पटना: ‘हर घर नल का जल योजना’ भले ही ग्रामीणों की प्यास नहीं बुझा पा रही हो। लेकिन, अब सरकार इस योजना से पैसे कमाने की तरकीब निकाल रही है। बिहार में जितनी भी योजना आती है उसमें से 70 फीसद से ज्यादा योजना बस फाइलों में ही रह जाती है। अब आप ‘हर घर नल का जल योजना’ को ही ले लीजिए। कहीं पाइप लाइन डैमेज है, तो कहीं नल की टोटी टूटी हुई है। लेकिन, सरकार को इससे क्या मतलब? सरकार का काम तो बस इतना है की वो योजना लाएगी और अपने फाइलों में उसे मेंटेन करेगी। इतनी फ्लॉप योजना के बावजूद, सरकार को अब इस योजना से पैसा कमाना है। जी हां, अब सरकार पानी पर टैक्स लगाएगी। हर हाउस होल्डर को 480 रुपए से लेकर 1800 रुपए सालाना शुल्क देना होगा।
सरकार की ओर से कहा गया है कि अब बिहार में प्रॉपर्टी टैक्स के साथ-साथ पानी टैक्स की वसूली की जाएगी। इसको लेकर सभी वार्डों में ‘नल जल योजना’ के कनेक्शन के डेटाबेस तैयार की जा रही है। डाटा तैयार करने में किसी तरह की चूक या कमी नहीं हो इसको लेकर जिलाधिकारी ने सभी प्रखंड विकास पदाधिकारी और सभी प्रखंड पंचायत पदाधिकारी को आदेश जारी किया है। पानी शुल्क के लिए विभाग ने घरेलू ,व्यवसाय, सरकारी कार्यालय और उद्योग के लिए अन्य टैक्स निर्धारित किया है। व्यवसायिक लोगों से मीटर के माध्यम से पानी शुल्क की वसूली की जाएगी।
वहीं, हाउसहोल्डर के लिए टैक्स का निर्धारण कर लिया गया है। मंगलवार को नगर विकास और आवास विभाग ने मुजफ्फरपुर के नगर आयुक्त के साथ सूबे समेत निगम प्रशासन को पत्र जारी करते हुए पानी का शुल्क वसूलने का निर्देश दिया है। पानी के लिए निर्धारित मासिक शुल्क का भुगतान अगर किसी उपभोक्ता परिवार नहीं करते हैं तो उसके लिए उन्हें सबसे पहले नोटिस दिया जाएगा। नोटिस मिलने के बाद भी अगर लाभुक परिवार मासिक शुल्क नहीं देना शुरू करते हैं तो वार्ड क्रियान्वयन और प्रबंधक समिति द्वारा पानी का कनेक्शन काटने के लिए 15 दिनों का अल्टीमेटम भी दिया जाएगा इसके बावजूद भी अगर शुल्क जमा नहीं किया गया तो हाउस कनेक्शन को काट दिया जाएगा।
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सरकारी निर्देश के मुताबिक, मुख्यमंत्री नल जल योजना के तहत अगर कोई उपभोक्ता पानी का दुरुपयोग करते पकड़ा जाएगा तो उसपर दंड का भी प्रावधान रखा गया है। और इसकी कार्यवाही ग्राम पंचायत को सौंपी गई है। अगर उपभोक्ता पहली बार पकड़ा गया तो उसे 150 रुपए जुर्माना देना होगा। अगर दूसरी बार पकड़ा जाता है तो उसे ₹400 और तीसरी बार पकड़े जाने पर 5000 रुपए दंड के रूप में देना होगा।
किसी वजह से अगर एक बार नल जल योजना का कनेक्शन काट दिया गया और उपभोक्ता पुनः कनेक्शन लेना चाहता है, उपभोक्ता को ₹1000 का शुल्क दंड के रूप में देना होगा। वहीं, समय सीमा तक प्रॉपर्टी टैक्स के साथ पानी का शुल्क नहीं देने पर डेढ़ प्रतिशत ब्याज भी देना होगा। वैसा परिवार जो ₹1000 का प्रॉपर्टी टैक्स देता है उसे 480 रुपए वार्षिक पानी शुल्क देना होगा। साथ ही 1000 से 2000 प्रॉपर्टी शुल्क देने वाले परिवार को 780 रुपए वार्षिक शुल्क पानी के लिए देना होगा। वहीं, 2000से 3000 रुपए प्रॉपर्टी शुल्क देने वाले परिवार को 1440 रुपए वार्षिक शुल्क पानी के लिए देना होगा। इसके अलावा 3000 से ऊपर के शुल्क देने वालों को 1800 रुपए का शुल्क देना होगा।
सरकार के अनुसार, पानी का शुल्क लेना बेहद जरूर है क्योंकि इसमें तकरीबन 20 करोड़ रुपए की बिजली खपत हो रही है। जिससे पानी का शुल्क लेने से बिजली की खपत की वसूली हो जाएगी। अब आप सरकार के इस पहल के बारे में क्या सोचते है? क्या इस मंहगाई में जहां पेट्रोल-डीजल तो महंगा है ही अब पानी पीने में भी लोगों को आफत आ सकती है।
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