पटना: एगो बात कहल जाला की जब कवनो सुखद बदलाव खातिर कवनो लड़ाई शुरू होला त उ बहुत लंबा चले ला। हम बात भोजपुरी भाषा खातिर बात कर तानी। कुछ दिन पहिले रितेश पांडेय जी के इंटरव्यू आईल रहे जेइमे उ कहले की हम खुद कुछ ओइसन गाना गवले बानी अउरी कुछ गाना जवन बहुत ज़्यादा अश्लील बा हमरा नजर में ओकरा के कंपनी वाला से रिक्वेस्ट कर के डिलीट कराव तानी। इ एगो सुखद बात रहे भोजपुरी के कवनो सितारा के मुंह से। रितेश पांडेय कहले की अब हम आगे अश्लील गाना ना गाएम और ये बात के ख्याल रखेम की हमरा गाना से केहू के कबो बाहर जाके सर ना झुकावे के पड़े।
हमनी के बहुत अच्छा लागल और अइसन लागल की जवन लड़ाई हमनी के शुरू कइले बानी जान उ सही दिशा में आगे जा ता और ओकर सकारात्मक परिणाम सामने आव ता लेकिन हम शुरू में ही कहनी ह की कुछ लड़ाई एक दिन दु दिन में खत्म होखे वाला ना होला बल्कि ओकरा खातिर हमनी के लगातार लड़े के पड़े ला अउरी भोजपुरी में भी अंतरा सिंह प्रियंका, राकेश मिश्रा अउरी बहुत सारा कलाकार बा लोग जे लोग के समझावे खातिर हमनी के बहुत लंबा लड़ाई लड़े के परी अउरी ये लड़ाई के केहू अकेले नइखे लड़ सकत। रउरा सब लोग के समर्थन ओहि तरे चाही जे तरे अब ले मिलल बा।
ये भी पढ़े: कसम खा लोगिन की सब भाषा बोलेम लेकिन भोजपुरी कबो ना छोड़ेम!
अंतरा सिंह प्रियंका शायद कबो समाज में, गांव में, दूसरा शहर में घूमे ना जाली एहीसे उनका अंदाजा नइखे की लोग इनका जइसन गायक लोग के गाना के बारे में का सोचे ला। रितेश पांडेय जी तो इस बात को मान रहे हैं कि मुंबई में उन्हें अपने गानों के कारण शर्मिंदगी झेलनी पड़ती है और अपने गानों के कारण उन्हें मुंबई में लोग एक अलग नजरिए से देखते हैं लेकिन अंतरा सिंह प्रियंका जैसे गायकों का क्या जिन्हें ‘नीबूआ जइसन गारे लगल हो’ जैसे गानों को गाने में अभी भी कोई शर्म नहीं है।
अवधेश प्रेमी हुए, प्रमोद प्रेमी हुए, मिठू मार्शल हुए, धनंजय धड़कन हुए ये सब लोग अपने शर्म को ही बेच कर खा चुके हैं। इन्हें इस बातसे कोई मतलब नहीं की हमारा गाना सुनकर भोजपुरी के बारे में और भोजपुरी भाषी लोगों के बारे में दूसरे राज्य का लड़का क्या सोचता है? इस बात का अंदाजा आप खुद लगाइए कि रितेश पांडे जो भोजपुरी के इतने बड़े कलाकार है जब उन्हें अपने गानों के लिए यह शर्मिंदगी झेलनी पड़ी है तो फिर जब यूपी और बिहार का आम लड़का मुंबई और दिल्ली जैसे शहरों में जाता है तो उसे अपने भाषा के नाम पर कितना जलील होना पड़ता होगा?
आपको इस बात का अंदाजा ना हो लेकिन हमें लगता है कि अंतरा सिंह प्रियंका भोजपुरी के लिए एक गाली के समान हो गई हैं। छोटे गायकों के बारे में और कलाकारों के बारे में हम बात तो तब करेंगे जब भोजपुरी के बड़े कलाकार चाहें वह महिला हो या पुरुष हो वे अपने आप में सुधार लाएंगे। आप छोटे गायक को इस समय क्या बोलेंगे? छोटा गायक तो बड़ी आसानी से जवाब दे देगा कि अगर आपमें हिम्मत है तो बड़े कलाकरो पर सवाल उठाइये और अगर उन पर सवाल उठाने का हिम्मत नहीं है तो फिर हम उनके दिखाए रास्ते पर चलेंगे ही।
हमें लगता है कि भोजपुरी के वह बड़े कलाकार जो वाकई में सुधार चाहते हैं उन्हें रितेश पांडे जैसे सामने आना चाहिए और उन्हें कहना चाहिए कि हां हमने गलती किया है और हमें इस चीज का अफसोस है और आगे से भोजपुरी साफ-सुथरी हो इसका ध्यान हम रखेंगे और वे अपील करें भोजपुरी के सारे कलाकारों से की चारो तरफ से प्रयास होना चाहिए। हम नहीं चाहते कि हम या आप या भोजपुरी भाषी क्षेत्र का कोई भी लड़का कल दिल्ली मुंबई जाए तो उसे भोजपुरी बोलने में शर्म महसूस हो।
आज रितेश पांडे का एक गाना आया है ‘नजर के बान’। सही बताव तानी की बहुत शानदार गाना बा। हमरा बहुत अच्छा लागल ह की देख के की भोजपुरी में अच्छा हो सक ता। गाना के लोग बहुत पसंद भी कर ता। कहला के मतलब इ बा कि लोग अच्छा चीज देखी, सुनी लेकिन तब जब भोजपुरी कलाकार लोग ओकरा के ले आयी लोग। हम रितेश पांडेय के गाना के अच्छा बोल तानी लेकिन अंतरा सिंह के नीबूआ वाला गाना के केंगान अच्छा बोल दी। उनका गाना में त खाली अइसन शब्द होला जवना के हर जगह बोलल भी पाप बा। हमरा लाग ता की सबसे ज़्यादा ज़रूरी ये बेरा सवाल उठावल बा त उ भोजपुरी के महिला गायक लोग पर। भोजपुरी में महिला कलाकार लोग के त खुद से सामने आवे के चाही, बोले के चाही की ना अइसन गाना ना बने लेकिन उ लोग अइसन बोल दी लोग त फेर पता केंगान चली की उ अंतरा सिंह हई, शिल्पी राज हई।
आखिर ओ लोग के पहचान त बस एहि सब गाना से बा। बाकी जहां ले बात भोजपुरी के बा त भोजपुरी के तथाकथित बड़का गायिका लोग के एक बेर अपना गांव, मुहल्ला में घूम के लईकीन से पूछे के चाही की जब हम लहरिया लूट ये राजा गाना गावे नी त ताहरा लोग के सुन के कइसन लागे ला। पूछे के चाही की बल्ब जरत रहे हो कबो उपर कबो नीचे वाले गाना जब गावे नी त लईकी सब के कइसन लागे ला। हमनी के एकदम चाह तानी जान की भोजपुरी के अच्छा चीज आगे बढ़े लेकिन अच्छा चीज के आगे बढ़ावे खातिर ये कचड़ा के साफ करे के परी जवना के हमनी के सब जाना मिल के कर तानी जान अउरी ई लड़ाई लगातार चलत रही। रउरा लोगिन बस आपन समर्थन बनवले रही लोगिन।
ये भी पढ़े: रवि किशन जी भोजपुरी से प्यार है तो आंदोलन करिए निवेदन नहीं!