बिहार के लिए एक अच्छी खबर भी है और इसी के साथ सावधान रहने की भी जरूरत है। अच्छी खबर यह है कि बिहार में मानसून दस्तक देने की पूरी तैयारी में है और माना जा रहा है कि बिहार में 43 डिग्री सेल्सियस के करीब पहुंच रहा तापमान नीचे गिरेगा। कल यानी कि 9 जून से प्रदेश के अधिकांश हिस्से में बारिश की संभावना है तथा कुछ जिलों में तेज आंधी चलने की भी संभावना जताई जा रही है। सबसे ज्यादा संभावना जताई जा रही है कि इस दौरान वज्रपात होने की भी आशंका है और इसी के मद्देनजर मौसम विभाग की तरफ से इसको लेकर अलर्ट भी जारी किया गया।
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बिहार में मानसून का आगमन काफी फायदेमंद होता है और इसका इंतजार भी प्रदेश भर के किसान बेसब्री से करते हैं और इसी को लेकर आज काफी महत्वपूर्ण खबर भी आई है तथा इसी के साथ लोगों को सावधान भी किया गया है। बिहार में हर साल मानसून के आगमन पर वज्रपात से बहुत बड़ी संख्या में लोग असमय काल की गाल में समा जाते हैं और इसी को लेकर मौसम विभाग बार-बार लोगों को सावधान कर रहा है।
पश्चिम बंगाल में वज्रपात को लेकर ही एक बुरी खबर है। पश्चिम बंगाल के 3 जिलों में वज्रपात के कारण 26 लोगों के मौत की खबर है। यह बात हम इसलिए नहीं बता रहे हैं कि हम सब डरे बल्कि सिर्फ इसलिए सुना रहे हैं कि हम सबको मानसून के आगमन के साथ ही सावधान रहने की जरूरत है। पश्चिम बंगाल में सबसे ज्यादा मौत हुगली जिले में हुई है जहां आकाशीय बिजली गिरने से 11 लोगों की मौत हुई है। वहीं इसके बाद मुर्शिदाबाद में 9 लोगों की मौत हुई है। अभी पश्चिम बंगाल को लेकर मौसम विभाग की तरफ से बताया गया है कि आने वाले 10 तारीख से लेकर 14 तारीख तक बंगाल के अलग-अलग हिस्सों में भारी बारिश होगी जिसके मद्देनजर अलर्ट जारी किया गया है। उधर महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई में आज सुबह बारिश होने से तापमान में गिरावट दर्ज की गई है और मौसम विभाग के अनुसार यह मानसून आने के पहले प्री मानसूनी बारिश है।
अब बात कर लेते हैं बिहार के बारे में। बिहार को लेकर मौसम विभाग की तरफ से अलर्ट जारी किया गया है और कहा गया है कि कल बिहार के अधिकतर हिस्सों में भारी बारिश होने की संभावना है तथा वज्रपात का भी अनुमान जिसको लेकर लोगों से सावधानी बरतने की खास अपील भी की गई है। बताया जा रहा है कि 11 जून के आसपास बंगाल की खाड़ी के उत्तरी इलाके में एक प्रकार का दबाव बनेगा जिसके कारण बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल और उड़ीसा में भारी बारिश होने की संभावना जताई गई है। बताया जा रहा है कि यह बारिश दक्षिण-पश्चिम मानसून का असर होगा। अगर मानसून की बात करें तो इस बार आमतौर पर मानसून जिसमें आता है उसे 2 दिन की देरी से केरल में पहुंचा लेकिन मानसून के आगे बढ़ने की रफ्तार काफी अच्छी है और अब तक वह केरल, कर्नाटक, तमिलनाडु, मध्य प्रदेश तथा तेलंगाना में प्रभावी हो चुका है।
बिहार में कल यानी कि 9 जून से जिस बारिश को लेकर अलर्ट जारी किया गया है वह भी प्री मानसून की बारिश ही है। मौसम विज्ञान केंद्र के तरफ से इसी के मद्देनजर राज्य भर में अलर्ट जारी किया गया है। बिहार में मानसून पहुंचने की संभावना भी सामान्य से एक-दो दिन पहले ही जताई जा रही है। बताया जा रहा है कि भले ही मानसून केरल में 2 दिन देरी से पहुंचा हूं लेकिन वहां से आगे वह काफी तेजी से बढ़ा जिसके कारण देश के कई हिस्सों में समय से पहले मानसून पहुंच चुका है और इसी के आधार पर अनुमान जताया जा रहा है कि बिहार में भी मानसून का समय से एक-दो दिन पहले ही आगमन होगा। राज्य में गर्मी अपने चरम पर है तथा अगर सबसे गर्म स्थान की बात करें तो भागलपुर पूरे राज्य में सबसे अधिक गर्म स्थान रहा, जहां का अधिकतम तापमान 42.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया है।
इसके अलावा आज भी राज्य के कई इलाकों में मौसम बदला बदला का नजर आया वहीं कई इलाकों में बारिश भी हुई है। राज्य के सुपौल अररिया किशनगंज तथा उत्तर पूर्वी जिलों में आज अचानक मौसम में बदलाव दर्ज किया गया है। गोवा और महाराष्ट्र में मानसून समय से 2 दिन पहले पहुंचा लेकिन फिर भी कुछ मौसम विज्ञान केंद्रों का अनुमान है कि बिहार में मानसून के पहुंचने में सामान्य समय से 1 दिन की देरी हो सकती है हालांकि कुछ मौसम केंद्रों का कहना है कि मानसून का आगमन बिहार में भी समय से 1-2 दिन पहले ही हो जाएगा।
हालांकि प्री मानसून की बारिश कल से ही राज्य में शुरू होने की उम्मीद जताई जा रही है और अब इसी के साथ राज्य में एक तरफ किसानों के चेहरे पर छाई मायूसी खत्म होने की उम्मीद है तो दूसरी तरफ बाढ़ ने भी चिंता बढ़ा दी है। राज्य में भी मानसून पहुंचा भी नहीं की अलग-अलग नदियों में जलस्तर बढ़ने की खबर आने लगी है और इसी के साथ कई क्षेत्रों में निचले इलाके में पानी पहुंचने की भी जानकारी मिल रही है। जानकारी आई है कि दरभंगा क्षेत्र में कमला बलान नदी के जलस्तर में वृद्धि हुई है जिसके कारण आसपास के निचले इलाकों में पानी भर गया है जिसके कारण यातायात भी प्रभावित हुआ है। निचले इलाकों का संपर्क जिला मुख्यालय से भी टूट गया है। मानसून की पहले ही बिहार में बाढ़ की तस्वीर डराने वाली है सरकार को चाहिए कि समय रहते हर प्रयास और हर उपाय किया जाए जिससे कि बाढ़ से होने वाले नुकसान को कम से कम किया जा सके।
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