पटना: बिहार में दो विधानसभा सीटों पर उपचुनाव को लेकर तैयारियां तेज़ हो गई हैं। उपचुनाव की घोषणा के बाद से सभी दलों ने अपनी रणनीति पर काम करना शुरु कर दिया है। बिहार के दोनों सियासी गठबंधन ने जीत के दावे भी किए हैं। दरभंगा की कुशेश्वरस्थान विधानसभा सीट और मुंगेर की तारापुर विधानसभा सीट दोनों ही गठबंधन के लिए बेहद महत्वपूर्ण है। इसलिए कोई भी गठबंधन इस उपचुनाव को हाथ से जाने नहीं देना चाहता है।
एक तरफ महागठबंधन में दो विधानसभा सीटों पर उपचुनाव को लेकर बयानबाजी चल रही है, तो दूसरी तरफ एनडीए ने उम्मीदवारों का ऐलान कर जनता के बीच सकारात्मक संदेश देने की कोशिश की है। सिर्फ दो सीटों के उपचुनाव को लेकर भी एनडीए ने संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया। इसमें भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल, जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह, विकासशील इंसान पार्टी के मुखिया मुकेश सहनी समेत कई नेता मौजूद थे। एनडीए ने दोनों सीटों पर जदयू उम्मीदवार को मैदान में उतारा है। इसकी घोषणा भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. संजय जायसवाल ने किया।
वहीं दूसरी तरफ महागठबंधन के नेता खुलकर सीटों पर दावेदारी जताने में लगे हैं। राजद के तरफ से लगातार ये दावा की जा रही है कि दोनों सीटों पर उसके ही उम्मीदवार होंगे। जबकि कांग्रेस कुशेश्वरस्थान सीट छोड़ने को तैयार नहीं है। कांग्रेस का दावा है कि इस सीट पर उसकी मजबूत पकड़ है और ये पार्टी की परंपरागत सीट है। लेकिन, राजद का मानना है कि यहां से जिताऊ उम्मीदवार की जरूरत है और वो सिर्फ राजद ही दे सकती है।
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राजद और कांग्रेस के बीच चल रही बयानबाजी पर एनडीए के घटक दल जमकर चुटकी ले रहे हैं। एनडीए नेताओं ने कहा कि ‘महागठबंधन में राजद सिर्फ अपनी धौंस जमाती है। कांग्रेस इतनी लाचार और बेबस पार्टी बन गई है कि खुलकर राजद से अपनी नाराजगी का इजहार नहीं कर सकती है। साल 2020 के चुनाव में जो सीट कांग्रेस को मिली थी, वो सीट भी राजद इस उपचुनाव में सहयोगी से छीनने की कोशिश में लगी है। एनडीए नेता ने कहा कि राजद कभी गठबंधन धर्म का पालन नहीं करती है।
गठबंधन के नेताओं का कहना है कि अभी तक कांग्रेस या राजद के बड़े नेता ने उम्मीदवारी पर कुछ नहीं बोला है। जब दोनों पार्टी के बड़े नेता बैठेंगे, तो सारी बातें साफ हो जाएंगी। महागठबंधन में किसी तरह का कोई मनमुटाव नहीं है। हम एकजुट हैं और मिलकर एनडीए के उम्मीदवार को मात देंगे। खैर!महागठबंधन के नेता चाहे जितनी भी सफाई दें, लेकिन दो सीटों को लेकर उम्मीदवारी तय करने में खींचतान की खबर सबके सामने आ गई है। अगर जल्द से जल्द कांग्रेस और राजद ने उम्मीदवार तय नहीं किए, तो उन्हे इसका खामियाजा भुगतना पड़ सकता है।
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