पटना: सिर्फ 19 साल की उम्र में जब भारत की बेटी ने मिस यूनिवर्स का खिताब जीता तब भारत के लिए यह शब्द बिल्कुल नया था। उसके पहले किसी भी भारतीय महिला ने इस खिताब को नहीं जीता था लेकिन मिस यूनिवर्स के ताज को सुष्मिता सेन ने मात्र 19 साल की उम्र में अपने सर पर सजा लिया। हम बात उस सुष्मिता सेन की कर रहे हैं, जिन्होंने आगे चलकर यह साबित कर दिया की बॉलीवुड में काम करने के लिए किसी भी लड़की को खुद को किसी सुपरस्टार के पीछे रखना ज़रूरी नहीं है।
‘होश ना खबर है, ये कैसा असर है…तुमसे मिलने के बाद दिलबर’! शायद इस गाने को सुनकर हम सबके मन में सबसे पहला चेहरा सुष्मिता सेन का ही आता होगा और यह साबित करता है की अगर हौसला और हिम्मत हो तो अपनी अलग पहचान बनाई जा सकती है जो किसी के साथ का मोहताज नहीं होता। बॉलीवुड इंडस्ट्री को लेकर एक बात चलती रहती है कि यहां अगर किसी हीरोइन को अपना कैरियर बनाना है तो उसे हीरो के पीछे-पीछे या फिर उसकी परछाई की तरह ही चलना होगा लेकिन सुष्मिता सेन के मामले में यह सब कुछ गलत सिद्ध होता है।
आप सोचिए कि जब मिस यूनिवर्स का खिताब सुष्मिता सेन को दिया जा रहा था तब उनके हाथ में जो ग्लव्स था, वह मोजे से बनाया गया था। यह बात हम सिर्फ इसलिए बता रहे हैं जिससे आपको अंदाजा हो सके कि सुष्मिता सेन किस जगह से उठकर आज इतनी ऊंचाई तक पहुंची हुई हैं। सुष्मिता सेन आज बॉलीवुड की उन कुछ हीरोइनों में शामिल हैं जिन्होंने अपने दम पर अपनी एक अलग पहचान बनाई है। जिस लड़की ने मिस यूनिवर्स के लिए होने वाले प्रतियोगिता में किसी खास डिजाइनर का दिया हुआ कपड़ा ना पहना हो बल्कि अपनी मां के हाथों से बना हुआ गाउन पहना हो और उतनी ही उत्साह से प्रतियोगिता में भाग ले रही हो तो उसके हिम्मत का अंदाजा आप लगा सकते हैं।
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सुष्मिता सेन के बारे में एक और खास बात है कि वह बिना शादी के ही दो बेटियों की मां हैं और इसमें भी एक खास बात है की पहली बेटी को सुष्मिता ने मात्र 24 वर्ष की उम्र में गोद ले लिया था। अक्सर इस बात को लेकर सवाल भी उठता रहा वर्तमान तरह की बात भी कही गई लेकिन सुष्मिता ने उतनी ही मुखरता के साथ इसका जवाब भी दिया। अगर वाकई में आपको एक मजबूत महिला के किरदार को समझना हो तो उसके लिए सुष्मिता सेन एक बेहतरीन नाम और बेहतरीन किरदार हो सकता है। हमको और आपको यह सब कुछ सुनने में बड़ा आसान लगता होगा कि किसी महिला ने जिसने अपने खुद के दम पर लोकप्रियता पाई और उसने फैसला लिया कि वह शादी नहीं करेगी बल्कि ‘सिंगल मदर बाइ चॉइस’ का झंडा बुलंद करेगी। सुष्मिता सेन की तरफ से बिना शादी के दो बेटियों को गोद लेने के कारण कई बार काफी कुछ सुनना भी पड़ा और उन्होंने एक बार कहा भी था कि ‘ मैंने पहले बहुत सुना लेकिन बाद में मैंने सुनना ही बंद कर दिया’।
आप खुद अपने मन से सोचिए और अगर आप महिला हैं तो इस हिसाब से सोचिए कि आप 19 वर्ष की उम्र में मिस यूनिवर्स बनती हैं और आपके पास आपकी पूरी जिंदगी बची होती है और 24 साल की उम्र में आप एक बेटी को गोद ले लेती हैं। क्या यह सब कुछ इतना आसान हो सकता है? बिल्कुल नहीं! आज सुष्मिता सेन एक ऐसी प्रभावशाली चेहरा हैं जिसके बदौलत हम दूसरों को या साफ शब्दों में कहें तो दूसरी लड़कियों को इंस्पायर करते हैं लेकिन इतना लंबा सफर आसान नहीं रहा होगा और खासकर उस बॉलीवुड में जहां लड़कियों को लेकर क्या सोचा जाता है और उनके काम के बारे में क्या चर्चा होती है, इससे हम सब वाकिफ हैं। बाकी सुष्मिता सेन जैसी महिलाओं से हमारा समाज काफी कुछ सीख सकता है जिन्होंने सारे पूर्वाग्रहों को तोड़कर, अपने दम पर पूरी दुनिया में अपना लोहा मनवाया है।
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