पटना: कोरोना संक्रमण के खतरों के बीच बिहार में गृह विभाग के आदेश का मजाक उड़ाया जा रहा है। बता दें कि कोरोना के खतरे को देखते गृह विभाग द्वारा आदेश जारी किया है कि स्टेडियम में बिना वैक्सीनेटेड लोगों का प्रवेश नहीं होगा। बावजूद इसके पटना में प्रशासन ने रविवार को पांच हजार छात्र-छात्राओं की भीड़ इकट्ठा कर गाइडलाइन का उल्लंघन किया है। पाटलिपुत्रा स्पोर्ट्स कंपलेक्स में जुटी स्टूडेंट की भीड़ में 18 साल से कम उम्र के छात्र छात्राओं की संख्या सबसे अधिक थी। ऐसे में कोरोना की गंभीरता को लेकर सवाल खड़े हो रहे हैं।
दरअसल पटना के पाटलिपुत्रा स्पोर्ट्स कंपलेक्स में जिला स्तरीय स्कूली खेलकूद प्रतियोगिता मैहर क्षेत्र के स्कूलों से छात्र छात्राओं को बुलाया गया था। दोपहर 2:00 बजे तक उन्हें खाली पेट रखा गया। अब मामला सामने आने के बाद इसको लेकर चर्चा तेज हो गई है। विशेषज्ञों की मानें तो खाली पेट संक्रमण का खतरा अधिक होता है। ऐसे में पटना में खेल के नाम पर हजारों छात्र छात्राओं के साथ किया गया खेल, कोरोना के खतरे के बीच गंभीर समस्या उत्पन्न कर सकता है। इस प्रतियोगिता में एक तरफ गृह विभाग के आदेश को दरकिनार किया गया वहीं दूसरी ओर कोरोना के खतरे को भी नजर अंदाज किया गया।
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पाटलिपुत्रा कॉन्प्लेक्स में गृह विभाग के आदेश को दरकिनार करते हुए छात्र-छात्राओं की भीड़ लगाई गई। इस दौरान कोरोना संक्रमण की गाइडलाइन का पालन नहीं किया गया। स्टेडियम में मौजूद स्टूडेंट ना तो वैक्सीनेटर थे और ना ही मास्क और सेनीटाइजर की व्यवस्था की गई थी। छात्र छात्राओं को कोई रोकने टोकने वाला नहीं था। ऐसे में यह आशंका जताई जा रही है कि यदि एक भी बच्चा संक्रमित हुआ तो कई घरों तक कोरोना संक्रमण पहुंच सकता है। स्कूलों में भी संक्रमण का खतरा बढ़ सकता है क्योंकि यह सभी बच्चे अब स्कूल जाएंगे। हैरान करने वाली बात तो यह है कि मंच पर अतिथियों के सामने भीड़ लगी थी लेकिन कोई ध्यान नहीं दिया गया और ना ही किसी स्टूडेंट को मास्क या सेनीटाइजर का उपयोग करने के लिए कहा गया।
पाटलिपुत्रा स्पोर्ट्स कंपलेक्स में सभी छात्र छात्राओं को सुबह 7:00 बजे बुलाया था। दूरदराज से आई बच्चे दोपहर 2:00 बजे तक भूखे ही थे। उन बच्चों को ना तो खाना दिया गया और ना ही कुछ नाश्ता दिया गया। छात्रों ने बताया कि उन्हें कहा गया था कि स्पोर्ट्स कंपलेक्स में नाश्ता की व्यवस्था की गई है लेकिन उन्हें कुछ खाने को नहीं दिया गया। बीडी पब्लिक स्कूल के छात्र ने मीडिया से बातचीत में बताया कि सुबह 6:00 बजे वह घर से निकला था और 2:00 बजे तक कोई लंच नहीं दिया गया। इस दौरान उसे भूख महसूस हुआ लेकिन स्पोर्ट्स कांप्लेक्स में घुसने के बाद उसे बाहर निकलने की अनुमति नहीं थी जिसके कारण उसे भूखा ही रहना पड़ा। हालांकि दूरदराज से आए कई छात्रों ने लंच लाए थे वही खाकर कुछ देर तक उन्होंने काम चलाया।
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