पटना: बिहार में कोरोना संक्रमण की स्थिति कम होती हुई दिखाई दे रही है। जिसके बाद बिहार सरकार द्वारा सभी स्कूल और कॉलेजों को 50% उपस्थिति के साथ खोलने का आदेश जारी किया गया है। साथ हीं सरकार द्वारा स्कूल, कॉलेज और तकनीकि शिक्षण संस्थानों को कोरोना गाइडलाइन का पालन करने का आदेश दिया गया है। इसमें शिक्षण संस्थानों के गेट पर थर्मल स्क्रीनिंग की व्यवस्था होगी। जो विद्यार्थी, शिक्षक और कर्मचारी वैक्सीन लगा चुके होंगे उन्हें हीं को प्रवेश की अनुमति दी जाएगी।
कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर में सभी स्कूल कॉलेज और तकनीकी शिक्षण संस्थानों को बंद रखने का निर्णय लिया गया था। 3 अप्रैल को क्राइसिस मैनेजमेंट ग्रुप की बैठक के बाद 5 अप्रैल से सभी शिक्षण संस्थानों को बंद करने का फैसला जारी किया गया था। जिससे कोरोना संक्रमण की चैन को रोका जा सके।
राज्य में कोरोना नियमों के अनुसार सभी कक्षाओं में विद्यार्थियों के बीच 6 फीट की दूरी होगी। तथा स्टाफ रूम, कार्यालय कक्ष, अतिथि कक्ष में भी यही नियम लागू की जाएगी। जिन शिक्षण संस्थानों में विद्यार्थियों की नामांकन अधिक होगी। वह विद्यालय या शिक्षण संस्थानों को दो पारियों में कक्षा को संचालित करना होगा। साथ हीं आने जाने के समय सभी गेट खोलकर रखने होंगे। जिससे प्रस्थान या आगमन के समय भीर एकत्रित न हो सके। इन सबके अलावा विद्यालय समारोह और त्यौहार के आयोजनों पर प्रतिबंध लगाया गया है।
बिहार में एक तरफ सभी स्कूल और कॉलेज खोलने की प्रक्रिया जारी की गई है। वहीं दूसरी तरफ कोरोना संक्रमण का भी ख्याल रखा जा रहा है। बता दें कि बीते दिनों स्वास्थ्य विभाग कई जिलों से सैंपल लेकर डेल्टा वेरिएंट की पुष्टि के लिए सैंपल दिल्ली तथा भुवनेश्वर भेजा था। जिसकी रिपोर्ट नेगेटिव आई है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा इसकी जानकारी साझा की गई। अब तक बिहार में डेल्टा वेरिएंट का मामला सामने नहीं आया है।
बिहार के शिक्षा मंत्री ने कहा है कि सोमवार से सभी शिक्षण संस्थान खोले जा रहे हैं। साथ हीं सभी अभिभावक, शिक्षक और विद्यार्थियों को शुभकामनाएं है कि वह संक्रमण मुक्त वातावरण में अध्ययन कार्य करें। कोरोना गाइडलाइन का विशेष ख्याल रखें और पालन करें। कोरोना संक्रमण रफ्तार यदि इसी गति से नियंत्रण में रहा तो बची हुई कक्षाओं को जल्द खोला जाएगा। जिसे सभी विद्यार्थियों की पढ़ाई में होने वाली और सुविधा को दूर हो सकेगा। सभी विद्यार्थियों के लिए वैक्सीन अनिवार्य किया गया है। जो विद्यार्थी, शिक्षक या कर्मचारी वैक्सीन नहीं लिए हैं उनको संस्थान में ही वैक्सीन मुहैया कराई जाएगी।
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