पटना: लोक जनशक्ति पार्टी पर अपना अधिकार साबित करने के लिए चिराग पासवान ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। इससे पहले पासवान ने दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दर्ज की थी। जिसे हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया था। सुनवाई के दौरान दिल्ली हाईकोर्ट में कहा था कि यह मामला लोकसभा स्पीकर ओम बिरला के संज्ञान में है। उनका फैसला आने तक कोई टिप्पणी करना जल्दबाजी होगी। जिसके बाद चिराग पासवान ने सुप्रीम कोर्ट में अपना याचिका दर्ज की है।
बता दें कि केंद्र सरकार में मंत्री बन चुके पशुपति कुमार पारस और उनके ऊंट के सांसदों पर शिकंजा कसने के लिए चिराग पासवान लीगल सेल के साथ बड़ी प्लानिंग कर रहे हैं। हाई कोर्ट की प्लानिंग भले ही फेल हो गई हो, लेकिन चिराग पासवान की कोशिश है कि पार्टी से निष्कासित किए जा चुके पशुपति कुमार पारस समेत सभी बागी सांसदों को लोक जनशक्ति पार्टी से दूर रखा जाए। एक तरफ चिराग पासवान लोक जनशक्ति पार्टी पर अपना अधिकार बता रहे हैं। वहीं दूसरी ओर पशुपति कुमार पारस लोक जनशक्ति पार्टी को अपना बता रहे हैं।
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चिराग पासवान केंद्रीय चुनाव आयोग के समक्ष लेटर भेजने वाले हैं। जिसके जरिए पार्टी के नाम, पहचान और चिन्ह के दुरुपयोग को रोकने की मांग की जायेगी। प्रदेश अध्यक्ष ने बताया कि पशुपति कुमार पारस समेत कई लोग लोक जनशक्ति पार्टी के नाम और पहचान का गलत इस्तेमाल कर रहे हैं। दुरुपयोग को रोकने के लिए चुनाव आयोग से मांग की गई है कि सभी लोगों पर करवाई की जाए। क्योंकि अभी तक पशुपति कुमार पारस की तरफ से चुनाव आयोग के सामने किसी प्रकार का दावा पेश नहीं किया गया है। न हीं सिंबल पर और न कुर्सी पर।
लोक जनशक्ति पार्टी ने बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान कब कितना खर्च किया? इसकी पूरी जानकारी चिराग पासवान से ही मांगी है। लेकिन लोजपा किसकी है? यह सवाल अब तक अटका हुआ है। चाचा भतीजे की लड़ाई में यह मामला चुनाव आयोग के पास है। लोजपा की लीगल सेल इसे देख रही है। आयोग के फैसले का इंतजार कर रही है। इस बारे में कुछ स्पष्ट नहीं हो पाया है कि लोकसभा स्पीकर द्वारा कब तक इस मामले पर फैसला सुनाया जायेगा।
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने पशुपति कुमार पारस को लोक जनशक्ति पार्टी के सदस्य दल के नेता होने का मान्यता प्रदान कर दी थी। इस फैसले की वजह से वह केंद्र में मंत्री भी बन गए हैं। लेकिन चिराग पासवान ने 7 जुलाई को हुए फैसला को चुनौती देते हुए दिल्ली हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी। जिसे कोर्ट द्वारा खारिज कर दी गई। अब इस मामले में लोक जनशक्ति पार्टी हाई कोर्ट के डबल बेंच पर अपील करने वाली है इसकी पूरी तैयारी कर ली गई है।
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