पटना: नालंदा जिले की एक घटना ने बिहार की सियासत में गर्मी बढ़ा दी है। दरअसल नालंदा के एक कथित जेडीयू नेता का ऑनलाइन लड़की से चैट करते वीडियो वायरल हो रहा है। तो वहीं इस मामले में जदयू के जिलाध्यक्ष सियाशरण ठाकुर ने बचाव करते हुए कहा कि वीडियो में कौन है? उन्हें पता नहीं। अब कोई भी पार्टी कार्यक्रम में आकर खड़ा हो जाए या नेता के साथ फोटो खिंचवा ले तो वह पार्टी का तो नहीं न हो जाएगा।
वायरल वीडियो में कथित जदयू नेता बादल कुमार ऑनलाइन एक लड़की से नग्न होकर अश्लील हरकतें करते दिख रहा है। साथ ही लड़की को नोटों का बंडल दिखा रहा है। वह जदयू के राजगीर दलित प्रकोष्ठ का सदस्य भी बताया जा रहा है। वीडियो में कथित जदयू नेता बादल कुमार ऑनलाइन वीडियो पर लड़की को गंदे-गंदे इशारे कर रहा है। वीडियो में मोबाइल स्क्रीन पर दूसरी तरफ से एक नग्न अवस्था में एक लड़की दिख रही है। जिससे पहले वो चैट करते हैं। फिर नोटों का बंडल दिखाते हैं। उनके हाथ में पांच सौ और सौ-सौ रुपये के नोटों का एक बंडल है। इसके बाद बादल कुमार कपड़ा खोलते हैं फिर ऑनलाइन लड़की से बाते करते हैं।
वहीं कथित जदयू नेता बादल कुमार ने सफाई दी है कि वह कोरोना पॉजिटिव हैं और होम आइसोलेशन में हैं। इसी दौरान रात में किसी ने वीडियो कॉल किया और उसमें लड़की अश्लील हरकत करने लगी बाद में स्क्रीन रिकॉर्डिंग कर एक व्यक्ति ने रुपये की मांग की। जब मैंने पैसे नहीं दिए तो उसने मेरे वीडियो को वायरल कर दिया उन्होंने बताया कि इस संदर्भ में साइबर सेल में उन्होंने एफआइआर दर्ज कराई है।
साइबर एक्सपर्ट ने बताया कि इस तरह की लाइव चैट कतई न करें, नहीं तो ब्लैकमेलिंग का शिकार हो सकते हैं। इसके बदले अगर रुपये मांगे तो प्राथमिकी दर्ज कराएं। खासकर युवा जरूर बचें नहीं तो फ्रस्ट्रेशन का शिकार हो जाएंगे।
साइबर एक्सपर्ट ने बताया कि अगर आप ऑनलाइन अश्लील हरकत करते हैं या कराते हैं तो निश्चित तौर पर आप मानसिक रोगी हैं। अगर प्रेमी प्रेमिका भी अपनी निजता को सार्वजनिक करते हैं और ऑनलाइन अश्लील हरकत करते हैं तो निश्चित तौर पर वे भी मानसिक रोगी की श्रेणी में आते हैं।
अगर कोई अनजान व्यक्ति अपना ऑनलाइन वीडियो दिखा रहा है या अश्लील हरकत कर रहा है तो निश्चित तौर पर वह आपके स्क्रीन को रिकॉर्ड कर रहा है और भविष्य में ब्लैकमेल करेगा। ऑनलाइन अश्लील हरकत ना करें और ना ही किसी अन्य की वीडियो को देखें। आपको निश्चित तौर पर रिकॉर्ड करके ब्लैकमेल किया जाएगा। ऐसे ब्लैकमेलर को कतई पैसा ना दें, वह भविष्य में और पैसे मांगेगा। वीडियो वायरल किया जा रहा है तो यह साइबर अपराध की श्रेणी में आता है। जिसमें सूचना प्रौद्योगिकी कानून और आइपीसी के साथ जोड़कर 10 साल तक की सजा का प्रावधान है।