पटना :अब देखिए ना हमारी सरकार हमारी स्वास्थ्य का इतना चिंता कर रही है कि अब वह चाहती ही नहीं कि हम तेल में तलकर कुछ खा सकें। कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर जी कहते हैं कि हमने मिलावट बंद करा दिया इसीलिए सरसों का तेल महंगा हो गया और चिंता मत कीजिए फायदा सीधे तौर पर हमारे किसानों को होगा। क्या बात कर रहे हैं सर? जब किसान जिंदा रहेगा तब वह फायदा लेगा या फिर फायदा नहीं लेगा आप तो किसानों को मारने पर तुले हुए हैं। आपको क्या लगता है कि हर कोई एक साथ 20 लीटर तेल का डब्बा ही खरीदा है?
याद रखिए कि आप उस देश के मंत्री है जहां कोई 20 लीटर वाला डब्बा भी खरीदा है तो कोई केवल 20 रुपया का सरसों का तेल खरीद कर ले जाता है जिससे एक समय का खाना बन सके और उसके बच्चे खा कर आराम से सो सकें। आज भी जाकर गांव में पता कर लीजिएगा कि कितने परिवार एक समय में मात्र 10 से 20 रुपया का तेल खरीदने जाते हैं जिससे कि एक समय का खाना बना सके और अब आप बात करते हैं कि हम खुले में सरसों की तेल की बिक्री को नहीं होने देंगे और ऊपर से दावा करते हैं कि इससे किसानों को फायदा होगा। किसी ने लिखा है कि अब सरसों का तेल, तेल नहीं बल्कि परफ्यूम हो गया है।
हमारे मंत्री जी और सरकार को किसानों की इतनी चिंता है कि सरसों का तेल अब और खुले में नहीं बिकने देंगे क्योंकि उससे मिलावट होती है लेकिन अगर सर से पूछ लिया जाए कि पेट्रोल का क्या हाल है तो मुंह बंद कर लेंगे। हो सकता है कि पेट्रोल के मिलावट को भी उन्होंने रोक दिया हो इसलिए पेट्रोल का दाम इतना बढ़ रहा है लेकिन हमारे कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर को इससे क्या मतलब है? अगर आप सवाल पूछेंगे तो वे बोल भी सकते हैं यह सवाल जाकर पेट्रोलियम मंत्री से पूछिए। हम तो बस कृषि मंत्रालय का जिम्मा संभाल रहे हैं। साहब लोगों को कोई मतलब नहीं है कि पेट्रोल शतक मार रहा है तो सरसों का तेल दोहरा शतक पार कर गया है।
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इसी में कुछ लोग अपना लॉजिक लेकर आ जाएंगे कि हमने शेर पाला है तो शेर को खिलाना थोड़ा महंगा पड़ता है। तो उन लोगों के लिए कहेंगे कि आप अपने शेर को अपने पैसे का खिलाइए लेकिन जो गरीब है जिन्हें शेर नहीं पालना है उनको इस से आजाद कर दीजिए। सरसों का तेल लगातार महंगा होता जा रहा है और अब दो गरीबों के लिए और भी मुश्किल हो रहा है क्योंकि खुले में तेल बेचने पर रोक लगा दिया गया है। मतलब सरकार चाहती है कि हर कोई तेल का डब्बा ही खरीदें और इसका तर्क भी उनके पास काफी शानदार है कि हमने मिलावट को रोकने के लिए उपाय किया है लेकिन इसका जवाब नहीं है कि जो गरीब 10 रुपया और 20 रुपया के तेल में एक समय खाना बनाकर खाता है उसका क्या हाल होगा? मतलब कि उसके पास इतने ही पैसे होते हैं की एक समय में वह मात्र 10 से 20 रुपया का ही तेल खरीद सके लेकिन अब साहब लोगों के अनुसार उन्होंने गरीबी को भगा दिया है और यहां सब लोग करोड़पति हो गए हैं।
देख रहे हैं सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें बताया जा रहा है कि नरेंद्र मोदी जब विदेश यात्रा पर जाते हैं तो एयरपोर्ट पर ही नहा लेते हैं जिससे कि पैसा बचाया जा सके। नरेंद्र मोदी के बारे में बनाए गए इस वीडियो के नीचे कमेंट में वाह-वाह लिखने वालों की लंबी कतार लगी है लेकिन उन लोगों के पास यह पूछने का समय नहीं है कि आखिर खाने का तेल क्यों 1 साल में 60 फीसदी तक महँगा हो गया है? आजकल सरसों के तेल का दाम 200 तक पहुंच गया है जो पिछले साल मई महीने में 120-30 रुपया के आसपास था। अगर आप इसका जवाब सरकार से मांगेंगे तो उनके मंत्री आकर बताएंगे कि हमारे शासनकाल में तो महंगाई मात्र 60 पर्सेंट बढ़ा है लेकिन मनमोहन सिंह ने 10 साल शासन किया तो उनके शासनकाल में महंगाई तो 200 फीसदी बढ़ गई थी। हमारे आसपास अनेकों ऐसे गरीब लोग हैं जो एक बार में सिर्फ 100-150 ग्राम तेल खरीदते हैं लेकिन अब सरकार के मुताबिक सब कोई तेल का डब्बा खरीदें।
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इसके पीछे का कारण भी जान लीजिए। सरकार ने एक नया नियम लागू किया है। खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम 2011 में संशोधन कर कहा गया है कि बहु स्रोतीय वनस्पति तेल में सरसों तेल का सम्मिश्रण नहीं हो सकेगा। इसका सीधा सा मतलब है कि अब खुले में खाने वाला तेल नहीं बिकेगा और अगर खुले में खाने का तेल नहीं बिकेगा तो इससे सबसे ज्यादा प्रभावित गरीब तबके के लोग होंगे लेकिन सरकार का दावा है कि उसके इस फैसले से किसानों को फायदा होगा। चलिए मान लेते हैं कि किसानों को कुछ फायदा हो जाए लेकिन फिर जब यह तेल डिब्बे में पैक हो कर किसानों के पास वापस आएगा या फिर गरीब मजदूरों के पास वापस आएगा तो क्या उन्हें आपकी सरकार इसे सस्ते में मुहैया कराएगी? सामान्य सी बात है कि आप की सरकार के पास ऐसी कोई योजना नहीं है। मतलब की गरीब किसानों को भी वही दाम देना होगा तो फिर इस हिसाब से हमें यह कहने में कोई दिक्कत नहीं है कि आप किसानों को सिर्फ एक लॉलीपॉप थमा रहे हैं। बाकी ध्यान दीजिए क्योंकि देश में अभी फिर से चुनाव होना है।
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