पटना: कोरोना की तीसरी लहर की आशंकाओं के बीच सरकार स्वास्थ्य तैयारियों में लगातार जुटे होने का दावा कर रही है। पटना हाईकोर्ट ने राज्य में कोरोना महामारी के मामले पर सुनवाई करते हुए यह सवाल पूछा है कि सरकार कोरोना महामारी से संभावित तीसरी लहर को रोकने के लिए क्या तैयारी कर रही है? चीफ जस्टिस संजय करोल में सुनवाई करते हुए कहा कि राज्य सरकार को यह बताना होगा कि राज्य में वैक्सीनेशन देने की स्थिति क्या है? साथ ही आने वाले संभावित तीसरी लहर के लिए सरकार किस तरह से तैयारी कर रही है? कोर्ट के द्वारा यह भी आदेश दिया गया कि राज्य में अभी कितने कोरोना से पॉजिटिव मरीज है इसकी जानकारी भी कोर्ट को मुहैया कराए।
इन सभी मुद्दों पर राज्य सरकार को अगली सुनवाई तक जवाब तैयार करके कोर्ट में पेश होने का निर्देश दिया गया है। पिछली सुनवाई में कोर्ट ने ईएसआईसी मेडिकल कॉलेज व अस्पताल, बिहटा में डॉक्टर, नर्स, वार्ड बॉय और सिक्योरिटी गार्ड आदि रिक्त पदों को भरने के लिए की गई कार्रवाई का ब्यौरा मांगा था। हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से सभी निर्देशों पर स्पष्ट स्थिति पेश करने को कहा था, लेकिन आज हलफनामा दायर नहीं हो पाने के कारण मामले की सुनवाई 26 जुलाई तय की गई है। कोर्ट में सुनवाई के दौरान सरकार को आदेश दिया है कि 26 जुलाई को तीसरी लहर की संभावनाओं को देखते हुए जो कुछ भी तैयारी सरकार के द्वारा की गई है, उसे कोर्ट में मुहैया कराई जाए।
राज्य में अनुकंपा पर बहाल हुए डॉक्टरों के सैलरी बढ़ाने के लिए भी एक याचिका कोर्ट में दायर की गई थी। कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि इस मामले पर स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव को निर्देश दिया गया है और उन्हें इस मामले पर गंभीरता से विचार कर निर्णय लेना चाहिए। इन सभी मामलों पर कोर्ट ने 26 जुलाई की तारीख दी है। बता दें कि बिहार सरकार लगातार दावा कर रही है कि कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर से पहले बिहार की सभी अस्पतालों को बेहतर किया जा रहा है, लेकिन दूसरी लहर में बिहार सरकार के द्वारा की गई लापरवाही को देखते हुए हाई कोर्ट स्वयं इन सभी मुद्दों पर गंभीरता से ध्यान दे रही है और सरकार की कमियों पर फटकार भी लगा रही है।