पटना: केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली की तीनों नगर निगमों को एक करने का फैसला किया है। कैबिनेट ने इस फैसले पर मुहर लगा दी है। 2012 में नगर निगम चुनाव से पहले दिल्ली नगर निगम को तीन भागों में बांट दिया गया था। इसे तीन निगमों दक्षिण नगर निगम, उत्तर नगर निगम और पूर्वी नगर निगम में बांट दिया गया था। केंद्र सरकार ने अब तीनों नगर निगमों को एक करने का फैसला किया है।
राजधानी दिल्ली के तीनों नगर निगमों (उत्तरी, दक्षिणी और पूर्वी) को एक करने को लेकर केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा राज्य चुनाव आयुक्त को पत्र भेजा गया था। इसमें तीनों नगर निगमों को एक साथ करने का निवेदन किया गया था। केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा भेजे गए पत्र में बताया गया था कि किस प्रकार से तीनों नगर निगमों के महापौर ने इन्हें एक करने का प्रस्ताव केंद्रीय गृह मंत्रालय को भेजा। आज मंत्रालय की इस प्रस्ताव पर अंतिम मुहर लग गई।
बता दें कि दिल्ली नगर निगम को तीन निगमों में विभाजित करने का प्रयोग अब तक असफल रहा है। नगर निगम को विभाजित करने के बाद से ही नगर निगमों के कामकाज में कोई खास सुधार तो नहीं हुआ, उलटे निगम वित्तीय संकट में इस कदर फंस गए कि कर्मचारियों को वेतन देना मुश्किल हो गया था। शीला दीक्षित के कार्यकल में दिल्ली विधानसभा ने एक प्रस्ताव पास किया था, जिसे केंद्र सरकार ने अपनी स्वीकृति दी थी। इसके बाद तीनों नगर निगमों का पहली बार चुनाव 2012 में हुआ था।
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डीएमसी एक्ट की धारा में होगा बदलाव:
तीनों नगर निगमों के विलय के बाद अस्तित्व में आने वाले नगर निगम से दिल्ली की आम आदमी पार्टी की सरकार को पूरी तरह दूर रखने की संभावना जताई जा रही है। नगर निगम अधिनियम की 17 धाराओं का अधिकार दिल्ली सरकार से छीनकर केंद्र सरकार अपने अधीन ले सकती है। साथ ही इस फैसले के बाद तीनों नगर निगमों को एक करने के साथ ही 272 वार्ड ही रखे जाएंगे, लेकिन मेयर का कार्यकाल बढ़ाकर कम से कम ढाई वर्ष किया जा सकता है।
अपनाई जा सकती है मेयर-इन-काउंसिल व्यवस्था:
बताया जा रहा है कि दिल्ली सरकार का दखल निगम में बेहद कम करने के लिए मेयर-इन-काउंसिल व्यवस्था अपनाई जा सकती है, जिसमें मेयर और उसके पार्षदों को शहर के लोग सीधे चुनेंगे। हालांकि इसको लेकर फिलहाल कोई जानकारी नहीं दी गई है। लेकिन ऐसा होता है तो वह राजधानी के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल से ज्यादा प्रभाव वाला माना जाएगा, क्योंकि सीएम सिर्फ एक विधानसभा से विधायक के तौर पर चुना जाता है।
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