पटना: हिंदी फिल्म इंडस्ट्री और साउथ इंडस्ट्री के बीच भाषा को लेकर विवाद चल रहा है। पहले कन्नड़ स्टार किच्चा सुदीप ने कहा हिंदी हमारी राष्ट्र भाषा नहीं है। बॉलीवुड अब पैन इंडिया फिल्में बना रहा है। इस पर अजय देवगन ने जवाब दिया। अब इसी विवाद के बीच मनोज बाजपेयी ने कहा कि बॉलीवुड के फिल्ममेकर्स साउथ फिल्म्स की सक्सेस से डरे हुए हैं। फिल्म पुष्पा, आरआरआर, और केजीएफ जैसी फिल्मों की सफलता ने बॉलीवुड डायरेक्टर्स को डरा दिया है, जिन्हें इससे सबक लेना चाहिए। साउथ फिल्मों की सफलता ने बॉलीवुड फिल्म निर्माताओं की “रीढ़ को कंपकंपी” कर दिया है।
दरअसल, महामारी के बाद के अल्लू अर्जुन की तेलुगु फिल्म पुष्पा: द राइज़, जिसने हिंदी बेल्ट में दक्षिण की फिल्मों के वर्चस्व की शुरुआत की। फिल्म के हिंदी-डब संस्करण ने 106 करोड़ रुपये की कमाई की। वहीं, एसएस राजामौली की आरआरआर और यश-स्टारर कन्नड़ फिल्म केजीएफ: चैप्टर 2 ने बॉलीवुड की रीढ़ को कंपकंपा दी है। दोनों फिल्मों के हिंदी संस्करणों को मिल दें तो इन फिल्मों ने 300 करोड़ रुपये से अधिक की कमाई की है। साथ वर्तमान समय में भी कमाई जारी रही है। फिल्म निर्माता राम गोपाल वर्मा सहित कई लोगों ने टिप्पणी कर इस बात का खुलासा किया है कि साउथ फिल्मों ने बॉलीवुड डायरेक्टर्स को डरा दिया है।
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केजीएफ: चैप्टर 2, आरआरआर, और पुष्पा: द राइज जैसी दक्षिण फिल्मों की सफलता के बारे में बात करते हुए, मनोज बाजपेयी ने कहा, “मेरे जैसे लोगों के बारे में एक मिनट के लिए भूल जाइए, साउथ की फिल्मों ने तो मुंबई फिल्म इंडस्ट्री के मेनस्ट्रीम फिल्ममेकर्स को तक डरा दिया है। वे वास्तव में नहीं जानते कि अब उन्हें क्या करना है।” बॉलीवुड ऐक्टर मनोज बाजपेयी ने यह भी कहा कि केजीएफ-2, आरआरआर और पुष्पा: द राइज फिल्मों की सफलता बॉलीवुड के लिए एक सबक है, जिसे उन्हें जल्द सीखने की जरूरत है। वो हर शॉट को इस तरह शूट करते हैं जैसे दुनिया का बेस्ट शॉट दे रहे हो क्योंकि वो अपने दर्शकों का सम्मान करते हैं।
मनोज बाजपेयी ने बॉलीवुड की असफलता का जिक्र करते हुए कहा कि साउथ की हर फिल्म जो हिंदी डब की गई है, उसने करोड़ों की कमाई की है। केजीएफ 2 और आरआरआर 300 करोड़ रुपये से अधिक कमा रही हैं, जबकि सूर्यवंशी जैसी बड़ी हिंदी फिल्में भारत में 200 करोड़ रुपये तक पहुंचने के लिए संघर्ष करती है। इन फिल्मों की सफलता बॉलीवुड के लिए एक सबक है, जिसे उन्हें जल्द सीखने की जरूरत है। मनोज बाजपेयी ने कहा कि साउथ फिल्मों के लिए काम करने वाले लोग काफी पैशनेट हैं, वह हर शॉट को इस तरह शूट करते हैं जैसे दुनिया का बेस्ट शॉट दे रहे हों। वह अपने दर्शकों का सम्मान करते हैं।
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