पटना: मोदी सरकार के ओर से मंगलवार को सेना भर्ती के लिए ‘अग्निपथ योजना’ का ऐलान किया गया। उसके बाद ही इस योजना के खिलाफ विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। विपक्षी दलों ने भी मोदी सरकार के इस फैसले पर आपत्ति जताई है। वहीं, अब भारतीय जनता पार्टी के सांसद वरुण गांधी ने ‘अग्निपथ योजना’ लेकर एक बड़ा कदम उठाया है। उन्होंने इस योजना को लेकर देश के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को एक चिट्ठी लिखी है।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को लिखी गई चिट्ठी की जानकारी वरुण गांधी ने ट्विटर पर दी। उन्होंने ट्विटर पर चिट्ठी साझा करते हुए वरुण गांधी ने लिखा कि “अग्निपथ योजना’ को लेकर देश के युवाओं के मन में कई सवाल हैं। युवाओं को असमंजस की स्थिति से बाहर निकालने के लिए सरकार अतिशीघ्र योजना से जुड़े नीतिगत तथ्यों को सामने रख कर अपना पक्ष साफ करे। जिससे देश की युवा ऊर्जा का सकारात्मक उपयोग सही दिशा में हो सके।”
पत्र में क्या लिखा है?
सांसद वरुण गांधी अपने पत्र में लिखा है कि “केंद्र सरकार की ‘अग्निपथ योजना’ से जुड़े कई महत्वपूर्ण सवाल देश भर के युवाओं ने सोशल मीडिया के माध्यम से मुझसे साझा किया है। युवाओं के मन में चल रहे इस संशय को आपके ध्यानाकर्षण हेतु प्रेषित कर रहा हूं। सेना में 15 साल की नौकरी के बाद रिटायर हुए नियमित सैनिकों को कॉरपोरेट सेक्टर नियुक्त करने में ज्यादा दिलचस्पी नहीं दिखाते। ऐसे में 4 साल की अल्पावधि के उपरांत इन अग्निवीरों का क्या होगा? चार साल सेना में सेवा देने के दौरान इन युवकों की पढ़ाई बाधित होगी। साथ ही साथ अन्य समकक्ष छात्रों की तुलना में ज्यादा उम्रदराज होने के कारण अन्य संस्थानों में शिक्षा ग्रहण करने व नौकरी पाने में मुश्किल का सामना करना पड़ सकता है।”
आदरणीय @rajnathsingh जी,
— Varun Gandhi (@varungandhi80) June 16, 2022
'अग्निपथ' योजना को लेकर देश के युवाओं के मन में कई सवाल हैं।
युवाओं को असमंजस की स्थिति से बाहर निकालने के लिए सरकार अतिशीघ्र योजना से जुड़े नीतिगत तथ्यों को सामने रख कर अपना पक्ष साफ करे।
जिससे देश की युवा ऊर्जा का सकारात्मक उपयोग सही दिशा में हो सके। pic.twitter.com/6UkcR4FEBJ
सांसद वरुण गांधी अपने पत्र में लिखा है कि “किसान परिवार, निम्न व मध्यमवर्ग से आने वाले इन अग्निवीरों को सरकार द्वारा निर्धारित कम वेतनमान के कारण घर चलाने में आर्थिक परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। स्पेशल ऑपरेशन के समय सशस्त्र बलों में स्पेशलिस्ट कॉडर वाले सैनिकों की आवश्यकता होती है, ऐसे में महज 6 महीने की बेसिक ट्रेनिंग प्राप्त इन सैनिकों के कारण वर्षो पुरानी रेजिमेंटल संरचना बाधित हो सकती है। इस योजना से प्रशिक्षण लागत की बर्बादी भी होगी, क्योंकि 4 साल के उपरांत सेना इन प्रशिक्षित जवानों में केवल 25% का उपयोग ही करेगी जो रक्षा बजट पर अनावश्यक बोझ साबित होगा।”
भाजपा सांसद ने आगे लिखा कि “इस योजना के लागू होने के पश्चात हर वर्ष भर्ती किये गए युवाओं में से 75% चार वर्षो के बाद पुन: बेरोजगार होंगे। हर साल यह संख्या बढ़ती जाएगी। इससे देश के युवाओं में असंतोष और अधिक पनपेगा। हमें उन युवाओं के बारे में भी सोचना होगा जिनकी उम्र सीमा कोरोना एवं भर्ती सही समय पर नहीं होने के कारण पार कर गयी है। महोदय, आपसे आग्रह है कि इन बेरोजगार युवाओं के हितों को सर्वोपरि रखते हुए सरकार अतिशीघ्र इस योजना से जुड़ी नीतिगत तथ्यों को सामने लाए और अपना पक्ष साफ़ करे।”
क्या है अग्निपथ स्किम ?
दरअसल, मंगलवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने ‘अग्निपथ भर्ती योजना’ की घोषणा की थी। इस दौरान उन्होंने कहा था कि, युवाओं के पास शॉर्ट टर्म के लिए सेना में जाने का मौका है। इसके तहत देश के युवाओं को 4 साल के लिए सेना में भर्ती किया जाएगा। साथ ही योजना में शॉर्ट टर्म सर्विस के लिए युवाओं की नियुक्ति की जाएगी। इस से देश की सुरक्षा मजबूत होगी।
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