पटना: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामले को लेकर आज पूर्वोत्तर के 8 राज्यों के साथ बैठक करेंगे। इससे पहले बुधवार को कैबिनेट सचिव राजीव गौबा ने पूर्वोत्तर के राज्यों के साथ बैठक कर कोरोना संक्रामण समीक्षा की थी। आज की बैठक में असम, त्रिपुरा, नागालैंड, मेघालय, सिक्किम, मणिपुर, मिजोरम और अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सामिल होंगें।
कोरोना के बढ़ते मामले को देखते हुए महीने की शुरुआत में केंद्रीय टीम ने भी इन राज्यों का दौरा किया था। कोरोना के 80 फ़ीसदी मामले 90 जिलों में है। जिनमें से 14 पूर्वोत्तर राज्यों के जिले हैं। देश में 73 जिले में पॉजिटिव रेट 10 फ़ीसदी से अधिक है। इनमें से 40 जिले पूर्वोत्तर राज्य से हैं। विशेषज्ञ ने बताया कि इसके पीछे आर फैक्टर है। इस फैक्टर से यह पता चलता है कि कोरोना संक्रमित एक व्यक्ति द्वारा कितने व्यक्तियों को संक्रमित करने की संभावना है।
दूसरी लहर में देश ने देखा कि कैसे लोग अनाथों की तरह एंबुलेंस और अन्य स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए भटक रहे थे। अब देश भर में कोरोना संक्रमण की स्थिति कम होती दिख रही है। हालांकि इन राज्यों में जमीनी स्तर पर केंद्र सरकार की काम कर रही है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि केंद्र सरकार राज्य सरकारों के साथ मिलकर जमीनी स्तर पर कोरोना संक्रमण काम करने का प्रयास कर रही है। जिससे पूर्वोत्तर के राज्यों में भी अरुणा संक्रमण कम किया जा सके।
विशेषज्ञों ने तीसरी लहर की संभावना से पहले हीं आगाह कर दिया है। कोरोना संक्रमण कम करने के लिए जरूरी है कि वैक्सीनेशन की रफ्तार में तेजी की जाए। कई ऐसे देश हैं जिन्होंने अपनी आबादी का 50% से 60% जनसंख्या को वैक्सीनेट कर दिए हैं। इससे वहां तीसरी लहर की संभावनाएं कम हो गई है। विशेषज्ञों की सलाह है कि भारत में भी यदि कम से कम 50% लोगों को डबल डोज दे दिया जाए तो तीसरी लहर की संभावनाएं कम हो सकती है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज राज्यों के साथ बैठक में कोरोना संक्रमण को कम करने के विषय में चर्चा करेंगें। पूर्वोत्तर के राज्यों में कोरोना संक्रमण की रफ्तार कम होने की नाम नहीं ले रही है। वहीं तीसरी लहर की संभावना पहले जताई गई है। दूसरी लहर में जिस तरह से लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ा है। इससे सरकार की व्यवस्था पर प्रश्न चिह्न खड़ा हो गया है। तीसरी लहर में सरकार नहीं चाहती कि फिर से दूसरी लहर की तरह स्थिति हो।
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