पटना: देश में पेट्रोल और डीजल की बढ़ी कीमतों का असर ना सिर्फ आमलोगों पर पड़ रहा है बल्कि इसकी वजह से खाद्य पदार्थों की कीमतें भी महंगी हो रही है। इस बीच बुधवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की तरफ से राज्य के मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक में पेट्रोल-डीजल की बढ़ी पर राहत देने को कहा गया। पीएम मोदी कहा था कि केंद्र ने उत्पाद शुल्क में कटौती कर अपना काम कर दिया था, लेकिन कई राज्यों ने अपने यहां वैट पर कटौती नहीं की। वहीं गुरुवार को पेट्रोलियम मंत्री ने भी वैट कम न करने को लेकर महाराष्ट्र और राजस्थान सरकार को आड़े हाथों लिया है।
शराब की जगह ईंधन पर टैक्स घटे:
केन्द्रीय पेट्रोलियम मंत्री हरदीप पुरी ने कहा कि पेट्रोल सस्ता हो सकता है बशर्ते विपक्ष शासित राज्य सरकारें शराब पर इंपोर्टेस टैक्स में कटौती की जगह ईंधन पर टैक्स में कटौती करें। हरदीप पुरी ने ट्विटर पर लिखा कि “महाराष्ट्र सरकार पेट्रोल पर 32.15 रुपये टैक्स लेती है जबकि कांग्रेस शासित राजस्थान में 29.10 रुपये वसूला जाता है। लेकिन उत्तराखंड में सिर्फ 14.51 रुपये और उत्तर प्रदेश में 16.50 रुपये ही सरकार की तरफ से चार्ज किया जा रहा है। प्रदर्शन तथ्यों का मुकाबला नहीं कर सकता है।”
BJP ruled States have a VAT on petrol & diesel in the range of ₹14.50 to ₹17.50 /ltr, while taxes levied by states ruled by other parties are in the range of ₹26 to ₹32 /ltr. The difference is clear. Their intent is only to protest & criticise, not extend relief to the people
— Hardeep Singh Puri (@HardeepSPuri) April 28, 2022
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महाराष्ट्र सरकार पर उठाया सवाल:
केंद्रीय पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि महारष्ट्र सरकार ईंधन पर कर के रूप में मोटी रकम वसूल कर रही है। जबकि राज्य के लोगों को राहत देने के लिए उसे वैल्यू एडेड टैक्स में कटौती करनी चाहिए। उन्होंने आंकड़े गिनाते हुए महाराष्ट्र सरकार से सवाल किया कि राज्य सरकार ने 2018 से ईंधन कर के रूप में 79,412 करोड़ रुपये एकत्र किए हैं और इस वर्ष 33,000 करोड़ रुपये एकत्र करने की उम्मीद है।
राहुल गांधी बोले- पीएम जिम्मेदारी से बच रहे:
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने पीएम मोदी और पेट्रोलियम मंत्री के निशाना साधने पर पलटवार किया है। राहुल गांधी ने कहा है कि ईंधन की ऊंची कीमतों के लिए राज्य दोषी, कोयले की कमी के लिए राज्य दोषी और ऑक्सीजन की कमी के लिए भी राज्य दोषी। सभी ईंधन करों का 68 फीसदी तो केंद्र सरकार द्वारा लिया जाता है। फिर भी, पीएम जिम्मेदारी से बचते हैं। मोदी का संघवाद सहयोगी नहीं है, यह जबरदस्ती है।
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