानते हैं। यदि दरोगा उनकी बातों को नहीं सुनेगा तो ऐसे में मंत्री रहने से क्या फायदा?
विकासशील इंसान पार्टी के नेता संजय सहनी का दर्द सिर्फ यही नहीं था। उन्होंने आगे कहा कि एनडीए में भी उनकी बात नहीं सुनी जाती है। जब उनके विधायक मुसाफिर पासवान का निधन हो गया है तो बोचहा से विकासशील इंसान पार्टी को टिकट मिलना चाहिए। लेकिन भारतीय जनता पार्टी इस सीट पर अपनी सहमति नहीं दे रहा है और भाजपा प्रत्याशी को उतारने की बात कर रहा है। मुकेश साहनी ने साफ कहा कि यदि ऐसी स्थिति बनी रही तो वह मंत्री पद पर नहीं बना रहना चाहते हैं।
ये भी पढ़े : CM नीतीश ने भाजपा को दी साफ संदेश, कुर्सी के लिए सबकुछ बर्दाश्त नहीं करेंगे !
बिहार सरकार में पशुपालन मंत्री मुकेश सहनी ने मल्लाह समाज के आरक्षण के मुद्दे को उठाते हुए कहा कि जब वह गठबंधन में आए थे तो इस समाज को आरक्षण देने की बात की थी। लेकिन अब तक उनकी बात नहीं सुनी गई है। इन सब मुद्दों के अलावा भी मुकेश साहनी बैठक में सरकार पर कई आरोप लगाए और फिर बैठक से बाहर निकल गए। मुकेश साहनी के अलावा जीतन राम मांझी भी बैठक में नाराज और गुस्साए दिखे। उन्होंने अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि प्रोटोकॉल है कि विधायक को किसी भी कार्यक्रम में अधिकारी से आगे बैठाया जाए लेकिन ऐसा नहीं होता है।
हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के अध्यक्ष जीतन राम मांझी के साथ-साथ भारतीय जनता पार्टी के कुछ विधायकों ने भी जीतन राम मांझी की बातों पर समर्थन जताया। भारतीय जनता पार्टी के विधायक संजय सिंह ने कहा कि प्रतिनिधियों की बात अधिकारी नहीं सुनते हैं और कई बार उनका अपमान भी करते हैं। हालांकि इन सबकी नाराजगी पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बीच बचाव करते नजर आए। उन्होंने आश्वासन दिया कि आगे से ऐसा बिल्कुल नहीं होगा। प्रोटोकॉल के अनुसार ही विधायकों को सम्मान दी जाएगी।
ये भी पढ़े : रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच वायरल हुआ ये वीडियो देखकर नहीं रोक पाएंगे आँसू