पटना: आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने मोदी सरकार पर कोरोना संकट में देश के लोगों को अनाथ की तरह छोड़ देने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि सरकार को पता ही नहीं था कि कोरोना काल में लोगों के साथ क्या हो रहा था? संजय सिंह ने इस मुद्दे पर संसद में विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव पेश करने की योजना बना रहे हैं। वह दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा कि सरकार का जवाब बिल्कुल असत्य है। देश के कोई अन्य जगहों पर ऑक्सीजन की कमी हुई थी, लेकिन सरकार इसे मानने को तैयार नहीं है। हमने दिल्ली के भीतर ऑक्सीजन की कमी से होने वाली मौत को लेकर कमेटी बनाई थी जिसको उपराज्यपाल ने मंजूरी नहीं दी। अगर दिल्ली सरकार की मांग पर वह कमेटी बनाई जाती तो अफीम की कमी से होने वाली माता आंकड़ा सबके सामने होता।
बता दें कि संसद के सत्र शुरू हो गई है। संसदीय सत्र के दूसरे दिन कोरोना संक्रमण पर चर्चा हुई थी। इस चर्चा के दौरान नए नए नवेले स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडविया ने सरकार का पक्ष रखते हुए कहा कि कोरोना की दूसरी लहर में ऑक्सीजन की किल्लत से एक भी मौत नहीं हुई है। जिसके बाद से ही इस बात पर चर्चा तेज हो गई कि दूसरी लहर में सब ने देखा है कि किस तरह से कई हॉस्पिटलों में ऑक्सीजन की किल्लत थी और कई जगहों पर लोगों की मौत भी हुई है, लेकिन सरकार इसे मानने को तैयार नहीं है।
प्रियंका गांधी ने ट्वीट करके कहा कि रोना की दूसरी बार में ऑक्सीजन की कमी इसलिए मौतें हुई क्योंकि सरकार ने ऑक्सीजन 700% बढ़ा दिया था। उन्होंने सरकार पर यह भी आरोप लगाया कि ऑक्सीजन ट्रांसपोर्ट करने वाले टैंकरों की व्यवस्था नहीं की गई थी।इसके अलावा अस्पतालों में ऑक्सीजन प्लांट लगाने की पूरी सक्रियता भी नहीं दिखाई गई।
शिवसेना के सांसद संजय रावत ने भी स्वास्थ्य मंत्री बाप को लेकर सरकार पर सवाल खड़े किए हैं। उन्होंने कहा कि सरकार के इस जवाब को सुनकर उन पर क्या गुजर रही होगी जिन्होंने अपने परिवार के सदस्यों को खोया है। सरकार के खिलाफ मुकदमा दर्ज होनी चाहिए। सरकार झूठ बोल रही हो दूसरी लहर के दौरान ऑक्सीजन की किल्लत से देश में एक भी मौत नहीं हुई है, लेकिन सच्चाई यह है कि दूसरी लाल के दौरान 500 से अधिक लोगों की मौत ऑक्सीजन की किल्लत से हुई है।