पटना: बॉलीवुड के महान कलाकार और ट्रेजेडी किंग के नाम से मशहूर दिलीप कुमार अब नहीं रहे। 98 वर्ष की आयु में उन्होंने हमें अलविदा कह दिया। वह काफी समय से बीमार चल रहे थे उनकी मृत्यु सिनेमा जगत के लिए अपूरणीय क्षति है। पूरी दुनिया और उनके फैंस आज उन्हें याद कर रहे हैं। आज हम भी आपको सुनाएंगे दिलीप कुमार से जुड़ी एक कहानी।
कुछ मोहब्बत काफी गहरी होती है,लेकिन उस बेपनाह मोहब्बत को आखिरी मंजिल नही मिल पाती है। यह कहानी है दिलीप कुमार और मधुबाला की। आज भी गाहे-बगाहे लोग खत्म हो चुके प्रेम कथा को याद कर ही लेते हैं। इस रिश्ते के कई खट्टे यादें हैं तो कई मीठी यादें भी जुड़ी हुई हैं।
दिलीप कुमार साहब ने अपने फिल्मी करियर का शुरुआत ज्वार भाटा फिल्म से की थी। हालांकि उन्हें नाम मिला फिल्म अंदाज से जो 1949 में रिलीज हुई थी। यह कहानी है 1951 में आई फिल्म तराना के सेट की। दिलीप कुमार और मधुबाला की प्रेम कहानी ने भी यहीं पर उड़ान भरी थी। कहा जाता है की तराना के सेट पर दोनों की नजरें मिली और पहली नजर वाला प्यार हो गया। मधुबाला ने अपने प्यार के इजहार के लिए दिलीप साहब के मेकअप रूम में एक पर्ची के साथ गुलाब भेजा था। पर्ची पर लिखा था ‘अगर आपको मुझसे मोहब्बत का इकरार हो तो इस गुलाब को कुबूल फरमाए’। ल जिसके बाद दिलीप कुमार ने भी हामी भरी और प्रेम परवान चढ़ गया। यह प्रेम कहानी इतनी गहरी हुई कि दिलीप कुमार अपनी फिल्म की शूटिंग छोड़ छोड़ कर वहां पहुंच जाया करते थे जहां मधुबाला अपनी फिल्म शूट कर रही होती थीं।
दोनों के इश्क़ काफी परवान चढ़ रहे थे, लेकिन इस प्यार में भी अड़चन आनी शुरू हो गई। अड़चन उस वक्त आया जब बी आर चोपड़ा मधुबाला और दिलीप कुमार को लेकर फिल्म नया दौर की शूटिंग कर रहे थे। दरअसल मधुबाला के पिता अत्ताउल्लाह खान काफी सख्त मिजाज के थे। अत्ताउल्लाह खान मधुबाला पर अपनी नजर बनाए रखते थे। इसके कारण निर्देशको को भी काफी परेशानी होती थी। इस फिल्म की शूटिंग के दौरान बी आर चोपड़ा साहब चाहते थे की फिल्म का एक सीक्वेंस भोपाल में शूट किया जाए। जिसमें आउटडोर शूटिंग की चाहत थी। अत्ताउल्लाह खान इसके लिए तैयार नहीं हुए। कारण यह माना जाता है कि अत्ताउल्लाह खान मधुबाला और दिलीप कुमार की रोमांस के डर से उन्हें आउटडोर शूटिंग की इजाजत नहीं दे रहे थे।
काफी खींचतान के बाद बी आर चोपड़ा ने इस फिल्म के लिए मधुबाला की जगह वैजयंतीमाला को साइन कर लिया। अखबारों में तस्वीर छपी मधुबाला की कट लगी हुई और बगल में एक और तस्वीर छपी जो वैजयंतीमाला की थी। जवाब के अताउल्लाह खान ने भी एक खबर छपवाई, जिस समय मधुबाला के सभी फिल्मों के नाम लिखे थे और नया दौर के आगे कट लगाया गया था। मामला काफी बिगड़ गया और कोर्ट तक पहुंच गया इसी दौरान जब दिलीप कुमार की गवाही ली गई तो उन्होंने कोर्ट में कहा,हां, ‘मैं मधु से प्यार करता हूं और करता रहूंगा’।
आज यह महान कलाकार हमें छोड़ कर चला गया। हम ये उम्मीद करते हैं कि दिलीप साहब जहां भी रहे खुश रहे। हम उन्हें याद करते रहेंगे।