“2022 तक 80 करोड़ को नौकरी-रोजगार देने का इनका “संकल्प” था। अब वर्षों बाद ‘अग्निपथ’ संविदा नहीं बल्कि शिक्षित युवाओं के लिए सेना में एक तरह से NAREGA स्कीम लागू की गई है।
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सेना में 15 साल की नौकरी के बाद रिटायर हुए नियमित सैनिकों को कॉरपोरेट सेक्टर नियुक्त करने में ज्यादा दिलचस्पी नहीं दिखाते। ऐसे में 4 साल की अल्पावधि के उपरांत इन अग्निवीरों का क्या होगा?
ममता की योजना को झटका उस वक्त लगा, जब इस बैठक से आम आदमी पार्टी, टीआरएस और बीजद ने किनारा कर लिया।
एक आदमी सरकार के गलत फैसलों पर सवाल करता है वो है राहुल गांधी। इनको दबाने और परेशान कर रहे हैं ताकि उनके खिलाफ कोई बोल न सके।
सर्वे में पता चला कि फिजिक्स, कैमिस्ट्री और मैथ्स जैसे फंडामेंटल सब्जेक्ट्स में से मैथ्स एक ऐसा सबजेक्ट है, जिसमें छात्र सबसे ज्यादा कमजोर हैं।
गृह मंत्रालय ने इस योजना में चार साल पूरा करने वाले अग्निवीरों को CAPFs और असम राइफल्स में भर्ती में प्राथमिकता देने का निर्णय लिया है।
सेना की चार साल की नौकरी के बाद युवाओं को भविष्य के लिए और अवसर दिए जाएंगे।
पीएमओ ने ट्वीट करते हुए लिखा है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सभी विभागों और मंत्रालयों की समीक्षा की और निर्देश दिया है कि मिशन मोड में अगले डेढ़ वर्षों में दस लाख लोगों की भर्ती की जाए।
उत्तराखंड के हरिद्वार व रूड़की समेत कुछ शहरों में पंपों पर सोमवार को पेट्रोल खत्म होने की खबर फैलते ही लोगों में हड़कंप मच गया।
रात करीब 11 बजे तक ईडी ने राहुल गांधी से पूछताछ की। इसके बाद उन्हें घर जाने दिया गया।